रामनगर(एस पी न्यूज़)। दूरस्थ वन क्षेत्र पूछड़ी नई बस्ती में ‘नेकी की दीवार’ का 42वां वस्त्र दान शिविर आयोजित किया गया, जिसमें सर्दी से जूझ रहे हजारों गरीब और वंचितों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। इस शिविर में उत्तर प्रदेश और बिहार से आए मजदूरों के बीच गर्म कपड़े, कम्बल और अन्य जरूरी सामान वितरित किए गए, जिससे उन लोगों को सर्दी से राहत मिली। ‘नेकी की दीवार’ द्वारा आयोजित किए गए इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन गरीब वर्गों की मदद करना है जो कठिन परिस्थितियों में जीने को मजबूर हैं। तारा चन्द्र घिल्डियाल, जो इस संगठन के संयोजक हैं, ने बताया कि इस बार 500 बेसहारा और जरूरतमंदों को कम्बल देने का संकल्प लिया गया है। यह कदम उनके लिए सर्दी के मौसम में एक जीवनदान से कम नहीं था।
घिल्डियाल ने इस अवसर पर कहा कि ‘नेकी की दीवार’ एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में गरीब वर्गों को उनके सामाजिक पिछड़ेपन से उबारने और शैक्षिक उन्नति में मदद करना है। ‘नेकी की दीवार’ का यह अभियान कई सालों से रामनगर और आसपास के क्षेत्रों में गरीब और वंचित वर्गों की मदद करने के लिए कार्यरत है। इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ कपड़े बांटना नहीं है, बल्कि समाज में बदलाव लाना है। वे चाहते हैं कि उनके द्वारा की जा रही मदद से समाज में सामाजिक न्याय और समानता का माहौल बने। ‘नेकी की दीवार’ का ये 42वां वस्त्र दान शिविर एक मिसाल पेश करता है कि किस तरह एक छोटे से कदम से बड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

इस संगठन के द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुए घिल्डियाल ने बताया कि संस्था का उद्देश्य सिर्फ वंचित लोगों को कपड़े देना नहीं है, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास करना है। ‘नेकी की दीवार’ का फोकस शिक्षा, रोजगार, विकलांगों और बुजुर्गों की देखभाल, प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता, और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर है। पिछले कुछ वर्षों में, इस संगठन ने जनपद नैनीताल के दूरस्थ क्षेत्रों में 40 से अधिक कैम्प लगाकर जरूरतमंदों की मदद की है। इसके साथ ही, संस्था ने बीपीएल परिवारों के 100 से ज्यादा बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया है, जिससे उन बच्चों के भविष्य को एक नई दिशा मिल सके।
घिल्डियाल ने यह भी बताया कि संस्था का एक और प्रमुख उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना है। जल्द ही रामनगर के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिसमें मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इस तरह के आयोजन से स्थानीय लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा, जो आमतौर पर दूरदराज के इलाकों में नहीं पहुंच पाती। ‘नेकी की दीवार’ का यह दृष्टिकोण यह साबित करता है कि जब समाज के हर वर्ग के लोग मिलकर काम करते हैं तो बड़ी समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है।
इस अवसर पर ‘नेकी की दीवार’ की टीम के कई सदस्य भी मौजूद थे, जिनमें नन्दन रावत, सुरेन्द्र विष्ट, करन आर्या, और किड्जी स्कूल से स्पर्श अग्रवाल प्रमुख थे। इन सभी ने मिलकर आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम ने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक जरूरतमंद तक सहायता पहुंचे, और उनका जीवन थोड़ा आसान हो सके। इन सामाजिक कार्यों से यह साबित होता है कि अगर हम सभी मिलकर प्रयास करें तो समाज में बदलाव ला सकते हैं। ‘नेकी की दीवार’ के इस पहल से न केवल काशीपुर और रामनगर के क्षेत्र में बल्कि पूरे उत्तराखंड में एक मिसाल कायम हुई है कि अगर अच्छे इरादे और मेहनत हो तो किसी भी सामाजिक समस्या का समाधान किया जा सकता है।
इस शिविर में भाग लेने वाले लोगों के चेहरों पर जो खुशी थी, वह इस बात का प्रतीक है कि ‘नेकी की दीवार’ ने एक बड़ी और जरूरी जरूरत को पूरा किया है। यह आयोजन न केवल एक राहत प्रदान करने वाला था, बल्कि एक सशक्त और सकारात्मक संदेश भी देता है कि समाज में हर किसी की मदद करना हम सब की जिम्मेदारी है।