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निर्मला सीतारमण ने 2025 बजट में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स से परमाणु उर्जा मिशन की शुरुआत की

2025 बजट में निर्मला सीतारमण ने परमाणु उर्जा मिशन से भारत को ऊर्जा महाशक्ति बनाने की घोषणा

नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 2025 का बजट पेश किया, जिसमें विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान किया गया। इस बजट के दौरान, वित्त मंत्री ने परमाणु उर्जा के क्षेत्र में एक नई पहल का प्रस्ताव किया है। उन्होंने यह घोषणा की कि सरकार छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) के शोध और विकास को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करेगी। यह कदम देश में परमाणु उर्जा के क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए उठाया जा रहा है। वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यह एक लंबी अवधि की योजना है, और इसके अंतर्गत 2047 तक भारत में 100 गीगावाट परमाणु उर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही, 2033 तक पांच स्वदेशी छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स का परिचालन शुरू करने का भी वादा किया गया है। यह पहल न केवल परमाणु उर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा और स्वावलंबन की दिशा में एक मजबूत कदम आगे बढ़ाएगी।

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि परमाणु उर्जा के क्षेत्र में अब निजी क्षेत्र के कंपनियों को भी अवसर दिए जाएंगे। सरकार ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि इस क्षेत्र में अब सिर्फ सरकारी नियंत्रण न हो, बल्कि निजी कंपनियों को भी सक्रिय रूप से भागीदारी करने का अवसर मिल सके। यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि इससे न केवल निवेश में वृद्धि होगी, बल्कि तकनीकी विकास में भी तेजी आएगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बदलाव को लागू करने के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन किए जाएंगे। इन संशोधनों के जरिए निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही, नए संशोधन कंपनियों को सुरक्षा और जोखिम के मामलों में अधिक स्पष्टता और समर्थन प्रदान करेंगे, जिससे यह क्षेत्र और अधिक आकर्षक बनेगा।

सरकार का यह नया मिशन भारत में परमाणु उर्जा के उत्पादन को एक नई दिशा देने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि ये न केवल ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करेंगे, बल्कि सस्ते और अधिक कुशल भी होंगे। SMRs, पारंपरिक परमाणु रिएक्टर्स से कहीं अधिक छोटे और कॉम्पैक्ट होते हैं। इनकी खासियत यह है कि इन्हें अलग-अलग जगहों पर आसानी से इंस्टॉल किया जा सकता है और ये कम जगह में अधिक ऊर्जा उत्पादन कर सकते हैं। यह एक लागत-कुशल समाधान है जो ऊर्जा उत्पादन की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने से भारत में परमाणु उर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकते हैं।

इस पहल का एक और बड़ा लाभ यह है कि इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि होगी। देश में ऊर्जा संकट के समाधान के लिए नवीनतम तकनीकी और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता है। छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) और परमाणु उर्जा उत्पादन की दिशा में यह एक अहम कदम है, जो न केवल घरेलू ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा। यह भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगा। इसके साथ ही, यह कदम वैश्विक पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद करेगा, क्योंकि परमाणु उर्जा उत्पादन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक होता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि इस मिशन के अंतर्गत कई नए रोजगार अवसर पैदा होंगे। छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के निर्माण और संचालन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में कर्मचारियों की जरूरत होगी, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। इसके अलावा, तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षेत्र में भी वृद्धि होगी। यह कदम भारतीय उद्योग और विज्ञान को एक नई दिशा देगा और भारत को वैश्विक स्तर पर परमाणु उर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकता है। सरकार का यह कदम न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हो सकता है, जो समग्र रूप से पर्यावरण और विकास के दृष्टिकोण से लाभकारी साबित होगा।

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