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बचपन से बरती लापरवाही बना सकती है हड्डियों और मांसपेशियों को कमजोर, अभी करें सुधार

अगर बचपन में ही आहार और जीवनशैली पर ध्यान न दिया जाए, तो हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है

रायपुर(डॉ0 शानू मसीह ‘सहर’)। बचपन से ही बच्चों की हड्डियों और मांसपेशियों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही उनका भविष्य तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बचपन से ही सही आहार और जीवनशैली अपनाई जाए तो न केवल शारीरिक विकास बेहतर होगा, बल्कि आगे चलकर हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं का खतरा भी कम हो जाएगा। आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती दिनचर्या के चलते लोग अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करने लगे हैं, जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। कई माता-पिता यह सोचते हैं कि बच्चों का शरीर मजबूत है और उन्हें अभी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन यह नजरअंदाज करने वाली बात नहीं है। गलत खान-पान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और अनुचित दिनचर्या के कारण कई बच्चों में हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याएं कम उम्र में ही देखने को मिल रही हैं। कई अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि जो बच्चे बचपन से ही सही खान-पान और नियमित व्यायाम को अपनाते हैं, वे आगे चलकर मजबूत हड्डियों और मांसपेशियों के साथ एक स्वस्थ जीवन जीते हैं।

आजकल हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी सिर्फ बुजुर्गों की समस्या नहीं रही, बल्कि यह युवा और बच्चों में भी आम होती जा रही है। नई दिल्ली के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश अग्रवाल बताते हैं कि पहले हड्डियों और जोड़ो के दर्द को सिर्फ उम्र बढ़ने से जोड़ा जाता था, लेकिन अब यह समस्या कम उम्र में भी देखने को मिल रही है। स्कूल जाने वाले बच्चों में भी हड्डियों की कमजोरी, मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं। यह न केवल उनकी पढ़ाई पर असर डालती है, बल्कि उनका संपूर्ण विकास भी बाधित कर सकती है। ऐसे में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि माता-पिता बच्चों के आहार और दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें। विशेषज्ञ बताते हैं कि आज के समय में हर उम्र के लोगों में विटामिन डी की कमी देखी जा रही है, जो हड्डियों की कमजोरी की एक प्रमुख वजह है। यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब बच्चों को सूरज की रोशनी में जाने का समय ही नहीं मिलता। विटामिन डी की कमी से बच्चों की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे मामूली चोट भी गंभीर साबित हो सकती है। इसके अलावा, कैल्शियम और प्रोटीन की कमी भी हड्डियों और मांसपेशियों को कमजोर कर सकती है, जिससे उनके विकास पर असर पड़ता है।

इस समस्या को रोकने के लिए जरूरी है कि बच्चों को संतुलित आहार दिया जाए। कई बार माता-पिता इस बात पर ध्यान नहीं देते कि उनके बच्चे क्या खा रहे हैं। बच्चों को सही आहार देना बेहद जरूरी है, जिसमें दूध, दही, पनीर, पालक और बादाम जैसे कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों। इसके अलावा, प्रोटीन से भरपूर आहार जैसे दालें, अंडे, चिकन और मूंगफली उनके मांसपेशियों के विकास के लिए फायदेमंद होते हैं। साथ ही, धूप में समय बिताने से विटामिन डी की कमी पूरी होती है, जो हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है। आज के दौर में बच्चों की शारीरिक गतिविधियां भी काफी कम हो गई हैं। पहले जहां बच्चे बाहर खेलते थे, दौड़ते-भागते थे, अब उनकी जिंदगी मोबाइल और कंप्यूटर तक सीमित हो गई है। यही वजह है कि उनकी मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं और शरीर में लचीलापन खत्म हो रहा है। यदि बचपन से ही बच्चों को आउटडोर खेलों के लिए प्रेरित किया जाए, तो यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद फायदेमंद होगा। साइकिलिंग, स्विमिंग, रनिंग और योग जैसी गतिविधियां मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक होती हैं।

सिर्फ खान-पान और व्यायाम ही नहीं, बल्कि बच्चों की सही दिनचर्या भी उनके शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अक्सर देखा जाता है कि बच्चे गलत तरीके से बैठते या लेटते हैं, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है। इसके अलावा, लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल करने से गर्दन और पीठ में दर्द की समस्या भी बढ़ जाती है। इसीलिए यह जरूरी है कि बच्चों को सही पॉश्चर में बैठने, चलने और सोने की आदत डाली जाए। स्क्रीन टाइम को सीमित करने और पर्याप्त नींद लेने से भी उनकी हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनी रहती हैं। अगर किसी भी बच्चे को लंबे समय तक हड्डियों या मांसपेशियों में दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। कई बार माता-पिता इसे सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। सही इलाज और सावधानियों को अपनाकर इन समस्याओं से बचा जा सकता है। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए माता-पिता को चाहिए कि वे उनके आहार, दिनचर्या और शारीरिक गतिविधियों का पूरा ध्यान रखें। स्वस्थ हड्डियां और मजबूत मांसपेशियां न केवल बच्चों के वर्तमान को बेहतर बनाती हैं, बल्कि उनके भविष्य को भी सुरक्षित रखती हैं।

(अस्वीकरण: इस वेबसाइट पर दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और चिकित्सा सुझाव केवल आपकी जानकारी के उद्देश्य से हैं। हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा विशेषज्ञों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं, लेकिन किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना उचित होगा।)

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