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महाकुंभ में धर्म संसद की धमाकेदार तैयारी, हिंदू राष्ट्र बनाने की उठेगी आवाज

महाकुंभ में 27 जनवरी को धर्म संसद, सनातन बोर्ड गठन और वक्फ बोर्ड समाप्ति की होगी मांग

प्रयागराज(सुरेन्द्र कुमार)। महाकुंभ का आयोजन 2025 में 27 जनवरी को एक ऐतिहासिक धर्म संसद के साथ और भी भव्य रूप में होने जा रहा है, जो प्रयागराज में सेक्टर 17 के शिविर में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में देशभर के प्रमुख साधु-संत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सदस्य हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर, सनातन धर्म की रक्षा और उसे और भी मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। धर्म संसद में प्रमुख मुद्दे होंगे सनातन बोर्ड के गठन की मांग और वक्फ बोर्ड को समाप्त करने के लिए आह्वान। यह एक ऐसा मंच होगा, जहां देश भर से आ रहे संत और विचारक एकजुट होकर हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाएंगे। इसके माध्यम से, यह उम्मीद की जा रही है कि एकजुटता का प्रदर्शन कर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए जाएंगे।

कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर, जो इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक हैं, ने संतों से बैठक की है और धर्म संसद के आयोजन के लिए सारी जानकारी साझा की है। इस बैठक में आयोजन स्थल से लेकर उसके उद्देश्य और समग्र रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई। देवकी नंदन ठाकुर ने संतों से अपील की है कि वे इस आयोजन को सफल बनाने के लिए महाकुंभ में बड़ी संख्या में उपस्थित हों। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम सभी एकजुट होकर इस अभियान में हिस्सा लेंगे, तो हम अपने उद्देश्यों को हासिल कर सकते हैं। उनका विश्वास है कि अगर सनातन धर्म के पक्ष में एकजुटता और समर्थन बढ़ेगा, तो न केवल सनातन बोर्ड के गठन की मांग पूरी होगी, बल्कि भारत में हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।

यह धर्म संसद न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाजिक और राजनीतिक संदर्भ में भी इसकी काफी अहमियत है। यदि इसमें उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है, तो यह हिन्दू समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए एक अहम कड़ी साबित हो सकता है। धर्म संसद के आयोजन के दौरान, वक्फ बोर्ड के खिलाफ भी आवाज उठाने का प्रस्ताव रखा गया है, जो कई लोगों के अनुसार भारतीय समाज में धार्मिक असमानता को बढ़ावा देता है। ऐसे में यह सभा महाकुंभ के दौरान एक ठोस मंच बनेगी, जिस पर न केवल धार्मिक मुद्दों पर बात होगी, बल्कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए सरकार से भी उचित कदम उठाने की मांग की जाएगी। इस आयोजन के सफल होने से एक सशक्त और संगठित हिन्दू समाज के निर्माण की दिशा में नए कदम उठाए जा सकते हैं।

महाकुंभ मेले में इस धर्म संसद का आयोजन एक विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आकर खड़ा है। यह अवसर भारतीय समाज के उन सभी वर्गों को एकजुट करने का है, जो सनातन धर्म की रक्षा और उसकी पहचान को संरक्षित रखना चाहते हैं। देवकी नंदन ठाकुर और अन्य धार्मिक नेता इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनका उद्देश्य केवल एक धर्मिक सभा आयोजित करना नहीं है, बल्कि समाज में एक ऐसा वातावरण बनाना है, जो हिन्दू धर्म के अधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने का काम करे।

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