टनकपुर/चम्पावत(एस पी न्यूज़)। उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में इस वर्ष का भव्य मेला 15 मार्च से 15 जून तक अत्यंत धूमधाम से आयोजित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक मेले की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी नवनीत पांडेय ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में मेले को सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। जिलाधिकारी ने सड़क और पैदल मार्गों की मरम्मत, विद्युत आपूर्ति, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं, पार्किंग, आवास और संचार सुविधाओं को पूरी तरह से दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मेला उत्तर भारत का एक प्रतिष्ठित आयोजन है, जहां लाखों श्रद्धालु मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए आते हैं।
श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी विभागों को 10 मार्च तक सभी तैयारियां पूरी करने का आदेश दिया गया है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है ताकि हर यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। टनकपुर स्थित बूम गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में मेले की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे अपने-अपने विभाग की जिम्मेदारियों को समय पर पूरा करें।
इस वर्ष मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं। पहली बार ठुलीगाड़ से आगे वाहनों पर 100 रुपये का शुल्क लागू किया जाएगा, जबकि ठुलीगाड़ में चार पहिया वाहनों से 100 रुपये और दोपहिया वाहनों से 60 रुपये वसूले जाएंगे। बूम में बस पार्किंग का शुल्क 150 रुपये तय किया गया है। मुंडन संस्कार के लिए मात्र 101 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मेला क्षेत्र में 17 प्याऊ और 44 पेयजल स्टैंड लगाए जाएंगे। काली मंदिर से मुख्य मंदिर तक भी जल संस्थान द्वारा प्याऊ की व्यवस्था की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, पार्किंग और सफाई व्यवस्था को समय पर सुधारने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मेला क्षेत्र में 24 घंटे दो एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध रहेंगी, साथ ही हंस फाउंडेशन के सहयोग से दो और एंबुलेंस तैनात की जाएंगी। भैरव मंदिर, टुन्यास और काली मंदिर में तीन चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे, जहां डॉक्टर और मेडिकल टीमें हर समय मौजूद रहेंगी। सुरक्षा के लिहाज से मेला क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल तैनात रहेगा। ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर तक 75 टैक्सियों की सटल सेवा चलाई जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा होगी।
आग से सुरक्षा के लिए पुलिस अग्निशमन वाहनों के साथ-साथ प्रत्येक दुकान में अग्नि नियंत्रण यंत्र अनिवार्य किया जाएगा। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए 800 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, जिला पंचायत को श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक आवास व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। सफाई व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि मेला क्षेत्र स्वच्छ और सुरक्षित बना रहे। चरण मंदिर में दो सोलर लाइट लगाने और मेला क्षेत्र की खराब सोलर लाइट्स को ठीक करने के निर्देश उरेडा विभाग को दिए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भंडारे आयोजित करने के लिए चिन्हित स्थानों पर मेला मजिस्ट्रेट से अनुमति अनिवार्य होगी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, एसडीएम आकाश जोशी, सीएमओ डॉ. देवेश चौहान, सीओ शिवराज सिंह राणा, जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह, अधिशासी अभियंता मोहन सिंह पलड़िया, जल संस्थान के बिलाल यूनिस, पीआईयू आदर्श गोपाल, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, उपाध्यक्ष नीरज पांडेय, पूर्व अध्यक्ष भुवन पांडेय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।