काशीपुर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड की वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री अलका पाल को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अहम जिम्मेदारी दी गई है, जो उनकी राजनीतिक यात्रा में एक और मील का पत्थर साबित हो सकता है। उन्हें कांग्रेस हाईकमान द्वारा आगामी चुनावों में पार्टी संगठन को सशक्त बनाने और पार्टी प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए कोआर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें संगठन में अपनी स्थायी और प्रभावी भूमिका के रूप में देखा है। काशीपुर की इस कांग्रेस नेत्री ने पूर्व में कई राज्यों में पार्टी की जीत के लिए कार्य किया है, और अब दिल्ली में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को नई दिशा देने की जिम्मेदारी उन पर डाली गई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने अलका पाल को यह जिम्मेदारी सौंपी और उनसे उम्मीद जताई कि वह पार्टी की जीत के लिए अपना योगदान देंगे और चुनाव प्रचार अभियान को सशक्त और गतिशील बनाएंगे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को समर्थन देने के साथ-साथ अलका पाल का यह दायित्व कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए भी है। उन्होंने अपनी नई जिम्मेदारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह पार्टी की नीतियों और विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से समर्पित रहेंगी। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरके, और संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के प्रति उनका आभार भी व्यक्त किया। इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव का भी आभार जताया और यह भरोसा दिलाया कि वह अपनी निष्ठा और समर्पण के साथ इस जिम्मेदारी को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी।
अलका पाल की नियुक्ति एक संकेत है कि कांग्रेस पार्टी में उनके कामकाजी कौशल और संगठनात्मक समझ को महत्व दिया गया है। उनके पास पहले से ही कई राज्यों में चुनावी जिम्मेदारियाँ रही हैं, और उनके द्वारा उन राज्यों में की गई कार्यवाही ने पार्टी को विजय दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, और अमेठी तथा रायबरेली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पर्यवेक्षक के रूप में दायित्व सौंपा गया था। इन राज्यों में उनके द्वारा की गई मेहनत और नेतृत्व की वजह से पार्टी की स्थिति मजबूत हुई थी, और अब उन्हें दिल्ली में इसी तरह की जिम्मेदारी दी गई है। यह कदम कांग्रेस पार्टी की रणनीति को और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है, जिसमें अलका पाल की राजनीतिक सूझबूझ का फायदा उठाने की योजना है।
अलका पाल का यह दायित्व केवल एक चुनावी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह पार्टी की रणनीतिक दिशा को बेहतर करने और संगठन को एकजुट करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। 8 फरवरी तक दिल्ली में सक्रिय रहने वाली अलका पाल को उम्मीद है कि वह पार्टी के प्रत्याशियों को समर्थन देने के लिए चुनावी माहौल को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकेंगी। उनके कार्यक्षेत्र में संगठनात्मक मजबूतियों के अलावा, चुनाव प्रचार को भी गति देने की योजना है। इस चुनावी दौर में उनके नेतृत्व में पार्टी की ताकत बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है, और उनके अनुभव को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वह दिल्ली में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी क्षमता के साथ काम करेंगी।
यह जिम्मेदारी उन्हें और उनके समर्थकों के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि इससे यह संदेश जाता है कि कांग्रेस पार्टी में उनके योगदान को गंभीरता से लिया गया है। अलका पाल की सक्रियता और नेतृत्व क्षमता को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वह दिल्ली चुनाव में पार्टी के लिए नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में सफल होंगी।