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खनिज निकासी गेट पर वन निगम की मनमानी से स्थानीय ट्रांसपोर्टरों में उबाल, प्रदर्शनकारियों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

ट्रांसपोर्टरों का आरोप- वन निगम के फैसले से खतरे में है सुरक्षा और व्यवसाय, गुस्से में प्रदर्शनकारी पहुंचे RM के कार्यालय

रामनगर(एस पी न्यूज़)। खड़ंजा गेट पर वन निगम की एक नई नीति के कारण स्थानीय ट्रांसपोर्टरों में भारी असंतोष फैल गया है। खनिज लदे वाहनों की लंबी कतारों से जूझ रहे इस गेट पर अब नए वाहनों का पंजीकरण करवा दिया गया है, जिससे स्थानीय ट्रांसपोर्टरों का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पहले से ही यहां ट्रैफिक का दबाव बहुत ज्यादा था, अब इस गेट पर वाहनों की संख्या बढ़ने से स्थिति और भी विकट हो गई है। यह नीति अचानक लागू की गई है, जिसके चलते ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि वन निगम के RM ने बिना किसी स्पष्ट कारण के और नियमों का उल्लंघन करते हुए यह कदम उठाया है। इन परिवर्तनों का न केवल व्यावसायिक असर पड़ा है, बल्कि इससे सामाजिक और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक, वन निगम का यह निर्णय पूरी तरह से उनकी आजीविका को संकट में डालने वाला साबित हो रहा है और उन्हें अपनी गतिविधियों को जारी रखने में भारी मुश्किलें आ रही हैं। इस स्थिति के कारण उनके कामकाजी माहौल में अस्थिरता आ गई है, जिससे उनके लिए अपनी आजीविका चलाना भी मुश्किल हो गया है।

यह नीति न केवल स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के लिए चिंता का विषय बनी है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में अराजकता की स्थितियां भी उत्पन्न कर रही है। खड़ंजा गेट पर ट्रांसपोर्टरों की लंबी कतारों का सामना पहले ही किया जा चुका था, लेकिन अब वन निगम के RM ने कालूसिद्ध और कठियापुल गेटों के वाहनों को भी इसी गेट पर भेजने का फैसला किया है। इससे गेट पर वाहनों की संख्या दोगुनी हो गई है, और क्षेत्र में व्याप्त अराजकता और बढ़ गई है। स्थानीय लोग और ट्रांसपोर्टर इस फैसले को लेकर बेहद आक्रोशित हैं। उनका आरोप है कि वन निगम के RM ने नियमों को नजरअंदाज करते हुए यह कदम उठाया है, जो पूरी तरह से अनुचित है। इसके कारण न केवल ट्रांसपोर्टरों को परेशानी हो रही है, बल्कि पूरे क्षेत्र में यातायात की स्थिति भी खराब हो गई है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इस निर्णय ने उनके व्यवसाय को भारी नुकसान पहुंचाया है और उनके लिए अपने धंधे को बनाए रखना असंभव बना दिया है। इसके अलावा, ट्रांसपोर्टरों ने यह भी कहा है कि इस कदम से आम जनता के लिए सुरक्षा के गंभीर खतरे पैदा हो गए हैं, क्योंकि भारी-भरकम खनिज लदे ट्रकों के गुजरने से यहां आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

खड़ंजा गेट का स्थान एक ऐसा स्थान है, जहां से हर दिन सैकड़ों स्कूली बच्चे और ग्रामीणों का आवागमन होता है। ऐसे में ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि यहां से भारी-भरकम ट्रकों का गुजरना न केवल यातायात की समस्या पैदा कर रहा है, बल्कि यह बच्चों और स्थानीय लोगों के लिए गंभीर खतरा बन गया है। ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि वन निगम की यह नीति केवल पैसे कमाने के उद्देश्य से लागू की गई है और इसमें आम जनता की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं की गई है। स्थानीय ट्रांसपोर्टरों ने यह भी कहा कि यदि यह स्थिति यूं ही जारी रही, तो उनकी रोजी-रोटी का संकट और भी गहरा जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वन निगम के RM ने यह निर्णय भ्रष्टाचार के कारण लिया है। उनके मुताबिक, इस फैसले के पीछे किसी प्रकार का निजी लाभ छुपा हुआ है, जो उनकी समझ से बाहर है। इससे न केवल ट्रांसपोर्टरों का बल्कि पूरे क्षेत्र का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ट्रांसपोर्टरों ने इसे एक प्रकार की तानाशाही के रूप में लिया है, जहां नियमों और जनता की भलाई को दरकिनार करके सिर्फ स्वार्थी फैसले लिए जा रहे हैं।

इस मुद्दे को लेकर ट्रांसपोर्टरों ने वन निगम RM के कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन जब प्रदर्शनकारी वहां पहुंचे, तो RM कार्यालय में मौजूद नहीं थे। इससे प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भी बढ़ गया। उनका आरोप था कि RM जानबूझकर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए गायब हो गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि RM इस फैसले के माध्यम से भ्रष्टाचार कर रहे हैं, और उनका यह कदम पूरी तरह से किसी न किसी प्रकार के निजी लाभ के लिए लिया गया है। ट्रांसपोर्टरों ने चेतावनी दी कि अगर वन निगम ने इस फैसले को तुरंत वापस नहीं लिया, तो वे और अधिक उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। उनके मुताबिक, अगर यह मनमानी नीति जारी रही, तो वे उच्च अधिकारियों से लेकर न्यायालय तक में इस मुद्दे को उठाएंगे। उनका यह स्पष्ट संदेश है कि वन निगम को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना होगा, नहीं तो खड़ंजा गेट पर एक बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है। ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और इस मामले में न्याय प्राप्त करने के लिए पूरी ताकत से संघर्ष करेंगे।

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