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यमुना में क्रूज और बोट टैक्सी का रोमांच, दिल्ली बनेगा नया पर्यटन हब

दिल्ली की यमुना पर पहली बार क्रूज का सफर, जल परिवहन और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली में पर्यटन और परिवहन को नए आयाम देने के लिए एक क्रांतिकारी पहल शुरू होने जा रही है। दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत यमुना नदी को पर्यटन और जल परिवहन के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) ने ऐलान किया है कि यमुना नदी पर फेरी बोट और क्रूज सेवा शुरू की जाएगी। यह कदम न केवल दिल्ली की जल यातायात व्यवस्था को नया रूप देगा, बल्कि यह शहर के पर्यटन परिदृश्य को भी पूरी तरह से बदलने वाला है। यह योजना राजधानी में जल परिवहन को सुगम बनाएगी और पर्यटकों को अनूठा अनुभव देगी। इसके अलावा, नदी के किनारों को आधुनिक रूप से विकसित किया जाएगा, जिससे एक आकर्षक रिवरफ्रंट तैयार किया जाएगा। यह विश्वस्तरीय सुविधाओं और मनोरम दृश्यों से भरपूर होगा, जो दिल्लीवासियों और पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव देगा।

परियोजना के तहत यमुना नदी पर एक निजी एजेंसी के सहयोग से 7-8 किलोमीटर का क्रूज मार्ग विकसित किया जाएगा। इस मार्ग पर अत्याधुनिक, इलेक्ट्रिक और वातानुकूलित नौकाएं चलाई जाएंगी, जो साल में लगभग 270 दिनों तक सेवा में रहेंगी। हालांकि, मानसून के दौरान सुरक्षा कारणों से इसे अस्थायी रूप से बंद रखा जाएगा। डीटीटीडीसी ने इस सेवा के संचालन के लिए एक निजी एजेंसी को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रूज सेवा के शुरू होने से दिल्ली के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और पर्यटकों को शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को देखने का एक अलग ही अनुभव प्राप्त होगा। इस जल परिवहन सेवा के जरिए यात्री बिना ट्रैफिक की चिंता किए आरामदायक सफर का आनंद ले सकेंगे।

यमुना नदी में बोट टैक्सी सेवा से दिल्लीवासियों की राह और भी आसान हो जाएगी। वर्तमान में यमुना को देश की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक माना जाता है और इसके कायाकल्प के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई), दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और अन्य संस्थाएं मिलकर काम कर रही हैं। इसी क्रम में, दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने सितंबर 2024 में आईडब्ल्यूएआई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत सोनिया विहार से हनुमान मंदिर (वजीराबाद बैराज) तक बोट टैक्सी सेवा शुरू करने की योजना बनाई गई थी। अब इस महत्वाकांक्षी परियोजना को डीटीटीडीसी को सौंप दिया गया है, जो इसे लागू करने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य करेगा। इस परियोजना के पूरा होने से लोगों को जाम से राहत मिलेगी और जल मार्ग से सुगम परिवहन संभव हो सकेगा। दिल्ली में जल परिवहन का यह प्रयास भविष्य में भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करने में सहायक सिद्ध होगा।

यमुना नदी के किनारे बनने वाले आधुनिक रिवरफ्रंट को विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, ताकि पर्यटकों और स्थानीय लोगों को अविस्मरणीय अनुभव मिले। यहां विस्तृत हरित क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जिससे प्राकृतिक सौंदर्य बना रहेगा और पर्यावरण संतुलन भी सुनिश्चित होगा। इसके अलावा, नदी के किनारे पैदल पथ और साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे, जिससे लोग आराम से घूम सकेंगे और साइकिलिंग का आनंद ले सकेंगे। फूड कोर्ट और कैफे भी विकसित किए जाएंगे, जहां स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर मिलेगा। मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और लाइव म्यूजिक के लिए ओपन थिएटर और स्ट्रीट परफॉर्मेंस की व्यवस्था की जाएगी। रोमांचक गतिविधियों के शौकीनों के लिए जल क्रीड़ा और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे कयाकिंग और रोइंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, वासुदेव घाट पर नियमित रूप से यमुना आरती और आध्यात्मिक आयोजन किए जाएंगे, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

डीटीटीडीसी ने इस परियोजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए एक रणनीतिक योजना तैयार की है। इसके तहत निजी एजेंसी को पांच वर्षों के लिए परियोजना संचालन का अनुबंध दिया जाएगा। इस दौरान टिकट दरों का निर्धारण डीटीटीडीसी द्वारा किया जाएगा, जबकि निजी एजेंसी को अपने लाभ का एक निश्चित हिस्सा पर्यटन विभाग के साथ साझा करना होगा। अधिकारियों का मानना है कि इस परियोजना के सफलतापूर्वक लागू होने से दिल्ली को एक नया पर्यटन आकर्षण मिलेगा और यमुना नदी का कायाकल्प संभव हो सकेगा। इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा करने की योजना बनाई गई है, और आने वाले वर्षों में यह स्थान दिल्ली का प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है।

इस महत्वाकांक्षी योजना से दिल्ली के पर्यटन और परिवहन क्षेत्रों में एक क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। यह परियोजना राजधानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी और जल परिवहन के नए युग की शुरुआत करेगी।

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