नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2025 पेश किया, जो उनके करियर का आठवां बजट था। इस दौरान उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है। पिछले 10 वर्षों में किए गए संरचनात्मक सुधारों और भारत के विकास ट्रैक रिकॉर्ड ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। वित्त मंत्री के अनुसार, भारत की आर्थिक प्रगति का यह समय है, जब दुनिया का ध्यान देश पर केंद्रित हो गया है और यह देश के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत हैं।
बजट 2025 में कई अहम घोषणाएं की गईं, जिनका प्रभाव जनता की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस बजट का असर न केवल घरेलू चीजों पर, बल्कि कीमती धातुओं जैसे सोने और चांदी की कीमतों पर भी दिखाई देगा। इस पहल के तहत उन्होंने सोने, चांदी और अन्य कीमती धातुओं पर आयात शुल्क को कम करने का प्रस्ताव रखा, जो भारतीय बाजारों में इन धातुओं की मांग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। दरअसल, इस बजट का उद्देश्य भारत को घरेलू उत्पादों के लिए प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बाजार बनाना है, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि वह सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत और प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखती हैं। इससे घरेलू बाजार में सोने और चांदी के आभूषणों की मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस कदम से न केवल आभूषण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश में कीमती धातु के आभूषणों की घरेलू कीमतें भी कम हो सकती हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं को फायदा होगा। सरकार का यह कदम घरेलू उत्पादकों को प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने के साथ-साथ आयातित सोने और चांदी पर कम दामों में आभूषण बनाने की प्रक्रिया को भी सरल बनाएगा।
इसके साथ ही, इस बजट के दौरान आर्थिक सर्वे 2024-25 में भी यह बताया गया कि 2025 में सोने की कीमतों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है। वहीं, चांदी की कीमतों में हल्की वृद्धि हो सकती है। यह भी कहा गया कि 2025 और 2026 में कमोडिटी की कीमतों में क्रमशः 5.1 प्रतिशत और 1.7 प्रतिशत की कमी का अनुमान है, जो वित्त मंत्री के द्वारा पेश किए गए आयात शुल्क कटौती के प्रस्ताव से मेल खाती है। ये मूल्य बदलाव विशेष रूप से निवेशकों और सामान्य उपभोक्ताओं के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकते हैं, क्योंकि इससे उनके लिए खरीदारी करना सस्ता हो सकता है।
इतना ही नहीं, वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन की कीमतों में भी कमी की संभावना जताई। भारतीय मोबाइल उद्योग के लिए यह एक राहत की खबर हो सकती है, क्योंकि इस कदम से ग्राहकों को सस्ते स्मार्टफोन मिल सकते हैं। इसके साथ ही, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तीन महत्वपूर्ण दवाओं पर भी छूट देने की घोषणा की गई है, जो मरीजों के लिए राहत की बात हो सकती है। यह निर्णय उन लोगों के लिए एक बड़ी सौगात है जो महंगे उपचार के कारण चिंतित थे। कैंसर की दवाओं पर छूट से चिकित्सा क्षेत्र में और अधिक लोगों तक पहुंच बनाई जा सकेगी, और यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके अतिरिक्त, बजट में मछली हाइड्रोलाइजेट और मछली के पेस्टुरिया पर भी सीमा शुल्क घटा दिया गया है। यह कदम मछली उद्योग के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि इससे मछली उत्पादों की कीमतें सस्ती हो सकती हैं। बजट में किए गए ये कदम ना केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदे का सौदा हैं, बल्कि उद्योगों के लिए भी एक प्रोत्साहन हो सकते हैं। सरकार का उद्देश्य विभिन्न उद्योगों के लिए एक समर्थ और समावेशी ढांचा तैयार करना है, जिससे देश में व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ सकें और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो सकें।
इस बजट के दौरान वित्त मंत्री ने देश की विकास दर को बढ़ाने के लिए कई अहम पहल कीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बजट का उद्देश्य गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए समावेशी विकास को सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, यह बजट देश के मध्यवर्गीय परिवारों को राहत देने का काम करेगा, जो आयकर में छूट की घोषणा के कारण करों में कमी का लाभ उठा सकेंगे। कुल मिलाकर, बजट 2025 के प्रस्तावों का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाना है, और इसे वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा करना है।