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उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 में प्रचार का अंतिम दौर, डोर-टू-डोर संपर्क रहेगा जारी

उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 के लिए 21 जनवरी शाम 5 बजे चुनावी प्रचार समाप्त होगा।

रामनगर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव 2025 की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं और चुनाव प्रचार का शोरगुल जल्द ही थमने वाला है। चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों के पास प्रचार के लिए अब महज कुछ घंटे बचे हैं, क्योंकि 21 जनवरी की शाम 5 बजे के बाद पूरे राज्य में प्रचार-प्रसार पर रोक लग जाएगी। इसके बाद उम्मीदवारों को केवल डोर-टू-डोर अभियान के जरिए मतदाताओं से संपर्क करने की अनुमति होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सके।

राज्य भर के 11 नगर निगम, 43 नगर पालिकाएं और 46 नगर पंचायतों में होने वाले इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि आचार संहिता लागू होने के बाद उम्मीदवार कोई शक्ति प्रदर्शन, जुलूस या रोड शो नहीं कर सकेंगे। इसका उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग द्वारा सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। मतदाताओं को बिना किसी दबाव के अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर दिया जाएगा।

चुनाव को लेकर प्रशासन द्वारा सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। 23 जनवरी को मतदान प्रक्रिया संपन्न होगी और इसके लिए निर्वाचन आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। चुनाव कर्मियों को मतदान और मतगणना प्रक्रिया से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा चुकी है, ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए। प्रशासन की ओर से सभी मतदान केंद्रों पर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें ईवीएम मशीनों की जांच, सुरक्षा बलों की तैनाती और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इस बार के निकाय चुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प रहने की उम्मीद है, क्योंकि विभिन्न दलों के प्रत्याशी जनता को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं ने मतदाताओं तक अपनी योजनाओं और विकास के वादों को पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं, मतदाता भी अपने क्षेत्र में विकास को प्राथमिकता देते हुए सूझबूझ के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करने की तैयारी में हैं।

उत्तराखंड के शहरी इलाकों में चुनाव को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने के लिए घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं और क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। राज्य में पहली बार निकाय चुनावों में सोशल मीडिया का प्रभाव भी व्यापक रूप से देखा जा रहा है। उम्मीदवार डिजिटल प्लेटफार्म्स के जरिए अपने प्रचार को व्यापक बना रहे हैं और युवा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नई रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं। राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। सत्तारूढ़ पार्टी जहां अपनी उपलब्धियों को गिनाने में लगी हुई है, वहीं विपक्षी दल जनता को सरकार की नीतियों की खामियों से अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं। चुनावी माहौल गरमाने के साथ-साथ प्रत्याशियों के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है।

हर उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और विकास के वादों की झड़ी लगा दी गई है। चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने के लिए पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं कि कहीं भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन न हो। खासकर संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। चुनाव को लेकर मतदाताओं में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। युवा और बुजुर्ग मतदाता दोनों ही इस चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए तैयार हैं। प्रशासन ने मतदाताओं को स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए प्रेरित करने हेतु जागरूकता अभियान भी चलाए हैं। इस बार निकाय चुनावों में महिला मतदाताओं की भागीदारी भी खास रहने वाली है। विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा महिलाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वे अपने अधिकार का पूर्ण उपयोग कर सकें।

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