रामनगर(एस पी न्यूज़)। तराई पश्चिमी डिवीजन के पतरामपुर रेंज के मालधन मोहन नगर क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब नदी किनारे एक बाघ का शव मिला। जैसे ही यह खबर फैली, सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोग बाघ के शव को देखने के लिए उमड़ पड़े, जिससे मौके पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। इस अप्रत्याशित घटना ने पूरे क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल बना दिया। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस प्रशासन की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए इलाके को घेर लिया और स्थिति पर नियंत्रण पाया। भीड़ को नियंत्रित कर शव को सुरक्षित कब्जे में लिया गया और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की गई ताकि बाघ की मौत के असली कारणों का पता लगाया जा सके। अधिकारी हर पहलू की गहनता से जांच कर रहे हैं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि बाघ की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई या किसी अन्य वजह से।
ग्रामीणों के बीच इस घटना ने गहरी चिंता और डर का माहौल पैदा कर दिया है। बाघ की मृत्यु ने मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग ने स्थानीय निवासियों से संयम बनाए रखने और किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। इसके साथ ही, विभाग ने लोगों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग या प्रशासन को देने का आग्रह किया है। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बाघ की मौत के पीछे का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा। यदि यह प्राकृतिक मौत साबित होती है तो मामला अलग होगा, लेकिन यदि किसी अन्य कारण से बाघ की मृत्यु हुई है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी बताया कि क्षेत्र में गश्त और निगरानी को और मजबूत कर दिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह घटना वन्यजीव संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर फिर से बहस को तेज कर रही है। बाघ जैसे संरक्षित वन्यजीव की मौत ने वन्यजीव सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वन विभाग इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर रहा है ताकि यदि इसमें कोई साजिश या लापरवाही सामने आती है तो दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जा सके। प्रशासन ने सभी स्थानीय नागरिकों से संयम बरतने और वन्यजीवों की सुरक्षा में सहयोग करने की अपील की है। ग्रामीणों को अफवाहों से बचने और किसी भी जानकारी को प्रशासन के साथ साझा करने की सलाह दी गई है। इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण की दिशा में और अधिक सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता को उजागर किया है। वन विभाग ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने, गश्त को नियमित करने और स्थानीय लोगों को वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बाघ की इस अप्रत्याशित मौत ने न केवल स्थानीय लोगों के बीच डर और चिंता का माहौल पैदा किया है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण की नीतियों और उनके क्रियान्वयन पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। वन विभाग द्वारा इस मामले में की जा रही गहन जांच से यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बाघ की मौत के पीछे की असल वजह सामने आएगी और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।