नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक खास पहल के तहत बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान करने का मौका दिया गया है। यह पहल चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को असुविधा से बचाने और उनके मतदान अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए था। विशेष रूप से उन मतदाताओं के लिए जिन्होंने फॉर्म 12 डी भरकर घर से वोट देने की इच्छा जताई थी, उनके लिए मतदान प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को दिल्ली के तिलक नगर, नांगलोई जाट और जनकपुरी क्षेत्रों में चुनाव आयोग की टीम घर-घर पहुंची और उन बुजुर्गों और दिव्यांगों से बैलट पेपर पर मतदान कराया। इस प्रक्रिया ने चुनाव में एक नई मिसाल पेश की है और बुजुर्गों को उनके अधिकारों का सम्मान महसूस कराया है।

दिल्ली के जनकपुरी क्षेत्र के 93 वर्षीय केके खन्ना ने इस प्रक्रिया के तहत पहला वोट डाला। केके खन्ना ने कहा, ष्यह काबिले तारीफ है। पुलिस अधिकारी और चुनाव अधिकारी घर आए और मुझे वोट डालने का मौका दिया।ष् उनके अनुसार, भले ही वह चलने में असमर्थ हैं, लेकिन वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। इस तरह के मतदान की पहल से यह साबित होता है कि चुनाव आयोग बुजुर्गों और दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव प्रक्रिया में कोई भी नागरिक बाहर न रहे और उनकी भागीदारी पूरी तरह से सुनिश्चित हो सके।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 85 वर्ष से अधिक आयु के कुल 1,09,063 मतदाता और दिव्यांगों की संख्या 79,114 है। इनमें से अधिकांश ने फॉर्म 12 डी भरकर घर से मतदान करने का आवेदन किया। चुनाव आयोग ने सभी इन मतदाताओं को उनके घरों तक पहुंचने की प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल में दिल्ली के 11 जिलों में मतदान टीमों को भेजा गया है। आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी दिल्ली से सबसे ज्यादा 1050 आवेदन प्राप्त हुए, जबकि उत्तर पूर्वी दिल्ली में केवल 66 आवेदन मिले। इससे यह भी दर्शाता है कि कुछ क्षेत्रों में मतदान के प्रति जागरूकता और रुचि अधिक है।

वोटिंग की प्रक्रिया में चुनाव आयोग ने पूरी तरह से पारदर्शिता और व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास किया है। पहले आवेदन की अंतिम तिथि 15 जनवरी थी, और उसके बाद जो भी बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता इस सेवा का लाभ लेना चाहते थे, उन्हें संबंधित जिले के निर्वाचन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा गया था। अब उन सभी मतदाताओं के घर जाकर बैलट पेपर पर वोट लिया जा रहा है। इस प्रक्रिया में चुनाव आयोग ने पूरी सुरक्षा और विधिक प्रावधानों का ध्यान रखा है। इसके तहत मतदाताओं के घर में उनके सभी विवरणों की जांच की जाती है, ताकि मतदान सही तरीके से और निष्पक्ष रूप से किया जा सके।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए 5 फरवरी को आम चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें सभी सामान्य मतदाता अपनी वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों पर जाएंगे। इस चुनावी पहल से चुनाव आयोग ने बुजुर्गों और दिव्यांगों को इस प्रक्रिया में पूरी भागीदारी सुनिश्चित की है और उनके लिए वोट डालने की असुविधाओं को दूर किया है। मतदान की यह प्रक्रिया अब तक सुचारू रूप से चल रही है और चुनाव आयोग ने इसे एक मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया है। इस प्रक्रिया के तहत बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर बैठे अपने वोट डालकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना योगदान दे रहे हैं, जो वास्तव में एक प्रेरणा का स्रोत है।