spot_img
दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए. - महात्मा गांधी
Homeसुखीभव:नया बैट वायरस HKU5-CoV-2: क्या दुनिया पर मंडरा रहा है अगला महामारी...

नया बैट वायरस HKU5-CoV-2: क्या दुनिया पर मंडरा रहा है अगला महामारी का खतरा?

चीन में खोजा गया नया बैट वायरस HKU5-CoV-2, वैज्ञानिकों की बढ़ी चिंता, इंसानों में फैलने की आशंका

रायपुर(डॉ0 शानू मसीह ‘सहर’)। कोरोना महामारी की यादें अभी धुंधली भी नहीं पड़ी थीं कि एक और नए वायरस की चर्चा ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। चीनी वैज्ञानिकों ने हाल ही में HKU5-CoV-2 नामक एक नए बैट कोरोनावायरस की खोज की है, जो COVID-19 (SARS-CoV-2) के लिए जिम्मेदार वायरस से काफी मिलता-जुलता है। यह वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की टीम द्वारा खोजा गया, जिसका नेतृत्व शी झेंगली ने किया। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह वायरस इंसानों के ACE2 रिसेप्टर्स से उसी प्रकार जुड़ सकता है, जैसे कि SARS-CoV-2 ने किया था। हालांकि, इस नए वायरस की संक्रमण क्षमता COVID-19 से कम बताई जा रही है। अभी तक कोई इंसान इससे संक्रमित नहीं पाया गया है, लेकिन वैज्ञानिक लगातार इस पर अध्ययन कर रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी संभावित खतरे को समय रहते टाला जा सके।

रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वायरस को लेकर अधिक घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसकी मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने की क्षमता SARS-CoV-2 के मुकाबले कम है। यह वायरस मेरबेकोवायरस उपप्रजाति का सदस्य है, जिसमें वही वायरस शामिल हैं जो मध्य पूर्व श्वसन रोग (MERS) के लिए जिम्मेदार थे। HKU5-CoV-2 चमगादड़ों में पाया गया है, लेकिन यह अन्य जानवरों के जरिए इंसानों में भी प्रवेश कर सकता है। वैज्ञानिक इस बात को लेकर सतर्क हैं कि वायरस की संक्रमण क्षमता कितनी है और यह इंसानों में कितनी तेजी से फैल सकता है।

HKU5-CoV-2 को लेकर गुआंगझोउ प्रयोगशाला, गुआंगझोउ विज्ञान अकादमी, वुहान विश्वविद्यालय और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने व्यापक अध्ययन किया है। इस अध्ययन के निष्कर्ष ‘सेल’ पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस वायरस को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि इसकी संरचना इंसानों को संक्रमित करने की संभावना दिखाती है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस वायरस पर और गहन शोध की आवश्यकता है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह कितनी तेजी से फैल सकता है और इसका प्रभाव क्या हो सकता है। HKU5-CoV-2 के खिलाफ अभी कोई वैक्सीन या विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसे लेकर सतर्कता बरतना आवश्यक है।

इस नए वायरस के लक्षणों को लेकर फिलहाल कोई ठोस जानकारी नहीं है, क्योंकि अब तक कोई मानव संक्रमण सामने नहीं आया है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस COVID-19 और MERS के समान श्वसन लक्षण पैदा कर सकता है, जिनमें सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश, बुखार, खांसी, थकान और शरीर में दर्द जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं। इस वायरस का प्रसार दो तरीकों से हो सकता है – संक्रमित चमगादड़ के सीधे संपर्क में आने से या किसी मध्यस्थ जानवर के जरिए, जैसा कि पहले के कोरोना वायरस मामलों में देखा गया था।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही यह वायरस अभी तक इंसानों में संक्रमण फैलाने में असफल रहा है, फिर भी सतर्क रहना जरूरी है। रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार, टीकाकरण को अद्यतन रखना, मास्क पहनना, हाथों को नियमित रूप से धोना और किसी भी संदिग्ध लक्षण की पहचान कर तुरंत जांच करवाना आवश्यक है। वैज्ञानिकों की टीम इस नए वायरस पर लगातार शोध कर रही है, ताकि इसकी संभावित खतरनाक क्षमताओं को समय रहते समझा और नियंत्रित किया जा सके।

संबंधित ख़बरें
गणतंत्र दिवस की शुभकामना
75वां गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

लेटेस्ट

ख़ास ख़बरें

error: Content is protected !!