नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनैतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा में नेताओं के शामिल होने का सिलसिला जारी है, और अब एक और बड़ी पार्टी स्विचिंग की घटना सामने आई है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की पूर्वांचल कमेटी के चेयरमैन, शिवजी सिंह ने अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जॉइन कर ली है। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सांसद मनोज तिवारी की मौजूदगी में शिवजी सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, जिससे कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। यह घटना दिल्ली की राजनीतिक दिशा को और दिलचस्प बना देती है, खासतौर से जब दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शिवजी सिंह को पार्टी में शामिल करते हुए उन्हें पटका पहनाया और स्वागत किया। इस दौरान, सांसद मनोज तिवारी ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि शिवजी सिंह का योगदान भोजपुरी कला जगत और पूर्वांचलवासियों के लिए अभूतपूर्व रहा है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में भाजपा के लिए उनके आने से पूर्वांचल समुदाय तक पहुंचने में मदद मिलेगी। शिवजी सिंह ने हमेशा पूर्वांचलवासियों के हक के लिए संघर्ष किया है, और भाजपा में शामिल होकर वे इस मिशन को और भी मजबूती से आगे बढ़ाएंगे।
मनोज तिवारी ने अपने पुराने साथी की तारीफ करते हुए कहा कि शिवजी सिंह दिल्ली में पिछले 24 सालों से पूर्वांचलवासियों के लिए काम कर रहे हैं। वह हमेशा उनके अधिकारों के लिए लड़े हैं और इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। तिवारी ने बताया कि उन्हें दिल्ली लाने में भी शिवजी सिंह का महत्वपूर्ण योगदान था, और अब भाजपा में उनका शामिल होना, पार्टी के लिए एक सकारात्मक कदम है। उनके अनुसार, भाजपा में शामिल होकर शिवजी सिंह ने एक बड़ा और साहसी कदम उठाया है, जो पार्टी के लिए लाभकारी साबित होगा।
शिवजी सिंह ने भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और बताया कि कांग्रेस में रहकर उन्होंने 35 साल तक पूर्वांचलवासियों की लड़ाई लड़ी, लेकिन अब उनका वहां कोई स्थान नहीं रह गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में उनकी आवाज हमेशा दबाई जाती थी, जबकि भाजपा में उन्हें और उनके समुदाय को पूरी इज्जत और समर्थन मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में रहते हुए कभी पूर्वांचलवासियों की आवाज को नहीं सुना गया, जबकि भाजपा में वह हमेशा सशक्त और सम्मानित महसूस करते हैं। यह बदलाव उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था, और अब वह भाजपा के साथ मिलकर पूर्वांचलवासियों के हक के लिए और काम करने का संकल्प लेते हैं।
इस घटना से एक बात साफ हो जाती है कि दिल्ली में अगले चुनाव से पहले राजनीतिक खेल का रुख तेजी से बदल रहा है। नेताओं का पार्टी बदलना अब एक सामान्य सी बात बन गई है। शिवजी सिंह का भाजपा में शामिल होना इस बात का संकेत है कि अगले कुछ महीनों में और भी नेता अपनी राजनीतिक दिशा बदल सकते हैं। राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण रहेगा, क्योंकि नेताओं के पार्टी बदलने से कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपनी रणनीतियों को तेज कर दिया है। जहां एक ओर भाजपा अपने संगठन को मजबूत करने के लिए नए-नए चेहरों को जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस के भीतर भी कई बड़े नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है। इस सब के बीच, शिवजी सिंह का भाजपा में शामिल होना न केवल कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि दिल्ली के राजनीति के नए समीकरणों को जन्म दे सकता है।