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भारतीय सेना की ललकार से कांपा इस्लामाबाद, झूठ की चादर फाड़कर रखा सच

पाकिस्तान की हर फरेब की हवा निकली, भारतीय सैन्य कमांडरों ने प्रेस मंच से पेश की सच्चाई की धारदार और निर्णायक जुबानी रिपोर्ट

नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। भारत-पाक युद्धविराम समझौते के बाद जैसे ही कमोडोर रघु आर नायर, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने एक साथ मीडिया के सामने कदम रखा, पूरा देश टीवी स्क्रीन पर झुका हुआ था, हर शब्द की गरिमा और गंभीरता को आत्मसात करने को तत्पर। कर्नल सोफिया कुरैशी के पहले ही वाक्य ने पाकिस्तान की झूठी प्रचार मशीनरी की धज्जियां उड़ा दीं। उन्होंने पूरे आत्मबल के साथ कहा कि भारत ने एक भी मस्जिद पर हमला नहीं किया। हमारा लक्ष्य था आतंक के ठिकानेकृऔर हमने उसी को ध्वस्त किया। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और हमारी सेना उसके संविधान की सबसे सुंदर व्याख्या हैकृइस गर्वीले वक्तव्य ने न केवल पाकिस्तान के झूठ को नकारा बल्कि भारत की नैतिक श्रेष्ठता को भी दुनिया के सामने दोबारा स्थापित किया।

जब पाकिस्तान बार-बार अपने झूठे दावों को हवा देने में व्यस्त था, उसी समय कर्नल सोफिया कुरैशी ने सटीक तथ्यों की मिसाइलें छोड़ते हुए साफ किया कि पाकिस्तान द्वारा प्रचारित श्रथ्-17 हमलों की कोई भी बात वास्तविकता से कोसों दूर है। उन्होंने सख़्त लहजे में स्पष्ट किया कि भारतीय ै-400 और ब्रह्मोस बेस पर कोई हमला नहीं हुआ है और ये बातें पाकिस्तान के मीडिया में फैलाई गई पूरी तरह झूठी अफवाहें हैं। उन्होंने कहा कि न सिरसा, न जम्मू, न पठानकोट, न भटिंडा, न नलिया और न ही भुज के हवाई अड्डों पर कोई क्षति हुई है, और चंडीगढ़ या व्यास में भारतीय गोला-बारूद डिपो को नुकसान पहुँचाने की खबरें भी कोरी कल्पना हैं। इस पूरे वक्तव्य के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में बैठे रक्षा संवाददाताओं की कलम जैसे कांप उठी, क्योंकि ये बयान किसी सामान्य सफाई का हिस्सा नहीं थे, ये तो भारत की संप्रभुता की गर्जना बनकर गूंज रहे थे।

वहीं जब मंच पर कमोडोर रघु आर नायर ने माइक थामा, तो उनके शब्दों में समुद्री गहराई जैसी गंभीरता और सैन्य प्रतिबद्धता की लहरें बहने लगीं। उन्होंने बड़ी ही दृढ़ता से बताया कि भारत, पाकिस्तान के साथ हुए युद्धविराम समझौते के तहत ज़मीन, आसमान और समंदर तीनों क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमत हुआ है। मगर उनके स्वर में कहीं कोई ढील नहीं थी, क्योंकि उन्होंने तुरंत ही यह भी जोड़ा कि भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेनाकृतीनों को हर परिस्थिति के लिए तैयार और सजग रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के हर दुस्साहस का अब तक मुंहतोड़ जवाब दिया गया है, और आगे भी यदि कोई उकसावे की कार्रवाई हुई, तो उसका जवाब निर्णायक और ध्वस्त करने वाला होगा। उनकी आंखों में वह आत्मविश्वास झलक रहा था जो केवल एक ऐसे देश की सेना के भीतर पलता है जिसने हर युद्ध में न्याय और धर्म का पक्ष लिया है।

फिर जैसे ही माइक विंग कमांडर व्योमिका सिंह के हाथ में आया, पूरा माहौल और अधिक ओजस्वी हो उठा। उनके शब्दों में सौम्यता थी, लेकिन साथ ही उनमें बिजली जैसी तीव्रता भी समाहित थी। उन्होंने दो टूक कहा कि भारतीय वायुसेना के अभियानों में सर्वाेच्च मर्यादा और अनुशासन का पालन किया गया है। हमारे हमले केवल उन आतंकवादी शिविरों और स्थलों पर किए गए, जो भारत विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे थे। किसी भी धार्मिक स्थल को हमारे ऑपरेशनों में टारगेट नहीं किया गयाकृयह बयान पूरी दुनिया को बताने के लिए काफी था कि भारतीय सेना सिर्फ ताकतवर ही नहीं, नैतिक भी है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि स्कार्दू, जैकोबाबाद और भोलारी जैसे प्रमुख पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के हमलों ने भारी तबाही मचाई है और वहां के रडार और ।क् वेपन सिस्टम की कार्यक्षमता को लगभग निष्क्रिय कर दिया गया है, जिससे पाकिस्तान के हवाई सुरक्षा घेरे की रीढ़ टूट चुकी है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस समाप्त होने के बाद पूरे राष्ट्र में गर्व, सुरक्षा और आत्मबल की लहर दौड़ गई। यह केवल एक संवाद नहीं थाकृयह भारतीय सैन्य इतिहास के पन्नों पर दर्ज की जाने वाली चेतावनी थी कि भारत न केवल शांति चाहता है, बल्कि शांति को चुनौती देने वालों के खिलाफ हर मोर्चे पर तैयार खड़ा है। इस संवाद से स्पष्ट हो गया कि चाहे कितनी भी अफवाहें उड़ाई जाएं, भारतीय सेना का विवेक, अनुशासन और पराक्रम हर परिस्थिति में राष्ट्र की गरिमा को सर्वाेपरि रखेगा। यह वह दिन था जब भारत ने फिर से दुनिया को बता दियाकृहम लड़ते नहीं, मगर अगर लड़ना पड़े, तो विजयी होकर ही लौटते हैं।

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