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महाकुंभ में भगदड़ से हाहाकार 17 की मौत NSG तैनात शाही स्नान रद्द

महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान मची भगदड़, 17 की मौत, 50 से ज्यादा घायल, NSG तैनात, शाही स्नान रद्द

प्रयागराज(सुरेन्द्र कुमार)। महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। संगम तट पर उमड़ी भारी भीड़ के बीच मची भगदड़ में 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रशासन घायलों को इलाज के लिए स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती करा रहा है। घटना मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब 1:30 बजे की बताई जा रही है, जब भारी भीड़ संगम नोज पर उमड़ी थी और अचानक एक अफवाह के चलते भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी के बीच कई श्रद्धालु जमीन पर गिर पड़े और लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ते रहे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। इस दर्दनाक हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई। महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि भगदड़ अफवाह के कारण हुई और इसमें 17 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हैं।

भगदड़ की खबर मिलते ही कुंभ क्षेत्र में स्थित अस्पताल के बाहर अपनों की तलाश में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। घायलों के परिजन अपने प्रियजनों के हाल जानने के लिए बेताब नजर आए। घटना के बाद पुलिस-प्रशासन ने संगम तट को पूरी तरह से घेर लिया और राहत-बचाव कार्य जारी रखा। मौके पर एनएसजी कमांडो भी तैनात कर दिए गए हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान था, जिसके चलते मंगलवार को करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचे थे। प्रशासन बार-बार एनाउंसमेंट कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं के कारण हालात बिगड़ गए। जब भीड़ बेकाबू हुई, तो अचानक भगदड़ मच गई और हजारों लोगों ने भागना शुरू कर दिया। भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं के चप्पल, जूते, बैग और अन्य सामान बिखरे पड़े नजर आए।

घटना के बाद कई शव घंटों तक मौके पर ही पड़े रहे, वहीं कुछ श्रद्धालु अपनों को तलाशते रहे। जिनके प्रियजनों की मौत हुई, वे बिलखते और चिल्लाते रहे। हादसे की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत कर घटना की पूरी जानकारी ली और घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। विशेष कार्याधिकारी कुंभ मेला प्राधिकरण आकांक्षा राणा ने बताया कि संगम नोज पर बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। उनका इलाज अस्पताल में जारी है, हालांकि कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं है। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने भी पुष्टि की कि यह हादसा अफवाह के कारण हुआ और इसमें कई श्रद्धालु अपनी जान गंवा बैठे, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में पूरी तरह से जुटा हुआ है।

घटना के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बड़ा फैसला लेते हुए मौनी अमावस्या का शाही स्नान रद्द करने का ऐलान किया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संगम तट पर आम लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है और सीमा क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। अब श्रद्धालुओं को महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका जा रहा है। यह हादसा महाकुंभ में प्रशासन की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान के लिए आते हैं, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ को संभालने की चुनौती हर बार प्रशासन के लिए मुश्किल साबित होती है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि इस बार चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, लेकिन बावजूद इसके हादसा हो गया। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस भगदड़ के लिए कौन जिम्मेदार है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?

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