रामनगर(एस पी न्यूज़)। वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में लगातार वृद्धि ने क्षेत्रवासियों की चिंता बढ़ा दी है। वन्यजीवों के हमलों और उनके गांवों की ओर बढ़ते खतरे को देखते हुए रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन ने उपजिलाधिकारी को ठोस सुझाव पेश किए हैं। इन सुझावों का उद्देश्य वन्यजीव संघर्ष को रोकना और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरन चंद्र पाण्डे ने बताया कि वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। इसके तहत कार्बेट पार्क से सटे गांवों के प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुखों के साथ वन विभाग के लीगल एडवाइजर (अधिवक्ता) को शामिल करते हुए मासिक बैठकों का आयोजन किया जाए। इन बैठकों में वन्यजीव संघर्ष से बचाव के सुझाव और समाधान पर चर्चा की जाएगी।
सिर्फ मासिक बैठकें ही नहीं, बल्कि हर तीन माह में कोतवाली स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित करने का सुझाव भी दिया गया है। इससे लिए गए निर्णयों की प्रगति पर नजर रखी जा सकेगी और आवश्यक सुधार किए जा सकेंगे। इसके अलावा, वन्यजीव संघर्ष में जान गंवाने वाले परिवारों को 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की गई है। इस प्रस्ताव को शासन स्तर पर भेजे जाने की बात कही गई है ताकि पीड़ित परिवारों को उचित सहायता मिल सके।
वन्यजीवों के बढ़ते खतरे को देखते हुए एसोसिएशन ने सुझाव दिया है कि कार्बेट पार्क के नए जोन का निर्माण व्यावसायिक सोच के बजाय मानवीय सोच पर आधारित हो। पार्क में अगर वन्यजीवों की संख्या अधिक हो गई है तो उनकी आबादी को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त जीवों को अन्य सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाए। हर वन्यजीव के लिए एक निश्चित क्षेत्र निर्धारित होता है और जब बाघों की संख्या बढ़ जाती है, तो वे भोजन और क्षेत्र की कमी के कारण रिहायशी इलाकों की ओर पलायन करने लगते हैं। यह स्थिति इंसानों और वन्यजीवों दोनों के लिए खतरे का कारण बनती है।
एसोसिएशन ने कार्बेट पार्क की सीमाओं का सीमांकन करने और सीमाओं पर सुरक्षा के पुख्ता उपाय करने की मांग की है। सीमाओं पर मजबूत फेंसिंग, वॉच टावर और निगरानी के आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाए ताकि वन्यजीव गांवों या शहरों की ओर न आ सकें। साथ ही, वन विभाग को स्थानीय लोगों को जागरूक करने और उनके साथ समन्वय स्थापित करने के लिए विशेष अभियान चलाने चाहिए।
रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन की यह पहल वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने और मानव-वन्यजीव सहअस्तित्व को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यदि इन सुझावों पर गंभीरता से अमल किया जाता है तो यह क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण दोनों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
पूरन चंद्र पाण्डे और उनकी टीम ने यह स्पष्ट किया है कि वन्यजीवों के साथ सहअस्तित्व बनाए रखना जरूरी है, लेकिन इसके लिए वन विभाग और प्रशासन को सक्रिय होकर काम करना होगा। इस दिशा में प्रभावी कदम उठाकर ही वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित किया जा सकता है और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का वातावरण कायम किया जा सकता है।