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महाकुंभ 2025 मौनी अमावस्या पर अखाड़ों की सुरक्षा के लिए की गई 3 स्तरीय बैरिकेडिंग और स्टील जाल से कवर

आम श्रद्धालु अब साधु-संन्यासियों के बीच नहीं पहुंच पाएंगे। अखाड़ों के अमृत स्नान के रास्ते और स्थल पूरी तरह से खाली कर दिए गए हैं।

प्रयागराज(सुरेन्द्र कुमार)। महाकुंभ 2025 के सबसे बड़े अमृत स्नान के लिए प्रशासन ने तैयारियां अंतिम रूप में पूरी कर ली हैं। विशेष रूप से मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दिन संगम पर भारी भीड़ जुटने की संभावना है। ऐसे में प्रशासन ने इस बार सुरक्षा और व्यवस्था की नई रणनीति तैयार की है। इस बार, साधु-संन्यासियों और अखाड़ों को विशेष सुरक्षा दी जाएगी और आम श्रद्धालुओं को उनके रास्ते में नहीं घुसने दिया जाएगा। महाकुंभ के इस सबसे बड़े स्नान के मौके पर संगम क्षेत्र को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है और इसके आसपास 3 स्तरीय बैरीकेडिंग की गई है। बैरीकेड को स्टील के जाल से कवर किया गया है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को अनधिकृत रूप से दाखिल होने से रोका जा सके।

महाकुंभ प्रशासन ने यह कदम मकर संक्रांति के दिन साधु-संन्यासियों और आम श्रद्धालुओं के बीच घमासान और अव्यवस्था से पैदा हुई नाराजगी के बाद उठाया। 14 जनवरी को अमृत स्नान के दिन भीड़ के दबाव के कारण साधु-संन्यासी और नागा साधु सही तरीके से स्नान नहीं कर पाए थे, जिसके कारण कई संतों ने प्रशासन से शिकायत की थी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी कि स्नान के दौरान अव्यवस्था के कारण साधु-संन्यासियों को सही से स्नान का अवसर नहीं मिला। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए थे कि इस बार साधु-संन्यासियों के स्नान में कोई विघ्न न डाले और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया जाए।

इसकी वजह से प्रशासन ने इस बार सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं और संगम क्षेत्र को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। जहां साधु-संन्यासी स्नान करेंगे, वहां किसी भी आम श्रद्धालु को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। घाट के आसपास पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, सुरक्षा के लिहाज से रास्तों को खाली करा दिया गया है और वहां पर हर प्रकार की व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि इस बार साधु-संन्यासियों और नागा साधुओं को शांति से अमृत स्नान करने का पूरा अवसर मिले।

अखाड़ों के स्नान का क्रम भी पहले से तय किया जा चुका है, जिसमें प्रत्येक अखाड़ा एक निश्चित समय पर स्नान करेगा। सुबह 5:00 बजे महा निरवाणी अखाड़े के नागा संन्यासी स्नान करेंगे, इसके बाद श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा का स्नान होगा। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा 5:50 बजे स्नान करेंगे। इस क्रम में जूना अखाड़ा और अवाहन अखाड़ा के साधु भी स्नान करेंगे। सुबह 9:25 बजे बैरागी अखाड़े के संत स्नान करेंगे और 10:05 बजे दिगंबर अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे। दिन के 11:05 बजे निर्मोही अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे और अंतिम में उदासीन परंपरा के तीनों अखाड़े स्नान करेंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे पंचायती अखाड़े के संत अमृत स्नान करेंगे और 1:05 बजे पंचायती बड़ा उदासीन स्नान करेगा। अंत में पंचायती निर्मल अखाड़ा 2:25 बजे स्नान करेगा।

मेला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस बार किसी भी हालात में कोई भी आम श्रद्धालु साधु-संन्यासियों के स्नान के क्षेत्र में नहीं आ सकेगा। इसके लिए बैरीकेडिंग के अलावा, पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान घाट के आसपास तैनात किए गए हैं। साथ ही, संगम क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर और भी कड़े उपाय किए गए हैं ताकि शाही स्नान के दिन कोई अप्रिय घटना न घटे। प्रशासन का कहना है कि इस बार प्रशासनिक और सुरक्षा इंतजामों के चलते हर चीज व्यवस्थित और शांतिपूर्ण रहेगी। महाकुंभ 2025 का यह अमृत स्नान एक ऐतिहासिक घटना बनने जा रहा है, जिसमें ना केवल अखाड़े के साधु-संन्यासी बल्कि लाखों श्रद्धालु भी गंगा में डुबकी लगाने के लिए संगम पहुंचेंगे। प्रशासन की ओर से की गई यह तैयारी यह सुनिश्चित करेगी कि इस बार स्नान के दौरान कोई भी अप्रिय घटना न हो और सभी साधु-संन्यासी बिना किसी विघ्न के गंगा मैया में डुबकी लगा सकें।

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