रामनगर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड में महिलाएं सिर्फ आर्थिक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की भी एक मजबूत आधारशिला बनकर उभर रही हैं। वे हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति से यह साबित कर दिया। 23 जनवरी को राज्य के 100 नगर निकायों में मतदान संपन्न हुआ, जिसमें कुल 65.41 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दिलचस्प बात यह रही कि इस बार महिला मतदाताओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में अधिक रही। उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 100 नगर निकायों में कुल 30,29,028 मतदाता पंजीकृत थे। इनमें से 19,81,200 मतदाताओं ने अपने वोट डाले, जिसमें 9,97,509 पुरुष मतदाता, 9,83,601 महिला मतदाता और 90 अन्य मतदाता शामिल रहे। इस बढ़ी हुई भागीदारी ने साबित कर दिया कि महिलाएं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं।
महिलाओं की यह भागीदारी राज्य में लोकतांत्रिक जागरूकता और महिला सशक्तिकरण के बढ़ते कदमों का प्रमाण है। मतदान प्रतिशत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के लगभग बराबर रही, जो यह दर्शाता है कि वे अब राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के प्रति अधिक जागरूक हो रही हैं। उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया और इस चुनाव में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। यह प्रवृत्ति न केवल राज्य में महिलाओं की राजनीतिक सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी संकेत देती है। रुद्रपुर नगर निगम में इस बार सबसे अधिक मतदान दर्ज किया गया, जहां 68.76 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। रुद्रपुर की यह उच्च मतदान दर इसे चुनावी दृष्टि से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती है। इसके विपरीत, देहरादून नगर निगम क्षेत्र में सबसे कम 55.95 फीसदी मतदान हुआ, जो अपेक्षाकृत कम रुचि को दर्शाता है। अल्मोड़ा नगर निगम क्षेत्र में भी मतदान दर कम रही, जहां केवल 62.00 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह आंकड़े बताते हैं कि कुछ क्षेत्रों में मतदाताओं की रुचि अपेक्षाकृत अधिक रही, जबकि कुछ क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखी गई।
उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 100 नगर निकायों में कुल 30,29,028 मतदाता पंजीकृत थे। इनमें से 19,81,200 मतदाताओं ने अपने वोट डाले, जिसमें 9,97,509 पुरुष मतदाता, 9,83,601 महिला मतदाता और 90 अन्य मतदाता शामिल रहे। इस बढ़ी हुई भागीदारी ने साबित कर दिया कि महिलाएं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं।
देहरादून, ऋषिकेश, पिथौरागढ़, कोटद्वार और श्रीनगर नगर निगम क्षेत्रों में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया। देहरादून में 2,14,682 पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 2,16,929 महिलाओं ने वोट डाला। ऋषिकेश में 30,093 पुरुषों की तुलना में 30,158 महिलाओं ने मतदान किया। पिथौरागढ़ में 12,002 पुरुषों के मुकाबले 12,802 महिलाओं ने वोट दिया। कोटद्वार में 35,498 पुरुषों के मुकाबले 40,175 महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। श्रीनगर में 9,734 पुरुष मतदाताओं की तुलना में 9,979 महिलाओं ने मतदान किया।
उत्तराखंड के विभिन्न नगर निगम क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत भी काफी दिलचस्प रहा। देहरादून में कुल 7,71,432 मतदाताओं में से 4,31,611 ने मतदान किया, जिससे 55.95 प्रतिशत मतदान हुआ। ऋषिकेश में 91,602 मतदाताओं में से 60,251 ने मतदान किया, जो 65.77 प्रतिशत रहा। पिथौरागढ़ में 39,242 मतदाताओं में से 24,804 ने मतदान किया, जिससे 63.21 प्रतिशत मतदान हुआ। कोटद्वार में 1,18,808 मतदाताओं में से 75,675 ने मतदान किया, जो 63.70 प्रतिशत रहा। श्रीनगर में 29,094 मतदाताओं में से 19,717 ने मतदान किया, जिससे 67.77 प्रतिशत मतदान हुआ। हल्द्वानी में 2,42,487 मतदाताओं में से 1,58,394 ने मतदान किया, जो 65.32 प्रतिशत रहा। रुद्रपुर में 1,47,018 मतदाताओं में से 1,01,091 ने मतदान किया, जिससे 68.76 प्रतिशत मतदान हुआ। काशीपुर में 1,54,886 मतदाताओं में से 1,03,622 ने मतदान किया, जो 66.90 प्रतिशत रहा। हरिद्वार में 1,93,389 मतदाताओं में से 1,31,801 ने मतदान किया, जिससे 68.15 प्रतिशत मतदान हुआ। रुड़की में 1,53,330 मतदाताओं में से 95,780 ने मतदान किया, जो 62.47 प्रतिशत रहा। अल्मोड़ा में 26,542 मतदाताओं में से 16,457 ने मतदान किया, जिससे 62.00 प्रतिशत मतदान हुआ।