हरिद्वार(एस पी न्यूज़)। नगर निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है और 23 जनवरी को होने वाले मतदान को लेकर चुनाव प्रचार अब थम चुका है। सभी राजनीतिक दल अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन इस बार हरिद्वार की जनता के सामने कई अहम मुद्दे हैं, जिन पर वे अपना वोट डालने का फैसला करेंगे। व्यापारियों से लेकर आम नागरिकों तक, सभी की उम्मीदें उन प्रत्याशियों पर टिकी हैं जो उनकी समस्याओं का समाधान निकाल सकें। हरिद्वार की जनता से बातचीत की, तो सामने आया कि इस चुनाव में प्रमुख मुद्दों में से एक हरिद्वार कॉरिडोर है। व्यापारियों का कहना है कि कॉरिडोर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है और सरकार को इस योजना की सभी जानकारियां सार्वजनिक करनी चाहिए, जिससे व्यापारियों के हित में निर्णय लिया जा सके।
हरिद्वार के लोगों के लिए जलभराव की समस्या भी एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है। वर्षों से चली आ रही इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है। जनता का कहना है कि हर साल कई योजनाएं बनाई जाती हैं और बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। चुनावी माहौल में जलभराव की समस्या ने जनता के बीच चर्चा को नया मोड़ दे दिया है, क्योंकि यह परेशानी हरिद्वार की आम जनता को लंबे समय से झेलनी पड़ रही है। साथ ही सफाई व्यवस्था और सड़कों की खराब स्थिति को लेकर भी लोगों में गहरी नाराजगी है।
एक और विवादित मुद्दा, जो चुनावी चर्चा का केंद्र बना हुआ है, वह है हरिद्वार में सरकारी मेडिकल कॉलेज को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर दिए जाने का निर्णय। इस फैसले को लेकर जनता में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। जनता का मानना है कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि यह स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रभावित कर सकता है। कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाकर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार कॉरिडोर जैसे मुद्दों को जनता के सामने रखा है और उन्हें भारी समर्थन भी मिल रहा है। इसके अलावा, कांग्रेस ने महिला सुरक्षा और बढ़ती चोरी की घटनाओं को लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश की है। रानीपुर मोड़ पर हुई लूटपाट की घटना को लेकर कांग्रेस ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और इसे जनता का अहम मुद्दा बताया है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि विपक्षी पार्टी के पास इस चुनाव में कोई ठोस मुद्दा नहीं है। भाजपा नेताओं ने साफ किया कि हरिद्वार कॉरिडोर के कार्यों में किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं की जाएगी और इसे जनता के हित में ही पूरा किया जाएगा। भाजपा ने मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इससे छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा और उनकी फीस में भी कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस केवल जनता को गुमराह करने में लगी हुई है और उनके पास विकास का कोई ठोस एजेंडा नहीं है।
हरिद्वार नगर निगम का चुनावी रण बेहद दिलचस्प हो गया है। 60 वार्डों वाले इस नगर निगम में 1 लाख 93 हजार से अधिक मतदाता हैं, जिनमें ब्राह्मण और बनिया समुदाय का दबदबा है। इसके अलावा, ठाकुर और अल्पसंख्यक समाज के मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं, जो चुनाव परिणाम में अहम भूमिका निभा सकते हैं। भाजपा ने इस बार अपनी मजबूत उम्मीदवार किरण जैसल को मैदान में उतारा है, जो दो बार पार्षद रह चुकी हैं। उनके पति सुभाष चंद्र भी कई बार पार्षद रह चुके हैं, और पूरा परिवार भाजपा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। किरण जैसल को स्थानीय विधायक और सांसद का समर्थन भी हासिल है, जिससे वह भाजपा की मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं।
कांग्रेस ने भी अपनी ओर से अमरेश बालियान को मैदान में उतारा है, जो कांग्रेस पृष्ठभूमि से आती हैं। महिला ओबीसी आरक्षण के कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रत्याशी चयन चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अब दोनों पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंक दी है। जनता इस बार विकास और बदलाव की उम्मीदों के साथ वोट डालने के लिए पूरी तरह तैयार है।