नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। देशभर की आम जनता को एक बार फिर महंगाई का गहरा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में इजाफा कर दिया है, जिससे घरेलू बजट पर सीधा असर पड़ने वाला है। इस बार कीमतों में बढ़ोतरी केवल जनरल कैटेगरी तक सीमित नहीं रही, बल्कि उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर लेने वालों को भी अब अधिक राशि चुकानी पड़ेगी। महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए यह खबर किसी झंझावात से कम नहीं है। उत्तराखंड में अब 14.2 किलोग्राम का गैस सिलेंडर जनरल कैटेगरी के उपभोक्ताओं को 872 रुपये में मिलेगा, जबकि अब तक इसकी कीमत 822 रुपये थी। वहीं, उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाला सिलेंडर जो पहले 522 रुपये में मिल रहा था, अब उसकी कीमत 572 रुपये तय की गई है। यानि दोनों कैटेगरी के ग्राहकों पर 50-50 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने जा रहा है।
रसोई की आग अब और भी तीखी हो गई है क्योंकि एलपीजी के साथ-साथ अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी अप्रत्यक्ष रूप से वृद्धि की गई है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का निर्णय लिया है, जो मंगलवार से लागू हो जाएगा। यद्यपि सरकार का यह दावा है कि इसका बोझ आम जनता पर नहीं डाला जाएगा, फिर भी इस बढ़ोतरी से ईंधन कंपनियों की लागत में बदलाव आना तय है। पेट्रोल पर अब एक्साइज ड्यूटी 13 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी जबकि डीजल पर यह 10 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच जाएगी। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब पहले से ही लोग रोजमर्रा के खर्चों में कटौती कर रहे हैं, और अब गैस की बढ़ी कीमतें घरेलू अर्थव्यवस्था को और खिंचाव में डाल सकती हैं।
हालांकि सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी का सीधा असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा, लेकिन आमजन के मन में असमंजस बना हुआ है। पेट्रोल पंप संचालकों की ओर से भी फिलहाल कोई बदलाव नहीं दर्शाया गया है। पेट्रोल पंप एसोसिएशन के सचिव विवेक गोयल का कहना है कि अभी तक तेल कंपनियों के पोर्टल पर पेट्रोल और डीजल की दरों में किसी प्रकार की वृद्धि का अपडेट नहीं दिखा है। अगर दरों में बदलाव होता है तो सोमवार रात 11 बजे तक नया अपडेट वेबसाइट पर आ सकता है। इससे यह तो साफ है कि सरकार ने जो घोषणाएं की हैं, उसका व्यवहारिक असर देखने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन आने वाले दिनों में इसका असर किसी न किसी रूप में सामने आएगा।
जहां एक तरफ केंद्र सरकार ने दावा किया है कि एक्साइज ड्यूटी की बढ़ोतरी का असर आम लोगों पर नहीं पड़ेगा, वहीं दूसरी ओर एलपीजी की कीमतों में सीधी वृद्धि ने इन दावों की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रसोई गैस की कीमतें बढ़ने से मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होंगे। खासतौर पर उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अब सब्सिडी के बावजूद बढ़ा हुआ भुगतान करना होगा, जिससे उनके लिए ईंधन खर्च का बोझ और अधिक बढ़ जाएगा। ऐसे में सरकार की ओर से राहत के बजाय महंगाई की नई किस्त देना आम जनता के लिए पीड़ादायक बन गया है।
देश में लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से जहां पहले ही लोगों की आर्थिक स्थिति डगमगाई हुई है, वहीं अब ईंधन और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी ने आम जीवन को और ज्यादा कठिन बना दिया है। सरकार की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही फैसले लिए जा रहे हैं या फिर राजकोषीय संतुलन बनाने के नाम पर जनता पर ही भार डाला जा रहा है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दल इस मुद्दे को किस तरह उठाते हैं और आने वाले चुनावी माहौल में यह मुद्दा क्या रंग लाता है। फिलहाल तो इतना तय है कि गैस सिलेंडर की कीमत में यह बढ़ोतरी लोगों के घरों में चर्चा का सबसे गर्म विषय बनने जा रहा है।