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राहुल गांधी के चुनाव प्रचार से दूर रहने के कारण, प्रियंका गांधी क्या संभालेंगी कमान?

राहुल गांधी के स्वास्थ्य में सुधार के बाद चुनाव प्रचार में होंगे सक्रिय: सुप्रिया श्रीनेत

नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और तमाम राजनीतिक दल पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में कूद चुके हैं। कांग्रेस, जो पिछले चुनावों में अपनी पकड़ खो चुकी थी, इस बार हर संभव कोशिश कर रही है कि वह अपनी खोई हुई जमीन दोबारा हासिल कर सके। राहुल गांधी ने 13 जनवरी 2025 को दिल्ली चुनावी अभियान का आगाज करते हुए सीलमपुर में आयोजित ष्जय बापू, जय भीम, जय संविधानष् जनसभा को संबोधित किया। इस रैली में राहुल ने भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कई मुद्दों को उठाया था। उन्होंने दिल्ली के विकास कार्यों, रोजगार और मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर विपक्षी दलों को घेरा।

कांग्रेस की योजना के अनुसार, राहुल गांधी को 19 जनवरी को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में एक पदयात्रा का नेतृत्व करना था, जिसके बाद 22, 23 और 24 जनवरी को दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में प्रचार अभियानों की योजना बनाई गई थी। हालांकि, 19 जनवरी को उनकी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित पदयात्रा को निरस्त कर दिया गया। इसी क्रम में, 22 जनवरी को सदर बाजार में उनकी जनसभा स्थगित कर दी गई और 23 जनवरी को इंद्रलोक में आयोजित होने वाली जनसभा भी रद्द कर दी गई। 24 जनवरी को मादीपुर में निर्धारित सभा में भी राहुल गांधी की अनुपस्थिति की खबर सामने आई है। इन कार्यक्रमों के निरस्त होने से पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व इसे संभालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी की अस्वस्थता के चलते उनके कई चुनावी कार्यक्रम रद्द करने पड़े हैं। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और गले की समस्या से जूझ रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि जैसे ही राहुल गांधी की तबीयत में सुधार होगा, वह पूरी ऊर्जा के साथ चुनाव प्रचार में उतरेंगे। कांग्रेस नेतृत्व इस स्थिति को लेकर रणनीतिक रूप से काम कर रहा है और प्रियंका गांधी तथा मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रमुख भूमिका में उतारा गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के स्टार प्रचारक लगातार जनता के बीच पहुंच रहे हैं और पार्टी के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठा रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि भाजपा भले ही अपने चुनाव प्रचार में कुछ मुद्दे उठा रही हो, लेकिन राहुल गांधी ने पहले ही दिन आम आदमी पार्टी को दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन की नाकामी और राजधानी को पेरिस बनाने के वादे पर घेर लिया था। कांग्रेस इस बार पूरे जोश के साथ जनता के बीच पहुंच रही है और अपने मुद्दों को धारदार तरीके से रख रही है। पार्टी का मानना है कि राहुल गांधी की अस्वस्थता के बावजूद प्रचार अभियान प्रभावित नहीं होगा और जल्द ही वे पूरी ताकत के साथ प्रचार अभियान में शामिल होंगे।

चुनावी माहौल में गर्मी बढ़ रही है, और कांग्रेस पार्टी अपने पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। पार्टी का मानना है कि दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के मुद्दों को लेकर जनता में नाराजगी है, जिसे वे अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं। दूसरी ओर, भाजपा और आम आदमी पार्टी अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखकर मतदाताओं को रिझाने में जुटी हुई हैं। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि राहुल गांधी की वापसी से प्रचार अभियान को नई ऊर्जा मिलेगी और पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह दोगुना होगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस को अपनी पुरानी पकड़ वापस पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। इसके लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को निरंतर जनसंपर्क अभियान तेज करना होगा। दिल्ली की जनता इस बार बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ सरकार की जवाबदेही को भी चुनावी मुद्दा बना रही है। कांग्रेस ने इस बार अपने चुनावी घोषणा पत्र में जनता से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी है और लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने पर जोर दिया है।

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