spot_img
दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए. - महात्मा गांधी
Homeउत्तराखंडझिलमिल झील में विदेशी पक्षियों का आकर, पर्यटकों के लिए नया स्वर्ग...

झिलमिल झील में विदेशी पक्षियों का आकर, पर्यटकों के लिए नया स्वर्ग बना

झिलमिल झील में विदेशी पक्षियों का अद्भुत आगमन, पर्यटकों और फोटोग्राफरों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बना

हरिद्वार(सुरेन्द्र कुमार)। उत्तराखंड के जलाशयों और नदियों में इन दिनों विदेशी प्रवासी पक्षियों का अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है। खासकर हरिद्वार स्थित झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व, जो अब पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है, में विदेशी पक्षियों की बड़ी संख्या में आवाजाही देखी जा रही है। यह स्थल इन पक्षियों के लिए एक प्रमुख ठिकाना बन चुका है, जो हजारों किलोमीटर की यात्रा कर यहां सर्दियां बिताने के लिए आते हैं। वन विभाग भी इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है, ताकि इनका प्रवास बिना किसी विघ्न के जारी रहे।

झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व का इलाका खास तौर पर साइबेरियन पक्षियों के लिए आदर्श स्थल साबित हो रहा है। ये पक्षी, जो बेहद ठंडे साइबेरियाई क्षेत्रों से आते हैं, यहां अपने अनुकूल वातावरण की तलाश में आते हैं। इस समय, यहां सुर्खाब, रिवर लैपविंग, कॉमन टील, पलाश ईगल, ब्लैक विंग्ड, रिवर टर्न, नॉर्दर्न पिनटेल जैसे विभिन्न विदेशी पक्षी देखे जा रहे हैं। इन पक्षियों का यह आवागमन एक तरफ जहां प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाता है, वहीं यह पर्यावरण संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है। हर साल नवंबर से मार्च तक इस समयावधि में विदेशी पक्षी यहां अपनी प्रजनन प्रक्रिया को भी पूरा करते हैं।

झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व में लगभग 22 किलोमीटर लंबा जंगल सफारी ट्रैक है, जो पर्यटकों के लिए एक शानदार आकर्षण है। इस ट्रैक को खास तौर पर विदेशी पक्षियों के प्रवास के दौरान सजाया गया है, जिससे पर्यटक न केवल प्रकृति के सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं, बल्कि पक्षियों के विभिन्न प्रकारों को भी देख सकते हैं। इस जंगल सफारी ट्रैक में वन्यजीवों की एक विस्तृत प्रजाति पाई जाती है और यहां पर्यटन भी खूब बढ़ा है। गंगा के तट से सटे इस रिजर्व का यह ट्रैक हर साल सैकड़ों सैलानियों को आकर्षित करता है, जो इन दुर्लभ पक्षियों को देखने के लिए यहां आते हैं। पक्षियों के लिए यह स्थान बेहद अनुकूल है, क्योंकि यहां पानी की पर्याप्त उपलब्धता है और यह रिजर्व फॉरेस्ट होने के कारण मानव हस्तक्षेप से भी सुरक्षित रहता है।

झिलमिल झील का यह क्षेत्र, जो अब एक कंजरवेशन रिजर्व के रूप में स्थापित हो चुका है, वन्य जीवन और पक्षियों के संरक्षण के लिए एक आदर्श स्थल बन चुका है। यह रिजर्व पहले से ही एक सुरक्षित पर्यावरण प्रदान करता है, जिसमें विदेशी पक्षियों को अपने प्रवास और प्रजनन के लिए जरूरी सुविधाएं मिलती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थान की प्राकृतिक शांति और विशिष्टता के कारण ही हर साल पक्षियों की संख्या बढ़ रही है। इस समय यहां पक्षियों की बढ़ती तादाद से यह स्पष्ट हो गया है कि यह क्षेत्र उनके लिए संजीवनी बन चुका है। वन विभाग ने इस रिजर्व में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से सख्त नियम बनाए हैं और लगातार निगरानी रखी जा रही है, ताकि यहां कोई बाहरी प्रभाव पक्षियों के प्रवास को प्रभावित न कर सके।

यह रिजर्व, जो साल 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निर्देश पर संरक्षण रिजर्व घोषित किया गया था, अब एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है, जहां पक्षी प्रेमी, फोटोग्राफर और पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। मार्च के महीने में जैसे ही गर्मियों की शुरुआत होगी, ये विदेशी पक्षी अपने घर की ओर लौट जाएंगे। इस प्रकार, यह स्थल पक्षियों के लिए एक शरणस्थली बन चुकी है और उनके प्रवास के दौरान प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। वन विभाग और स्थानीय समुदाय की सक्रियता से इस क्षेत्र में पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही, यह स्थल पर्यटकों के लिए एक शानदार अनुभव भी बन चुका है, जहां वे प्रकृति के सौंदर्य के साथ-साथ पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों को भी देख सकते हैं।

संबंधित ख़बरें
गणतंत्र दिवस की शुभकामना
75वां गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

लेटेस्ट

ख़ास ख़बरें

error: Content is protected !!