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प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज संगम में किया धार्मिक अभिषेक, गंगा पूजन से मिली शांति

संगम तट पर प्रधानमंत्री ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संग पूजन कर मां का आशीर्वाद लिया

प्रयागराज(सुरेन्द्र कुमार)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को त्रिवेणी संगम पर पहुंचकर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर विशेष पूजा-अर्चना की। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा मैया को दूध अर्पित किया, चुनरी चढ़ाई और सूर्य देवता को अर्घ्य प्रदान किया। हाथ में रुद्राक्ष की माला और तांबे की लुटिया लिए प्रधानमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संपूर्ण विधि-विधान से पूजा की। इस दौरान उन्होंने हर डुबकी के बाद रुद्राक्ष की माला से मंत्रों का जाप भी किया, जो इस अवसर की विशेषता को और भी बढ़ा रहा था। इस समय प्रयागराज के माहौल में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत समागम देखने को मिला। धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम स्नान और पूजा के बाद अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल ग् पर एक संदेश लिखा, जिसमें उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ के अवसर पर पवित्र संगम में स्नान करने और पूजा-अर्चना का अनुभव परम सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करके उन्हें असीम शांति और संतोष का अनुभव हुआ। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों की सुख-समृद्धि, आरोग्य और कल्याण की कामना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पूजा ने उन्हें आध्यात्मिक उन्नति और शांति का अहसास कराया, जो उनके जीवन की सबसे अद्भुत क्षणों में से एक था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने काले कुर्ते और भगवा पटके के साथ हिमाचली टोपी पहनी थी, जो उनके आत्मविश्वास और सादगी को दर्शाता था

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिवेणी संगम पर आकर वहां की पवित्र नदियों की आरती भी उतारी। इस आरती में उन्होंने अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। यह एक पवित्र क्रिया थी जो भारतीय संस्कृति के गहरे धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है। पूजा-अर्चना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोट पर सवार होकर संगम से लौटते हुए यात्रा की। बोट के रास्ते में, उन्होंने संगम पर स्नान कर रहे लाखों श्रद्धालुओं को देखकर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। यह दृश्य सचमुच बेहद भावुक था, क्योंकि प्रधानमंत्री ने भक्तों से मिलकर और उन्हें आशीर्वाद देकर एक अनूठी धार्मिकता का उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रयागराज में प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा बहुत ही विशेष था, क्योंकि वह गुप्त नवरात्रि और भीष्माष्टमी के दिन पहुंचे थे, जो भारतीय पंचांग के हिसाब से अत्यधिक महत्व रखते हैं। गुप्त नवरात्रि में देवी पूजा का आयोजन होता है, जबकि भीष्माष्टमी पर श्रद्धालु अपने पुरखों का तर्पण और श्राद्ध करते हैं। यह दिन विशेष रूप से तपस्या, ध्यान और साधना के लिए अनुकूल माना जाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का संगम स्नान करना और पूजा-अर्चना करना न केवल उनके आध्यात्मिक पक्ष को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के प्रति अपनी श्रद्धा को पूरी तरह से मानते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के संगम स्नान के बाद, शहर के ट्रैफिक व्यवस्था में कोई भी व्यवधान नहीं आया। प्रधानमंत्री ने स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया था कि संगम स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था को सामान्य रूप से चलाने की दिशा में विशेष ध्यान रखा गया। यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे के दौरान आम जनता की सुविधा और भलाई को प्राथमिकता दी।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद हेलिकॉप्टर से यात्रा शुरू की थी। वे एयरपोर्ट से सीधे एमआई 17 हेलिकॉप्टर में सवार हुए और डीपीएस हेलिपैड पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी विशेष बोट पर सवार होकर संगम पहुंचे। उन्होंने त्रिवेणी संगम की धार्मिक यात्रा का आनंद लिया और वहां पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं से हाथ हिलाकर संवाद भी किया। प्रधानमंत्री का यह सादगीपूर्ण व्यवहार वहां उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना।

प्रधानमंत्री मोदी का प्रयागराज दौरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी प्रभावशाली रहा। उनके इस दौरे ने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय राजनीति में धार्मिक दृष्टिकोण और आध्यात्मिक अनुभवों का कितना महत्व है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को महाकुंभ के आयोजन के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि इस अवसर पर किए गए आयोजन से लाखों श्रद्धालुओं को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह प्रयागराज दौरा, उनके धार्मिक विश्वास और भारत की आध्यात्मिक समृद्धि के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा का प्रतीक था।

उन्होंने संगम स्थल पर पूजा-अर्चना करके न केवल धार्मिक उन्नति को बढ़ावा दिया, बल्कि देशवासियों के बीच एकता और भाईचारे का संदेश भी दिया। यह यात्रा भारतीय जनता के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनी और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की एकता और समृद्धि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम स्नान और पूजा के बाद, अपने भक्तों से जुड़े हर पहलू को प्राथमिकता दी। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि इस यात्रा ने उन्हें अपार शांति और संतोष का अनुभव कराया, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की गहरी जड़ों से जुड़ा हुआ है।

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