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फायरिंग से लेकर ‘तमंचे पर डिस्को’ तक, चैंपियन के विवादों ने हमेशा सुर्खियां बटोरीं, हड्डियां तोड़ने की धमकी भी दे चुके हैं

फायरिंग, विवाद और धमकियों से घिरे चैंपियन, राजनीति में हमेशा चर्चाओं का हिस्सा बने रहे हैं अपने विवादित कृत्यों से

रूड़की(सुरेन्द्र कुमार)। हरिद्वार जनपद में एक बार फिर विवादों में घिरे पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन, जो अपनी विवादास्पद हरकतों के लिए पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। उन्हें अब खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार से भिड़ने के बाद चर्चाओं में लाया गया है। इस नए विवाद ने उत्तराखंड के राजनीति में एक भूचाल ला दिया है, जहां दोनों नेताओं के बीच टकराव बढ़ गया है। यह संघर्ष तब और भी तीव्र हो गया, जब चौंपियन पर उमेश कुमार के कार्यालय में घुसकर फायरिंग करने और वहां मौजूद लोगों पर हमला करने का आरोप लगाया गया। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी सुरक्षा तैनात की है। कुंवर प्रणव चौंपियन के नाम से जुड़े विवादों की लंबी सूची है, जो उनके लिए कोई नई बात नहीं है। साल 2006 में जब उन्होंने कई मगरमच्छों पर गोलियां चलाई थीं, तो यह घटना पूरी मीडिया में चर्चा का विषय बन गई थी। इसके बाद, एक अन्य घटना में उन्होंने एक रोडवेज बस चालक पर फायर किया था, क्योंकि उस समय बस ने उन्हें रास्ता नहीं दिया था। फिर 2010 में, मंगलौर कस्बे में एक कार्यक्रम के दौरान आवेश में आकर उन्होंने एक बार फिर गोली चला दी थी। हालांकि, इन घटनाओं में किसी के जान-माल की क्षति नहीं हुई थी, लेकिन इनकी लगातार बढ़ती हिंसक प्रवृत्तियों ने चौंपियन को बार-बार विवादों में डाला।

इतना ही नहीं, 2013 में हरक सिंह के आवास पर आयोजित डिनर पार्टी के दौरान चौंपियन ने डांस करते हुए अचानक गोली चला दी थी, जिससे राज्य आंदोलनकारी विवेकानंद खंडूड़ी घायल हो गए थे। इस घटना ने एक बार फिर उनके विवादास्पद व्यक्तित्व को सबके सामने ला दिया। वहीं, 2015 में भी उनका नाम एक और फायरिंग घटना में सामने आया, जब उन्होंने पथरी में खनन को लेकर कुछ ग्रामीणों पर गोली चलाने का आरोप लगाया था। चौंपियन के इन विवादों ने उन्हें एक विवादास्पद नेता के रूप में स्थापित किया, जो हर बार अपने बयानों और हरकतों से सुर्खियों में रहते थे। इस तरह की घटनाओं के बावजूद, चौंपियन ने 2019 में दिल्ली के उत्तराखंड सदन में एक टीवी चौनल के पत्रकार को थप्पड़ मारने का आरोप भी झेला, जिससे उनके आक्रामक रुख की ओर इशारा मिलता है। इसके बाद, 2021 में उनका एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने एक पत्रकार को हड्डी तोड़ने की धमकी दी थी। इन घटनाओं ने उनकी छवि को और भी खराब किया, और उन्हें विवादों के केंद्र में बनाए रखा। अब, हालिया घटना में उमेश कुमार के साथ उनका टकराव और फायरिंग की घटना ने एक बार फिर उन्हें मीडिया के केंद्र में ला दिया है।

इस विवाद के बाद भाजपा ने उनसे तुरंत किनारा कर लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना था कि इस प्रकार की हरकतों से पार्टी की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ता है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों नेताओं के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, और उनके गनर को वापस करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही, उनके हथियारों के लाइसेंस भी रद्द किए जाएंगे, और इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। मामला तब और गंभीर हो गया जब खानपुर विधायक उमेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि उन्होंने चौंपियन के समर्थकों के साथ मिलकर फायरिंग की थी, और इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। पुलिस ने देर रात दोनों नेताओं को गिरफ्तार किया और अब उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस ने दोनों नेताओं के घरों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है और रुड़की के रामनगर कोर्ट में उन्हें पेश करने की तैयारी की जा रही है। इस घटनाक्रम ने उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है और अब यह देखा जाएगा कि इस विवाद के परिणाम क्या होंगे।

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