नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता) आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारत के क्रिकेट फैंस में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। यह टूर्नामेंट भारत के लिए खास होगा, क्योंकि भारतीय टीम को अपने सभी मैच यूएई में खेलने हैं। लेकिन इस बड़े आयोजन से पहले कुछ चिंताएं भी हैं जो भारत के लिए खिताब जीतने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती हैं। भारत की टीम के लिए यह चुनौती इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि टीम के 15 खिलाड़ियों में से आठ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने यूएई में कभी वनडे मैच नहीं खेला। इसके अलावा, तीन अन्य खिलाड़ियों ने केवल एक मैच खेला है, जो टीम की तैयारी को मुश्किल बना सकता है। हालांकि, इस दौरान भारतीय टीम को अपनी रणनीति के हिसाब से परिस्थितियों से तालमेल बैठाना होगा, खासकर जब टूर्नामेंट अनिश्चित परिस्थितियों में खेला जाएगा।
यूएई में भारतीय खिलाड़ियों का वनडे अनुभव बहुत सीमित है, और इस संदर्भ में भारत की कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर है। रोहित शर्मा ने यूएई में पांच वनडे मैच खेले हैं और यहां उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने 105.66 की औसत से 317 रन बनाए, जिसमें एक शतक और दो अर्द्धशतक भी शामिल हैं। हालांकि, भारत के अन्य प्रमुख खिलाड़ियों जैसे विराट कोहली, शुभमन गिल, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, मोहम्मद शमी और श्रेयस अय्यर ने इस क्षेत्र में कभी भी वनडे नहीं खेला है। इन खिलाड़ियों के पास यूएई में खेलने का कोई अनुभव नहीं है, जो टीम के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। इसके अलावा, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों के पास यहां केवल एक-एक वनडे मैच का अनुभव है, जो कम आंकड़ा है।
यूएई में खेलने का अनुभव कम होने के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने टी20 में यहां अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन वनडे क्रिकेट में बदलाव लाना इतना आसान नहीं होगा। जहां टी20 क्रिकेट में आक्रामक बल्लेबाजी और छोटे गेंदबाजी स्पैल की जरूरत होती है, वहीं वनडे में धैर्य, निरंतर दबाव और लंबे समय तक गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी होता है। यूएई की धीमी पिचें स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार होती हैं, लेकिन तेज गेंदबाजों को लाइट्स में सीम मूवमेंट मिल सकती है, जो उन्हें लाभ पहुंचा सकती है। इन परिस्थितियों में खुद को ढालने में भारत के कुछ खिलाड़ियों को मुश्किल हो सकती है। इसके अलावा, गर्मी और नमी के चलते खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में भारतीय टीम को अपनी रणनीति पर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि वे इन हालातों से बेहतर तरीके से निपट सकें।
हालांकि, भारतीय टीम के पास कुछ उम्मीदें भी हैं। चोटों के बाद वापसी करने वाले कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह ने यूएई में अच्छा प्रदर्शन किया है, जो टीम के लिए सकारात्मक संकेत हैं। कुलदीप यादव ने यूएई में 6 मैचों में 10 विकेट लिए हैं, जबकि जसप्रीत बुमराह ने 4 मैचों में 8 विकेट प्राप्त किए हैं। इन दोनों खिलाड़ियों का अनुभव और प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर जब टूर्नामेंट के दौरान गेंदबाजी की भूमिका अहम होगी। हालांकि, टीम के अन्य खिलाड़ी, जो चोट से उबर रहे हैं, उनके प्रदर्शन पर भी सबकी नजरें रहेंगी। इन खिलाड़ियों का फिटनेस स्तर और उनकी क्षमता ही भारत के लिए इस टूर्नामेंट में सफलता का निर्धारण करेगी।
भारत के पास टीम में कुछ अनुभवी खिलाड़ी हैं, जो टीम की दिशा दिखाने में मदद कर सकते हैं। कप्तान रोहित शर्मा, कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी पहले भी बड़े टूर्नामेंट्स में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। उनका अनुभव टीम को मानसिक रूप से मजबूत बना सकता है। हालांकि, युवा और कम अनुभव वाले खिलाड़ियों को इन कड़ी परिस्थितियों में खुद को साबित करना होगा। यह देखने वाली बात होगी कि वे यूएई की धीमी पिचों और उच्च दबाव वाली स्थितियों में किस तरह से प्रदर्शन करते हैं। भारतीय टीम की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे अपनी रणनीति को कितनी जल्दी लागू कर पाते हैं और अपनी टीम की पूरी ताकत का इस्तेमाल कर पाते हैं।
भारत का अभियान 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ मैच से शुरू होगा, जो टीम के लिए एक महत्वपूर्ण मुकाबला होगा। इसके बाद, 23 फरवरी को पाकिस्तान से भारत का महामुकाबला होगा, जो इस टूर्नामेंट का सबसे रोमांचक मैच साबित हो सकता है। इसके बाद 3 मार्च को भारत का सामना न्यूजीलैंड से होगा। यह मैच भी भारतीय टीम के लिए एक बड़ा टेस्ट होगा, क्योंकि न्यूजीलैंड हमेशा चुनौतीपूर्ण टीम रही है। भारत ने दो बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती है, लेकिन पिछले संस्करण में उसे पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार, भारत की कोशिश होगी कि वह इस हार का बदला लेकर ट्रॉफी अपने नाम करे।