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स्वामी विवेकानंद जयंती पर महाविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस का भव्य आयोजन

स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर आधारित सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों से छात्राओं में प्रेरणा और आत्मविश्वास का संचार

काशीपुर(एस पी न्यूज़)। चन्द्रावती तिवारी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, काशीपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें संगोष्ठी, भाषण, कविता पाठ और अन्य प्रेरणादायक कार्यक्रम शामिल थे। छात्राओं ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करते हुए उनके आदर्शों और शिक्षाओं पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद छात्राओं ने उनके जीवन पर आधारित प्रेरणादायक प्रसंग प्रस्तुत किए, जिससे उनके जीवन मूल्यों और योगदान को दर्शाया गया। इस दौरान स्वयंसेवी काजल कश्यप ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनकी उपलब्धियों और शिक्षाओं को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है, जो उन्हें आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। इस मौके पर छात्रा रीना ने अपनी कविता के माध्यम से स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और उनके योगदान को खूबसूरती से प्रस्तुत किया, जिसे सभी ने सराहा।

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. कीर्ति पंत ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन अनुशासन, सेवा और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक है, जिससे हर युवा को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके समय में थीं। उनके विचारों में वह शक्ति है, जो हर युवा को अपने जीवन में आगे बढ़ने और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझने की प्रेरणा देती है। स्वामी विवेकानंद ने हमेशा आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और निःस्वार्थ सेवा पर बल दिया। उनका मानना था कि सशक्त युवा ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। प्राचार्या ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात करें और अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते हुए समाज की उन्नति में योगदान दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि उसे व्यवहार में लाकर समाज की सेवा करना है। डॉ. पंत ने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वयं को सशक्त बनाएं, आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्यों को निर्धारित करें और अनुशासन व परिश्रम के साथ अपने जीवन में सफलता प्राप्त करें। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं को यह भी प्रेरित किया कि वे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपने दैनिक जीवन में अपनाकर अपने अंदर नेतृत्व क्षमता और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करें।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं के साथ-साथ महाविद्यालय के शिक्षकगण भी उत्साहपूर्वक उपस्थित रहे। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वंदना सिंह और डॉ. गीता मेहरा ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का कार्य करती हैं। उनका मानना है कि स्वामी विवेकानंद का जीवन दर्शन युवाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि विवेकानंद जी ने हमेशा शिक्षा को आत्मज्ञान और आत्मविकास का साधन माना है, और उनका जीवन अनुकरणीय है। डॉ. वंदना सिंह ने कहा कि आज के समय में जब युवा विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तब विवेकानंद के विचार एक मार्गदर्शक के रूप में काम कर सकते हैं। डॉ. गीता मेहरा ने इस बात पर बल दिया कि हमें स्वामी विवेकानंद के जीवन से यह सीखने की आवश्यकता है कि किस प्रकार अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहकर सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विवेकानंद जी का विचार था कि अगर युवा अपनी क्षमताओं को पहचान लें और उनका सदुपयोग करें, तो वे राष्ट्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे आत्मअनुशासन, समर्पण और सेवा भाव के साथ समाज की भलाई के लिए कार्य करें।

कार्यक्रम के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रजना और कु. सृष्टि सिंह ने भी अपने विचार साझा किए और छात्राओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार आज के युवाओं के लिए एक मजबूत प्रेरणा स्रोत हैं। डॉ. रजना ने छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने और शिक्षा को जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साधन के रूप में अपनाने की सलाह दी। कु. सृष्टि सिंह ने कहा कि विवेकानंद जी का संदेश आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत पर आधारित है, जो हर युवा को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करता है। दोनों ने छात्राओं को प्रोत्साहित किया कि वे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें।

इस दौरान महाविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद के विचारों पर आधारित विभिन्न पोस्टरों और चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों और विचारों को दर्शाया गया। छात्राओं ने इस प्रदर्शनी को देखने के बाद प्रेरणा लेते हुए अपने विचार व्यक्त किए। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से अवगत कराना और उनमें आत्मविश्वास तथा नेतृत्व क्षमता विकसित करना था। विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को सम्मानित किया गया और महाविद्यालय परिवार ने इस आयोजन की सराहना की।

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