नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली विधानसभा चुनावों के प्रचार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को सीलमपुर के बाद अपनी दूसरी चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला। पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र में आयोजित इस सभा के दौरान राहुल गांधी ने दिल्ली की जनता से सीधा संवाद करते हुए केजरीवाल की साख को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
राहुल गांधी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल आए थे, एक छोटी सी गाड़ी में सवार होकर, उन्होंने दिल्ली को बदलने का वादा किया था। वे पोल पर चढ़कर बिजली के कनेक्शन जोड़ने की बात करते थे, लेकिन जब दिल्ली में हिंसा हुई, जब गरीबों को जरूरत पड़ी, तो वे कहीं नजर नहीं आए। उन्होंने कहा था, श्साफ राजनीति लाऊंगाश्, लेकिन दिल्ली में सबसे बड़ा शराब घोटाला हुआ और यही सच्चाई है।
राहुल गांधी ने इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी जीवन पर भी तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल अब ‘शीश महल में रहते हैं’ और उनकी राजनीति पर सवाल उठाते हुए राहुल ने कहा कि उनका दावा ‘दिल्ली को बदलने का’ मात्र एक दिखावा था। उन्होंने यह भी कहा कि जब आम आदमी पार्टी के नेता खुद को गरीबों का मसीहा बताते हैं, तब उनकी कथनी और करनी में अंतर नजर आता है।
जनसभा में राहुल गांधी ने कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम नफरत का भारत नहीं चाहते, हम डर और हिंसा का भारत नहीं चाहते, हमें मोहब्बत की दुकान चाहिए। इसके बाद उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल चौधरी को भारी मतों से जीत दिलाएं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही दिल्ली में जाति जनगणना करवाई जाएगी ताकि समाज के हर वर्ग को समान अधिकार मिल सकें।
राहुल गांधी ने भारतीय संविधान पर भी बात की और इसे बीजेपी की नीतियों के खिलाफ खड़ा किया। उन्होंने कहा, ष्लड़ाई किस बात की है? लड़ाई संविधान की है। यह लड़ाई डॉ. अंबेडकर के संविधान की है। बीजेपी खुलेआम कह चुकी है कि वे संविधान को बदल देंगे।ष् इसके बाद राहुल गांधी ने मोहन भागवत के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें भागवत ने कहा था कि 15 अगस्त 1947 को भारतीयों को असली आज़ादी नहीं मिली थी। राहुल गांधी ने भागवत के इस बयान को संविधान का अपमान बताया और कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत को जो स्वतंत्रता मिली, वह भारतीय संविधान की वजह से थी।
राहुल गांधी ने राम मंदिर के उद्घाटन पर भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में न तो कोई गरीब दिखाई दिया, न ही आदिवासी समुदाय के लोग। सिर्फ बड़े-बड़े अरबपति और रसूखदार लोग वहां नजर आए। यह देश सिर्फ 5-10 प्रतिशत लोगों का है, जबकि हमारा संविधान कहता है कि सभी लोग समान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति भारत में सुरक्षा और सम्मान का हकदार है तो वह केवल संविधान से है, न कि किसी प्रधानमंत्री या धनाढ्य व्यक्ति से।
कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि अरबपति अपना पैसा देश के एयरपोर्ट्स, पोर्ट्स, डिफेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि में लगा रहे हैं। यह हिंदुस्तान का धन अरबपतियों के हवाले करना चाहते हैं। मोदी जी के खास मित्र अदानी के पास यह सारा पैसा है, असल में यह सारा पैसा मोदी जी के हाथों में है।
राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस बदलाव की मुहिम को आगे बढ़ाने का वादा किया और कहा कि कांग्रेस ही वह पार्टी है, जो देश में अमीर-गरीब के बीच का अंतर खत्म कर सकती है और हर भारतीय को समान अधिकार दे सकती है। उन्होंने अंत में एक बार फिर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनाने का आह्वान किया और लोगों से वोट की अपील की। राहुल गांधी का यह भाषण दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर तब जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मजबूत स्थिति है। राहुल गांधी ने इस जनसभा में न केवल केजरीवाल पर हमला किया बल्कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को भी कटघरे में खड़ा किया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली के मतदाता किसे अपने वोट से चुनते हैं और राहुल गांधी की अपील का चुनावी नतीजों पर क्या असर होता है।