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राहुल गांधी का सरकार पर हमला बेरोजगारी और ‘मेक इन इंडिया’ में विफलता का आरोप

राहुल गांधी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बेरोजगारी और विनिर्माण क्षेत्र में विफलता के कारण भारत अपने युवा और विकास के अवसरों से वंचित हो रहा है।

नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि देश आज भी बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है, और इस मामले में न तो संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार और न ही राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार ने युवाओं को कोई स्पष्ट समाधान देने में सफलता हासिल की। राहुल गांधी का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया श्मेक इन इंडियाश् अभियान भले ही एक अच्छी सोच थी, लेकिन इसका कोई खास परिणाम नहीं निकला क्योंकि देश की विनिर्माण दर में गिरावट आई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विनिर्माण क्षेत्र में कोई सच्ची प्रगति नहीं हुई है और इस क्षेत्र में भारत चीन के मुकाबले पीछे रह गया है।

राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें कुछ नया नहीं था और यह पिछले कई सालों से सुने गए भाषणों जैसा ही था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सिर्फ वही बातें दोहराई गईं जो पहले कही जा चुकी थीं, और इस पर ध्यान केंद्रित करना उनके लिए एक संघर्ष जैसा था। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अगर विपक्षी श्इंडियाश् गठबंधन की सरकार होती तो यह अभिभाषण इस तरह का नहीं होता, बल्कि उसमें कुछ ठोस और प्रभावी बातें होतीं। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि देश का भविष्य युवाओं के हाथों में है, और इस लिहाज से राष्ट्रपति के अभिभाषण में युवा मुद्दों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी।

राहुल ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या को सुलझाने में दोनों गठबंधनों की सरकारें विफल रही हैं। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि न तो संप्रग और न ही राजग सरकारों ने युवाओं के सामने बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई स्पष्ट और ठोस जवाब दिया है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया का विचार पेश किया था, और यह एक अच्छा विचार था, लेकिन इसके बावजूद इसे साकार नहीं किया जा सका। उन्होंने यह आरोप लगाया कि देश ने विनिर्माण क्षेत्र में कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं की और चीन की कंपनियों को अधिक अवसर दिए गए।

राहुल गांधी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जिन मोबाइल फोन को लोग इस्तेमाल करते हैं, वे श्मेड इन इंडियाश् नहीं बल्कि श्असेंबल्ड इन इंडियाश् हैं। उनका कहना था कि भारत में जो उत्पाद बनाए जा रहे हैं, वे सिर्फ असेंबल किए जा रहे हैं, जबकि चीन जैसे देशों ने विनिर्माण क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है। राहुल ने यह दावा भी किया कि देश को अब विनिर्माण पर जोर देना चाहिए, ताकि भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रतिस्पर्धी बाजार में मजबूती से स्थापित किया जा सके।

राहुल गांधी ने सामाजिक तनाव के बढ़ने की बात भी की, और कहा कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि देश में सामाजिक और राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, और यह स्थिति चिंता का कारण बन रही है। उनका कहना था कि विनिर्माण में निवेश की कमी और बेरोजगारी के मुद्दे के साथ-साथ यह सामाजिक तनाव भी देश की प्रगति में बाधा डाल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए कहा कि क्या वे स्वीकार करेंगे कि उनके श्मेक इन इंडियाश् प्रयासों का कोई असर नहीं हुआ और भारत आज भी विनिर्माण क्षेत्र में चीन से पीछे है।

कांग्रेस नेता ने अंत में यह कहा कि देश को अपने युवाओं और विनिर्माण क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना होगा। उन्हें विश्वास है कि अगर विनिर्माण में सही दिशा में निवेश किया जाए और युवा रोजगार के अवसरों से जुड़ें, तो देश अपने समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है। राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्ष की सरकार में ये मुद्दे अधिक प्रभावी तरीके से उठाए जाते और समाधान की दिशा में काम किया जाता।

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