नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने AAP सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने शीला दीक्षित द्वारा शुरू की गई लाडली योजना के प्रति बेरुखी दिखाते हुए इसे प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया। माकन का कहना था कि इस योजना के तहत लाखों रुपये सरकार के पास पड़े हैं, लेकिन इसका लाभ लेने वाले पात्र लाभार्थियों को यह रकम नहीं दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में इस मुद्दे का उल्लेख हुआ है।
मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में अजय माकन ने कहा कि महिला सम्मान योजना के तहत AAP सरकार ने 2100 रुपये देने का चुनावी वादा किया था। लेकिन, उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार महिलाओं और बच्चों के मामलों में कोई गंभीरता नहीं दिखा रही है। माकन ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार महिला सम्मान और बच्चियों के भविष्य के प्रति सजग होती तो लाडली योजना को लेकर बेरुखी नहीं दिखाई जाती। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति में बेटियों को न केवल उनका हक दिया जाता है, बल्कि उनके प्रति जीवनभर सेवा का भाव होता है। बेटियों का हक छीनना पाप और श्राप दोनों का कारण बनता है।

अजय माकन ने यह भी कहा कि उत्तर भारत के कई राज्यों में लिंगानुपात सही नहीं है, जिसमें भ्रूण हत्या एक प्रमुख कारण है। इस समस्या को सुलझाने के लिए 2008 में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में लाडली योजना शुरू की गई थी। माकन ने कहा कि यह योजना न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी सराही गई थी। इस योजना के तहत, जब किसी गरीब परिवार में बच्ची पैदा होती थी, तो उसे सीधे 10 हज़ार रुपये दिए जाते थे। यदि बच्ची अस्पताल में पैदा होती थी, तो यह राशि 11 हज़ार रुपये होती थी। इसके अलावा, बच्ची को फर्स्ट क्लास में एडमिशन होने पर 5000 रुपये, छठी क्लास में 5000 रुपये, नौवीं क्लास में 5000 रुपये, और दसवीं में पास होने पर भी 5000 रुपये दिए जाते थे। जब बच्ची 18 साल की होती थी, तो उसके नाम पर एक लाख रुपये ट्रांसफर किए जाते थे।
माकन ने कहा कि इस योजना की शुरुआत के बाद से पंजीकरण की संख्या लगातार बढ़ रही थी। 2008 में 20,212 पंजीकरण हुए थे, 2009 में 23,871, और 2010 में 20,793 पंजीकरण हुए थे। लेकिन CAG की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 2013 के बाद से इस योजना के तहत पंजीकरण में लगातार गिरावट देखी गई है। 2020-21 में सिर्फ 3,153 पंजीकरण हुए, जो दर्शाता है कि AAP सरकार ने इस योजना के प्रचार-प्रसार पर कोई ध्यान नहीं दिया। माकन ने यह भी कहा कि 3.20 लाख पंजीकृत बच्चियों के लिए 618 करोड़ रुपये सरकार के पास बैंक में पड़े हुए हैं, लेकिन इन बच्चियों को यह रकम नहीं दी गई। अब इन बच्चियों की उम्र 25-26 साल हो गई है, लेकिन सरकार ने उन्हें पैसे देने में कोई रुचि नहीं दिखाई।

सीएजी की रिपोर्ट में इस मुद्दे पर सवाल उठाए गए हैं, और माकन ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने जानबूझकर इस योजना को नजरअंदाज किया और इसकी प्रभावशीलता को खत्म कर दिया। माकन ने कहा कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए एक वरदान साबित हो सकती थी, लेकिन AAP सरकार की अनदेखी के कारण लाखों बच्चियाँ और उनके परिवार इस योजना का लाभ नहीं उठा पाए।
माकन ने इस मुद्दे को और जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा गरीबों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की है, और लाडली योजना इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से सवाल किया कि आखिर क्यों उन्होंने इस योजना को नजरअंदाज किया और इसका लाभ उन लोगों तक क्यों नहीं पहुंचाया, जिनके लिए यह योजना बनाई गई थी। यह आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला दिल्ली में चुनावी माहौल को और गरमा सकता है। कांग्रेस ने अब आम आदमी पार्टी पर सीधे तौर पर हमला बोला है, और यह देखना होगा कि आगामी चुनावों में इस मुद्दे पर वोटरों का क्या प्रतिक्रिया होती है।