रामनगर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड में बजट निर्माण प्रक्रिया को लेकर एक अहम पहल सामने आई है, जिसमें रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन ने राज्य सरकार से कई महत्वपूर्ण सुझाव और सुधार की मांग की है। एसोसिएशन ने यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि राज्य में जनभागीदारी बढ़े और बजट निर्माण में प्रत्येक वर्ग की आवाज को सुना जाए। इस संदर्भ में, रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट पूरन चंद्र पांडे और सचिव गौरव गोला ने अपनी मांगें राज्य सरकार तक पहुंचाई हैं। सबसे महत्वपूर्ण सुझाव यह है कि समाधान के डीलर के टर्नओवर की सीमा को अन्य राज्यों की तरह 1.5 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाए, जिससे छोटे डीलर भी आसानी से टैक्स अदा कर सकें। इस कदम से छोटे व्यापारियों और डीलरों को राहत मिल सकेगी, जो अपनी व्यापारिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
इसके अलावा, एसोसिएशन ने समाधान के तिमाही फॉर्म ब्डच्-08 को भरने की तारीख में बदलाव की भी मांग की है। वर्तमान में इसकी जमा करने की अंतिम तारीख 18 है, जिसे बढ़ाकर 25 करने का सुझाव दिया गया है। इस बदलाव से व्यापारियों को और समय मिलेगा, जिससे वे अपने टैक्स दाखिल करने की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे। एसोसिएशन का कहना है कि यह बदलाव व्यापारियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा, खासकर उन छोटे व्यापारियों के लिए जो समय की कमी के कारण अक्सर टैक्स जमा करने में देरी करते हैं। इस पहल से व्यापारियों को राहत मिलेगी और वे आसानी से अपनी कारोबारी जिम्मेदारियों को निभा सकेंगे।

रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन ने राज्य सरकार से एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया है, जो संविदाकारों और ठेकेदारों के लिए बहुत अहम है। वर्तमान में, राज्य सरकार द्वारा संविदाकारों से अदेयता प्रमाण पत्र मांगा जाता है, जिसके कारण ठेकेदारों को राज्य कर कार्यालय में बार-बार जाना पड़ता है। इस प्रक्रिया में ठेकेदारों का समय और पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। एसोसिएशन ने इस समस्या का समाधान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किया जाने की बात कही है। उन्होंने सुझाव दिया कि अदेयता प्रमाण पत्र को राज्य कर कार्यालय के बजाय ठेकेदारों के पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाए। इस कदम से ठेकेदारों को कार्यालयों के चक्कर लगाने से बचा जा सकेगा और उनका समय बच सकेगा, जो उन्हें काम में अधिक प्रोडक्टिव तरीके से खर्च करने में मदद करेगा।
एसोसिएशन ने राज्य सरकार से एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि हर तीन महीने में ज्वाइंट स्तर पर और छह महीने में एडिशनल स्तर पर बार और बैंच के अधिकारियों और अधिवक्ताओं की बैठक आयोजित की जाए। इस प्रकार की बैठकों से अधिकारियों और व्यापारियों के बीच संवाद स्थापित होगा, और शासन की जानकारी सही तरीके से व्यापारियों तक पहुंच सकेगी। यह कदम मंडल स्तर पर व्यापारिक संवाद को और मजबूत करेगा, जिससे शासन और व्यापारियों के बीच सामंजस्य बढ़ेगा। एसोसिएशन का मानना है कि इन बैठकों के जरिए व्यापारियों को नवीनतम शासनादेश और टैक्स संबंधित जानकारी मिल सकेगी, जो उनके कार्य को सुगम बनाएगी।
इन सभी सुझावों को प्रेस के माध्यम से सार्वजनिक किया गया, और रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन के अधिकारियों ने इसे राज्य सरकार तक पहुँचाने का कार्य किया। एसोसिएशन का उद्देश्य है कि व्यापारियों की समस्याओं को जल्द से जल्द हल किया जाए, ताकि वे अपने काम को प्रभावी तरीके से कर सकें। इन सुधारों से न केवल व्यापारियों को लाभ होगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। एसोसिएशन का यह कदम राज्य में व्यापारियों के हितों की रक्षा करने और शासन की नीतियों को प्रभावी बनाने के लिए है।