प्रयागराज(सुरेन्द्र कुमार)। महाकुंभ का आयोजन अपने चरम पर है और संगम स्नान के लिए उमड़ी भीड़ ने शहर के हालात बिगाड़ दिए हैं। प्रयागराज आने-जाने वाले सभी रास्ते ठसाठस भरे हुए हैं और पिछले चार दिनों से स्थिति यह हो गई है कि पुलिस को लोगों से वापस लौटने की अपील करनी पड़ रही है। प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हो रहा है और रेलवे ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संगम घाट स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। प्रयागराज में आने वाले सभी सात प्रमुख मार्गों पर 15 से 30 किलोमीटर तक लंबा जाम लगा हुआ है, जिससे यातायात पूरी तरह चरमरा गया है। शहर के अंदर भी हालात बेहद खराब हो चुके हैं। संगम जाने वाले हर रास्ते पर सिर्फ श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो पूरा प्रयागराज एक विशाल जनसागर में तब्दील हो गया हो। 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान होने के कारण भीड़ दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए दोनों ओर मिलाकर 35 से 40 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है।
5 फरवरी की रात से शुरू हुई भीड़ का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दौरान भगदड़ मचने के बाद भीड़ में अचानक गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन 5 फरवरी की रात से श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है। 6 फरवरी को प्रयागराज के रास्तों पर जाम लगने लगा, लेकिन स्थिति काबू में थी। 7 फरवरी से हालात बिगड़ने लगे और प्रयागराज को जोड़ने वाले सभी प्रमुख सात मार्ग जाम की चपेट में आ गए। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि नैनी और झूंसी सहित पूरे प्रयागराज में कदम-कदम पर लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। 8 और 9 फरवरी को हालात पूरी तरह बेकाबू हो गए और शहर के अंदर और बाहर हर ओर जाम ही जाम नजर आने लगा।

एक अनुमान के मुताबिक, बीते चार दिनों में पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। सिर्फ रविवार को 1 करोड़ 57 लाख लोगों ने स्नान किया, जबकि सोमवार दोपहर तक यह संख्या 83 लाख तक पहुंच गई थी। शाम तक यह आंकड़ा दो करोड़ को पार कर सकता है। इसी के साथ 10 से 12 लाख लोग अभी भी रास्ते में हैं। यदि दो दिनों की गणना की जाए तो लगभग ढाई करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
प्रयागराज से जुड़े सात प्रमुख मार्गों पर लंबा जाम लगा हुआ है। इनमें प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर 20 किलोमीटर, प्रयागराज-मिर्जापुर मार्ग पर 10 से 12 किलोमीटर, लखनऊ-रायबरेली-प्रतापगढ़ मार्ग पर 25 से 30 किलोमीटर, प्रयागराज-जौनपुर मार्ग पर 15 से 17 किलोमीटर, प्रयागराज-चित्रकूट मार्ग पर 10 किलोमीटर, प्रयागराज-रीवा मार्ग पर 25 से 30 किलोमीटर और प्रयागराज-कौशांबी मार्ग पर 10 किलोमीटर तक जाम लगा हुआ है। अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर भी महाकुंभ के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। सुलतानपुर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर वाहनों को रोक दिया है और लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। बाराबंकी, गोंडा, बस्ती और अंबेडकरनगर की सीमाओं पर भी पुलिस बैरिकेड लगाकर श्रद्धालुओं के प्रवेश को नियंत्रित कर रही है।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने प्रयागराज संगम स्टेशन को 14 फरवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया है। उत्तर रेलवे ने प्रशासन के आदेशानुसार 9 फरवरी दोपहर 1:30 बजे से 14 फरवरी रात 12 बजे तक इस स्टेशन को यात्रियों के लिए बंद कर दिया है। हालांकि, प्रयागराज जंक्शन का संचालन सामान्य रूप से जारी है। प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रेलवे ने प्रयागराज चौकी, नैनी, प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग और झूंसी स्टेशनों से स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। महाकुंभ में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने एकल दिशा योजना लागू की है, जिससे प्रवेश और निकास को सुगम बनाया जा सके।
रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ बेकाबू हो चुकी है, जिससे लोगों को शहर के अंदर भी 15 से 20 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। मेला क्षेत्र के सभी रास्तों पर भी यही हालात बने हुए हैं। श्रद्धालुओं को संगम स्नान के लिए 35 से 40 किलोमीटर तक पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। शटल बसों की भारी किल्लत ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकार द्वारा 500 शटल बसें चलाने का दावा किया गया था, लेकिन श्रद्धालुओं को बसें नहीं मिल रही हैं। मजबूरन उन्हें प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिनके चालक मनमाने दाम वसूल रहे हैं। भीड़ के बढ़ते दबाव के कारण पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच जगह-जगह झड़प की खबरें भी सामने आ रही हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के प्रयागराज आगमन के कारण सभी पीपा पुलों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, लेटे हनुमान मंदिर और किला घाट रोड को पूरी तरह खाली कराया गया है, जिससे संगम क्षेत्र में भीड़ का दबाव और बढ़ गया है। भोजन-पानी की भारी किल्लत से भी श्रद्धालु परेशान हैं। नैनी, झूंसी और फाफामऊ के क्षेत्रों में ढाबों और रेस्टोरेंट्स में राशन खत्म हो चुका है। पिछले चार दिनों में करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं, जिससे खाने-पीने की उचित व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है। गंगा किनारे के हर गली-मोहल्ले में सिर्फ श्रद्धालुओं की भीड़ ही नजर आ रही है।
भीषण जाम के चलते शहर में फंसे वाहनों की तपती धूप में आग लगने की घटनाएं भी सामने आई हैं। रविवार को बेला कछार के पास मलाक हरहर रेलवे क्रॉसिंग पर जाम में फंसी एक स्कॉर्पियो में अचानक आग लग गई। जब तक दमकल वाहन घटनास्थल तक पहुंचते, स्कॉर्पियो पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी। इसके अलावा, हरदोई की एक एमजी हेक्टर कार में भी आग लग गई। कार में छह लोग सवार थे, जिन्होंने किसी तरह कूदकर अपनी जान बचाई। इन हालातों को देखते हुए प्रयागराज प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा करने से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।