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होली के रंगों में सराबोर हुआ अखिल भारतीय महाकाल सनातन सेवा ट्रस्ट का होली मिलन समारोह

रंग, भक्ति और उल्लास का महासंगम: श्री महालक्ष्मी मंदिर में होली उत्सव ने बांधा समरसता का रंग

काशीपुर। होली का त्योहार जब उत्साह, उमंग और रंगों की मस्ती के साथ मनाया जाता है, तो उसका आनंद कई गुना बढ़ जाता है। इसी जोश और उल्लास के साथ अखिल भारतीय महाकाल सनातन सेवा ट्रस्ट द्वारा भव्य होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। यह रंगारंग कार्यक्रम श्री महालक्ष्मी मंदिर, केशवपुरम कॉलोनी में संपन्न हुआ, जहां शहर के कई गणमान्य व्यक्तियों और श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। होली के इस खास मौके पर मंदिर प्रांगण रंगों और गुलाल से सराबोर नजर आया। चारों ओर रंगों की बौछार, संगीत की धुन और भक्तिमय माहौल ने हर किसी को आनंदित कर दिया।

समारोह में अखिल भारतीय महाकाल सनातन सेवा ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष देवराज वर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। उनके साथ श्री महालक्ष्मी मंदिर के अजय कुमार अग्रवाल जी, वीरपाल जी, विजय वीर जी, लखविंदर जी, बिट्टू सिंह, धनंजय कुमार, संजीव कुमार, अनूप सिंह, विशाल कुमार, कृपाल सिंह, शांति देवी और गीता देवी सहित अन्य श्रद्धालु भी इस शुभ अवसर पर शामिल हुए। इन सभी ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं और इस पर्व के महत्व पर अपने विचार साझा किए।

होली केवल रंगों और गुलाल का त्योहार नहीं, बल्कि यह प्रेम, सौहार्द और भक्ति की परंपरा को आगे बढ़ाने वाला पर्व भी है। इस पावन मौके पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जहां उपस्थित श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक माता महालक्ष्मी की आराधना की और सुख-समृद्धि की कामना की। रंगों के इस पावन अवसर पर मंदिर में भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम में वार्ड नंबर 4 की पार्षद सीमा सागर जी, कुसुम वर्मा जी और सीमा देवी जी सहित अन्य सम्माननीय व्यक्तित्व भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर एकता, भाईचारे और प्रेम के संदेश को फैलाने पर जोर दिया। पार्षद सीमा सागर जी ने अपने संबोधन में कहा कि होली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपरा का वह हिस्सा है, जो हमें प्रेम और समरसता के सूत्र में बांधता है। उन्होंने सभी को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखना ही इस त्योहार का असली संदेश है।

होली के इस उत्सव में गुलाल, फूलों और संगीत का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। भक्तगण रंगों में सराबोर होकर नाचते-गाते नजर आए। मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़ों की धुन और होली के पारंपरिक गीतों ने माहौल को और भी आनंदमय बना दिया। श्रद्धालुओं ने ष्रंग बरसेष्, ष्होली आई रेष् और अन्य लोकप्रिय भजनों पर झूमकर होली का आनंद लिया। बच्चों और बुजुर्गों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। बच्चे फूलों की होली खेलते नजर आए, जबकि बुजुर्गों ने मंदिर में बैठकर भजन-कीर्तन का आनंद लिया। रंगों से सराबोर हर चेहरा खुशी और उमंग से दमक रहा था।

होली मिलन समारोह के अवसर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे में पूड़ी, सब्जी, हलवा, खीर और ठंडाई जैसी पारंपरिक व्यंजन परोसे गए। श्रद्धालुओं ने बड़े ही श्रद्धाभाव से प्रसाद ग्रहण किया और आयोजकों की इस शानदार व्यवस्था की सराहना की। देवराज वर्मा जी ने इस अवसर पर कहा कि अखिल भारतीय महाकाल सनातन सेवा ट्रस्ट समाज के हित में निरंतर कार्य कर रहा है और इस तरह के आयोजनों के माध्यम से समाज को जोड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक उत्थान के कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि होली केवल रंगों का पर्व नहीं, बल्कि यह लोगों को जोड़ने और प्रेम व भाईचारे का संदेश देने का सबसे अच्छा माध्यम है। इस आयोजन में आए सभी लोगों ने एक-दूसरे को रंगों से सराबोर कर यह संदेश दिया कि चाहे कोई भी वर्ग या समुदाय हो, होली का रंग सबको समान रूप से रंगता है। कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और इस पर्व को यादगार बनाने के लिए अखिल भारतीय महाकाल सनातन सेवा ट्रस्ट का धन्यवाद किया। देवराज वर्मा जी ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि ट्रस्ट आगे भी इसी तरह के आयोजन करता रहेगा और समाज को एकजुट करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा।

श्री महालक्ष्मी मंदिर में आयोजित होली मिलन समारोह एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया, जहां रंगों, भक्ति, प्रेम और उत्साह का अनुपम संगम देखने को मिला। मंदिर परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था, और जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया, माहौल भक्तिरस से सराबोर होता गया। अबीर-गुलाल की सुगंध, ढोल-नगाड़ों की गूंज, और भजनों की मधुर ध्वनि ने वातावरण को और भी दिव्य बना दिया। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को रंग लगाकर प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। इस आयोजन में हर वर्ग के लोग शामिल हुए और सभी ने मिलकर एकता व सौहार्द्र का संदेश दिया। मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना हुई, जहां भक्तों ने माता महालक्ष्मी से सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। यह उत्सव केवल रंगों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा बन गया, जिसे सभी श्रद्धालु लंबे समय तक याद रखेंगे।

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