नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए निर्वाचन आयोग ने एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के परिणामों के प्रसार पर सख्त प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। आयोग ने यह आदेश 5 फरवरी को मतदान के दिन सुबह 7रू00 बजे से लेकर शाम 6रू30 बजे तक लागू किया है। चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के माध्यम से यह आदेश जारी किया और मीडिया को इस आदेश के बारे में सूचना दी। इसके तहत कोई भी मीडिया हाउस, न्यूज चौनल, रेडियो या अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म्स एग्जिट पोल या ओपिनियन पोल के परिणामों का प्रकाशन या प्रसारण नहीं कर सकेंगे। यह कदम निर्वाचन आयोग ने भारत के संविधान और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उठाया है, ताकि चुनावों की निष्पक्षता और स्वतंत्रता सुनिश्चित की जा सके।
निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार, 5 फरवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान के दौरान किसी भी तरह के एग्जिट पोल का आयोजन या उसके परिणामों का प्रसारण करना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इसका उद्देश्य मतदान के बाद मतदाताओं को प्रभावित करने से रोकना है और मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की पक्षपाती जानकारी को फैलने से बचाना है। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 क के तहत यह प्रतिबंध लागू किया जा रहा है, जो चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए अनिवार्य है।
चुनाव आयोग का यह कदम उन मीडिया संस्थानों और चौनलों के लिए एक सख्त चेतावनी के रूप में आया है जो एग्जिट पोल के परिणामों को प्रसारित करने का प्रयास कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि यह निर्देश विशेष रूप से न्यूज मीडिया, रेडियो, टेलीविजन चौनलों और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए है। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था इस आदेश का उल्लंघन नहीं करेगी, क्योंकि यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत गंभीर कानूनी परिणामों को जन्म दे सकता है। आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को स्वतंत्र रूप से अपने मत देने के लिए प्रेरित करना है, न कि किसी प्रकार के पोल या सर्वेक्षण के परिणामों से उन्हें प्रभावित होने दिया जाए।
भारत निर्वाचन आयोग ने इस आदेश के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया कि 5 फरवरी, 2025 को मतदान के बाद, चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित समय तक किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल या मतदान सर्वेक्षण के परिणामों को प्रकाशित या प्रसारित करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि कोई भी पक्ष या उम्मीदवार इस प्रकार के सर्वेक्षणों के आधार पर मतदाताओं को प्रभावित न कर सके। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि यह प्रतिबंध केवल एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल पर ही नहीं, बल्कि किसी भी प्रकार के मतदान सर्वेक्षण के परिणामों पर भी लागू होगा।
निर्वाचन आयोग के इस आदेश का उद्देश्य मतदान के दिन और मतदान समाप्त होने के बाद, चुनावी निष्पक्षता को बनाए रखना है। आयोग ने यह सुनिश्चित किया कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को किसी भी प्रकार के बाहरी प्रभाव से मुक्त रखा जाए, ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपने मत का प्रयोग कर सकें। एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के परिणामों के प्रकाशन पर प्रतिबंध का उद्देश्य केवल मीडिया को ही नहीं, बल्कि सभी नागरिकों को भी सूचित करना है, ताकि वे समझ सकें कि मतदान के दिन इस प्रकार के परिणामों का प्रसार करना कानूनन गलत है।
चुनाव आयोग ने आगे यह भी कहा कि इस प्रकार के प्रतिबंध चुनाव के दौरान केवल एक दिन के लिए लागू होंगे, ताकि चुनावी प्रक्रिया में कोई विघ्न न आए। 5 फरवरी को मतदान के समाप्त होने के बाद आयोग के इस आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने यह आदेश जनता को यह विश्वास दिलाने के लिए जारी किया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न होंगे।
इस आदेश के बाद, मीडिया संस्थानों और समाचार चौनलों को किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल या मतदान सर्वेक्षण के परिणामों के प्रसारण से बचने की सलाह दी गई है। आयोग के अनुसार, यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गरिमा को बनाए रखने के लिए उठाया गया है, ताकि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके। इसके साथ ही, चुनाव आयोग ने इस बात को भी रेखांकित किया कि मतदाताओं को किसी भी प्रकार के पूर्वानुमान या अनुमानों से प्रभावित किए बिना स्वतंत्र रूप से अपने मत का प्रयोग करने का अवसर मिल सके।