नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली एनसीआर में इस समय गर्मी का असर बढ़ता जा रहा है। बुधवार सुबह के समय, दिल्ली का तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि मौसम विभाग के अनुसार दिन भर का अधिकतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, इस दिन दिल्ली के कई इलाकों में स्मॉग भी दिखाई दे सकता है और आकाश में बादल छाए रहने की भी उम्मीद जताई गई है। यह बढ़ता तापमान दिल्ली के निवासियों के लिए चिंता का कारण बन रहा है, क्योंकि गर्मी के साथ प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं मंगलवार का दिन दिल्ली के लिए साल का दूसरा सबसे गर्म दिन साबित हुआ था, जब अधिकतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे गर्मी और प्रदूषण दोनों ही अधिक चिंता का कारण बन सकते हैं। बुधवार को हवाएं 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना भी जताई गई है, लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण में कोई खास कमी नहीं आने वाली है।
इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बुधवार को प्रदूषण में थोड़ी राहत मिलने की जानकारी दी है। सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (ए.क्यू.आई) 204 दर्ज किया गया, जो कि एक उच्च स्तर है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से अपेक्षाकृत थोड़ा कम है। एनसीआर के अन्य शहरों में भी प्रदूषण स्तर में थोड़ा सुधार देखा गया है, लेकिन ये अभी भी खतरनाक सीमा से बहुत ऊपर हैं। फरीदाबाद में ए.क्यू.आई 168, गुरुग्राम में 229, गाजियाबाद में 189, ग्रेटर नोएडा में 182 और नोएडा में ए.क्यू.आई 156 दर्ज किया गया है। हालांकि, यह सुधार भी अस्थायी प्रतीत हो रहा है, क्योंकि तापमान में वृद्धि और हवा की दिशा में बदलाव के साथ प्रदूषण फिर से बढ़ सकता है। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण स्तर में कोई खास राहत नहीं मिली है, जिनमें से कई जगहों पर एक्यूआई का स्तर 200 के पार पहुंच चुका है।

दिल्ली के इलाकों में प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। पूसा में ए.क्यू.आई 237, शादीपुर में 293, पंजाबी बाग में 300, नॉर्थ कैंपस, डीयू में 229, मुंडका में 338, मंदिर मार्ग में 207 जैसे उच्च स्तर के एक्यूआई रिकॉर्ड किए गए हैं। ये स्तर उस क्षेत्र में वायु प्रदूषण की घातक स्थिति को दर्शाते हैं, और लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। इन क्षेत्रों में प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो अस्थमा या सांस संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार और नागरिकों के लिए जरूरी है कि वे प्रदूषण की स्थिति को लेकर सतर्क रहें और पर्यावरण के सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में कुछ मामूली सुधार देखने को मिल रहे हैं, लेकिन अभी भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक है, और इसके प्रभाव से बचने के लिए और प्रयासों की आवश्यकता है।
वहीं, दिल्ली के अन्य प्रमुख इलाकों में भी प्रदूषण में कोई खास कमी नहीं आई है। वजीरपुर में ए.क्यू.आई 325, आईजीआई एयरपोर्ट क्षेत्र में 241, अशोक विहार में 296, द्वारका सेक्टर 8 में 315, रोहिणी में 287, आरके पुरम में 299, चांदनी चौक में 245, जहांगीरपुरी में 288, लोधी रोड में 243, आईटीओ में 295, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम क्षेत्र में 285, डीटीयू में 266, बुराड़ी क्रॉसिंग में 214, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 224, सिरी फोर्ट में 277 और सोनिया विहार में ए.क्यू.आई 209 दर्ज किया गया। ये सभी स्थान प्रदूषण की उच्चतम श्रेणी में आते हैं, और यहां वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब है। ऐसे में यह साफ हो गया है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण की समस्या बहुत गंभीर है, और यदि इसे तत्काल नियंत्रित नहीं किया गया, तो इसके दूरगामी स्वास्थ्य प्रभाव सामने आ सकते हैं। दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अधिक सख्त कदम उठाएं और नागरिकों को इस संकट से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं।
इस समय, दिल्ली और एनसीआर के नागरिकों के लिए यह जरूरी है कि वे प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनें, घरों में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें और बाहर जाने से बचें जब तक यह स्थिति सुधरे नहीं। साथ ही, समय रहते यह सुनिश्चित किया जाए कि आगामी दिनों में प्रदूषण और तापमान की स्थिति में बदलाव के लिए प्रशासन और नागरिक दोनों मिलकर जिम्मेदारी निभाएं।