देहरादून(एस पी न्यूज़)। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर इस गणतंत्र दिवस पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक छटा बिखरेगी जब अल्मोड़ा की संस्कार सांस्कृतिक समिति के 50 कलाकार कुमाऊं के प्रसिद्ध लोकनृत्य श्छपेलीश् की अद्भुत प्रस्तुति देंगे। छपेली नृत्य कुमाऊं की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण है, जो खास मौकों पर उल्लास और उमंग के साथ प्रस्तुत किया जाता है। इस लोकनृत्य में भावपूर्ण संगीत और अर्थपूर्ण मुद्राएं कलाकारों की जीवंतता को दर्शाती हैं। गणतंत्र दिवस जैसे ऐतिहासिक अवसर पर अल्मोड़ा के कलाकार जब अपनी सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन करेंगे, तो यह न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय होगा। कलाकारों ने इस प्रदर्शन के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण से रिहर्सल की है ताकि देशभर के दर्शक उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू हो सकें।
संस्कार सांस्कृतिक समिति के प्रकाश बिष्ट ने बताया कि इस महत्वपूर्ण प्रस्तुति के लिए कलाकारों का चयन बड़ी ही बारीकी से किया गया है। दल का नेतृत्व ललित मोहन बिष्ट कर रहे हैं, जो अपने अनुभव और नृत्य कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। इस सांस्कृतिक आयोजन का संचालन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी द्वारा किया जा रहा है। इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 5000 कलाकार हिस्सा लेंगे। कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में इन कलाकारों का नृत्य संयोजन प्रसिद्ध कोरियोग्राफर अकुर पठान, संजय शर्मा, कल्पेग सुभाष और शुभम पटेल द्वारा किया गया है। इनका 11 सदस्यीय दल पिछले एक महीने से कलाकारों को परफेक्ट बनाने में जुटा हुआ है। गणतंत्र दिवस के दिन जब ये कलाकार कर्तव्य पथ पर अपनी प्रस्तुति देंगे, तो यह दृश्य अद्वितीय और अविस्मरणीय होगा।

अल्मोड़ा के कलाकारों के चयन से उत्तराखंड में खुशी की लहर दौड़ गई है। विधायक मनोज तिवारी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल और सांस्कृतिक निदेशालय उत्तराखंड की निदेशक बीना भट्ट ने कलाकारों को उनकी सफलता पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं की सांस्कृतिक धरोहर का राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। श्छपेलीश् नृत्य की प्रस्तुति न केवल उत्तराखंड की परंपराओं को उजागर करेगी, बल्कि देशभर के लोगों को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता से अवगत कराएगी। यह प्रस्तुति प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगी और उत्तराखंड की कला को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाएगी। कलाकारों की मेहनत और समर्पण का फल गणतंत्र दिवस पर देशभर के दर्शक देखेंगे।
कर्तव्य पथ पर श्छपेलीश् की प्रस्तुति उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। यह अवसर न केवल कलाकारों के लिए बल्कि पूरे कुमाऊं और उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है। गणतंत्र दिवस के भव्य आयोजन में जब अल्मोड़ा के कलाकार कुमाऊंनी लोकनृत्य की छटा बिखेरेंगे, तो यह दृश्य न केवल मंत्रमुग्ध कर देने वाला होगा बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को देश और दुनिया में नई पहचान दिलाएगा। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकार न केवल अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे बल्कि उत्तराखंड की परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक समृद्धि को भी राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करेंगे। इस ऐतिहासिक क्षण में उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपराएं देश की विविधता में एकता का प्रतीक बनकर उभरेंगी। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर जब उत्तराखंड के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे, तो पूरा देश उनकी कला और संस्कृति का कायल हो जाएगा। यह प्रदर्शन उत्तराखंड की कला को नई दिशा और पहचान देगा और आने वाली पीढ़ियों को अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने का अवसर प्रदान करेगा।