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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में रिकॉर्ड नामांकन के साथ सियासी संग्राम चरम पर

नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा नामांकन, कस्तूरबा नगर में सबसे कम मुकाबला, 5 फरवरी को वोटिंग

नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गरमा गया है, क्योंकि मतदान की तारीख 5 फरवरी नजदीक आ रही है। इस चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, जिसने राजधानी की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। 17 जनवरी को नामांकन की अंतिम तिथि थी, जिसमें कुल 1521 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। ये नामांकन 981 उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किए गए, जिसमें कई उम्मीदवारों ने एक से अधिक नामांकन पत्र भी जमा किए हैं।

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर इस बार मुकाबला बेहद रोमांचक होने वाला है। नई दिल्ली विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 40 नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं, जबकि कस्तूरबा नगर सीट पर सबसे कम केवल 9 नामांकन पत्र जमा हुए हैं। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 18 जनवरी को इन सभी नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 20 जनवरी तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकते हैं। दिल्ली की राजनीति में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। यहां 29 उम्मीदवारों ने 40 नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। इसके विपरीत, कस्तूरबा नगर सीट पर केवल 6 उम्मीदवारों ने 9 नामांकन पत्र जमा किए हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों ने न केवल अपने प्रमुख उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है बल्कि डमी उम्मीदवारों के जरिए भी अपनी रणनीतियों को मजबूत किया है। इससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, भाजपा ने 68 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं, जबकि दो सीटें उसने अपने एनडीए सहयोगी दलों, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जनता दल यूनाइटेड को दी हैं। इससे साफ है कि भाजपा ने गठबंधन की राजनीति को भी महत्व दिया है। कस्तूरबा नगर सीट पर मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी के रमेश पहलवान, भाजपा के नीरज बसोया और कांग्रेस के अभिषेक दत्त के बीच है। यह सीट कम नामांकन होने के बावजूद राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम मानी जा रही है। वहीं, नई दिल्ली सीट पर भारी संख्या में नामांकन ने इस सीट को मुकाबले के केंद्र में ला दिया है।

चुनाव प्रक्रिया की अहम तारीखें भी तय कर दी गई हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी थी, नामांकन पत्रों की जांच 18 जनवरी को होगी, नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है, मतदान 5 फरवरी को होगा, मतगणना 8 फरवरी को होगी और चुनाव प्रक्रिया 10 फरवरी तक पूरी हो जाएगी। इन तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। चुनाव की घोषणा होते ही दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दोनों दल एक-दूसरे की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं और जनता को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस भी इस दौड़ में पीछे नहीं है और उसने भी अपने प्रचार अभियान को जोरशोर से शुरू कर दिया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जहां बड़े नेता प्रचार में जुटे हैं, वहीं स्थानीय उम्मीदवार भी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। जनसभाओं और रैलियों का दौर शुरू हो चुका है, जिससे दिल्ली की सियासी फिजा में गर्मी बढ़ गई है। इस बार का चुनाव कई मायनों में खास होने वाला है, क्योंकि जनता ने अपने मुद्दों पर आधारित नेताओं से सवाल करने शुरू कर दिए हैं। राजधानी दिल्ली की राजनीति में यह चुनाव केवल सत्ता का परिवर्तन नहीं, बल्कि विकास और जनता की अपेक्षाओं का भी चुनाव है। विभिन्न दलों के घोषणापत्र और वादे अब जनता की कसौटी पर हैं। दिल्ली की जनता ने अब तक कई सरकारें देखी हैं और इस बार वह सोच-समझकर मतदान करेगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कौन सी पार्टी जनता का विश्वास जीत पाएगी, यह तो 8 फरवरी को मतगणना के बाद ही साफ होगा। लेकिन इतना जरूर है कि इस चुनावी समर में हर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी है और जनता के मुद्दों को केंद्र में रखकर वोट मांग रही है। सभी की नजरें 5 फरवरी पर टिकी हैं, जब दिल्ली के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

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