नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतर चुके हैं। हर पार्टी अपनी ओर से प्रचार-प्रसार में जुटी है, वहीं प्रत्याशी भी डोर टू डोर कैंपेन और नामांकन प्रक्रिया में सक्रिय हो गए हैं। चुनावी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी तेज हो गई है। इसी बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीलमपुर में अपनी पहली चुनावी रैली में जनता को संबोधित किया। राहुल गांधी ने इस दौरान बीजेपी और आम आदमी पार्टी की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में 150 अमीर लोग शासन चला रहे हैं और इनकी नीतियां केवल गरीबों और कमजोर वर्ग के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों जातिगत जनगणना के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय को उनकी हक से वंचित किया जाए।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘नफरत को मुहब्बत से हराएंगे’ और यह सुनिश्चित किया कि कांग्रेस अपने संविधान की रक्षा करेगी, जबकि बीजेपी के लोग इसे खत्म करने पर तुले हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर पीएम मोदी और केजरीवाल दोनों की चुप्पी से यह साबित होता है कि वे इन वर्गों की भलाई नहीं चाहते। उन्होंने दावा किया कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वे आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक करेंगे और जातिगत जनगणना को लोकसभा और राज्यसभा में पास करवाकर ही रहेंगे। राहुल गांधी के इस बयान ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों को और तेज कर दिया है, खासतौर पर उन मतदाताओं के बीच जो पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों से संबंधित हैं।
कांग्रेस पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भी अपनी पार्टी के अभियान को तेज कर दिया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि यह पार्टी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। यादव ने कहा, ष्हमने दिल्ली के लोगों के दुख-दर्द को समझने की कोशिश की है और यही कारण है कि हमारी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में युवाओं और बेरोजगारों के लिए कुछ ठोस कदम उठाने का वादा किया है।ष् उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए हर महीने 8500 रुपए देने का फैसला किया है, जो पढ़े-लिखे हैं और रोजगार के बिना संघर्ष कर रहे हैं। यह घोषणा युवाओं के बीच उम्मीद की एक किरण की तरह है, जो वर्तमान में बेरोजगारी और सरकारी नीतियों के कारण परेशान हैं।
यादव ने यह भी कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक नई उम्मीद और बदलाव का संदेश लेकर आई है। उनका दावा है कि जनता ने कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र और गारंटी पर भरोसा जताया है और अब समय आ गया है कि दिल्ली में बदलाव हो। कांग्रेस की रणनीति अब युवाओं और बेरोजगारों पर फोकस करने के साथ-साथ दिल्ली में बढ़ते भ्रष्टाचार को भी खत्म करने की है। उनके अनुसार, इस चुनाव में कांग्रेस का लक्ष्य दिल्ली के विकास को एक नई दिशा देना है, जिसमें समाज के सभी वर्गों को न्याय और समानता मिले।
कांग्रेस के लिए यह चुनावी लड़ाई केवल सत्ता पाने की नहीं बल्कि जनता के मुद्दों और समस्याओं को प्राथमिकता देने की है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे दिल्लीवासियों के लिए एक ऐसी नीति तैयार करेंगे जो सभी वर्गों को समुचित विकास और अवसर दे। इस रैली के दौरान राहुल गांधी और देवेंद्र यादव के हमलों से यह साफ है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार है और विपक्षी दलों को घेरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है।