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हर हाथ में डस्टबिन, स्वच्छता के संकल्प से चमकेगा अब काशीपुर का हर कोना

‘स्वच्छता जनआंदोलन’ की नई शुरुआत, व्यापारियों को डस्टबिन बांटकर महापौर ने मांगा सक्रिय सहयोग

काशीपुर। नगर निगम ने स्वच्छता अभियान को केवल सरकारी दायरे में सीमित न रखते हुए अब उसे जनसहयोग से जनांदोलन का रूप देने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा दिया है। सोमवार को निगम सभागार में आयोजित एक व्यापक कार्यक्रम में महापौर दीपक बाली और विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने मिलकर व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए निःशुल्क डस्टबिन वितरण अभियान की औपचारिक शुरुआत की। यह प्रयास महज डस्टबिन बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से बाजार क्षेत्रों में स्वच्छता की ठोस नींव रखने और जनता को अभियान का भागीदार बनाने का संकल्प लिया गया है। नगर निगम के इस अभियान के ज़रिए यह संदेश दिया गया कि साफ-सफाई किसी एक संस्था की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की साझी जिम्मेदारी है।

दीपक बाली ने इा दौरान स्पष्ट कहा कि बारिश के इस मौसम में नगर निगम का अमला दिन-रात नालों और नालियों की सफाई में लगा हुआ है ताकि शहर जलभराव जैसी परेशानियों से मुक्त हो सके। उन्होंने अपने संबोधन में तीखे शब्दों में कहा कि “जब तक आम जनता खुद आगे नहीं आएगी, तब तक चाहे एक नहीं, सौ दीपक बाली भी कोशिश कर लें, नगर स्वच्छ नहीं हो सकता।” महापौर का यह बयान उनके संकल्प और ईमानदार मंशा को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इंदौर जैसे शहरों की सफलता का रहस्य वहां की जागरूक जनता है, जो प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है। उन्होंने काशीपुरवासियों से अपील की कि वे सिर्फ अपने प्रतिष्ठानों को ही नहीं, बल्कि अपने आसपास के सार्वजनिक स्थलों की सफाई को भी अपनी जिम्मेदारी समझें और रोजमर्रा की आदतों में स्वच्छता को शामिल करें।

त्रिलोक सिंह चीमा ने अपनी बात रखते हुए यह बात रेखांकित की कि जब तक हर नागरिक अपने मोहल्ले, अपने व्यवसाय स्थल और अपने गली-मोहल्ले को स्वच्छ रखने की सोच नहीं अपनाएगा, तब तक शहर में स्थायी परिवर्तन संभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नगर निगम की पहल तभी सफल हो सकती है जब समाज का हर वर्ग उसका सहभागी बने। विधायक ने यह भी कहा कि स्वच्छता केवल नगरपालिका की चिंता नहीं है बल्कि यह हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने उपस्थित लोगों से भावनात्मक अपील की कि वे घरों, दुकानों और गलियों की स्वच्छता को उतनी ही प्राथमिकता दें जितनी अपने निजी स्वार्थों को देते हैं।

कार्यक्रम में जैसे ही मंच से वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इा दौरान के डी एफ से राजीव घई ने इस अवसर पर मंच से अपने विचार रखते हुए कहा कि नगर निगम की यह पहल न केवल समय की मांग है, बल्कि काशीपुर के भविष्य को संवारने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। उन्होंने कहा कि यदि हर नागरिक यह सोच ले कि स्वच्छता सिर्फ सरकार या निगम की नहीं, बल्कि उसकी भी ज़िम्मेदारी है, तो कोई भी शहर गंदगी का शिकार नहीं बनेगा। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि दुकानदारों और व्यापारियों की भागीदारी इस मुहिम में सबसे अधिक जरूरी है, क्योंकि बाजार क्षेत्र ही सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला इलाका होता है, और वहीं से स्वच्छता की असली शुरुआत होनी चाहिए। राजीव घई ने अपने संबोधन के अंत में यह भी कहा कि केडीएफ इस अभियान में पूरी ताकत के साथ निगम का साथ देगा और जागरूकता बढ़ाने में भी हर संभव सहयोग करेगा।

लायंस क्लब ग्रेटर के नगर अध्यक्ष गौतम मेहरोत्रा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नगर निगम द्वारा शुरू किया गया यह स्वच्छता अभियान वास्तव में एक सराहनीय और आवश्यक पहल है। उन्होंने कहा कि काशीपुर जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाए रखने के लिए केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि इसमें आम जनता की सक्रिय भूमिका अनिवार्य है। उन्होंने विशेष रूप से व्यापारिक समुदाय से आह्वान करते हुए कहा कि दुकानदारों और व्यापारियों को अपनी दुकानों के आसपास की सफाई को प्राथमिकता में शामिल करना चाहिए, क्योंकि ग्राहकों के लिए साफ वातावरण एक सकारात्मक अनुभव देता है। गौतम मेहरोत्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि लायंस क्लब ग्रेटर इस स्वच्छता अभियान में न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा, बल्कि नगर निगम के हर प्रयास में भागीदारी भी करेगा। उन्होंने जनता से अपील की कि स्वच्छ काशीपुर के इस अभियान को व्यक्तिगत संकल्प बनाकर पूरे शहर को प्रेरणा का उदाहरण बनाया जाए।

मंच का संचालन करते हुए राहुल पैगिया ने अपने प्रभावशाली अंदाज़ में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि काशीपुर को स्वच्छ, सुंदर और विकसित बनाने की दिशा में आज का यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि जब प्रशासन, जनप्रतिनिधि और समाजसेवी संस्थाएं एक मंच पर एकजुट होकर किसी उद्देश्य के लिए कार्य करती हैं, तो उसका असर दूरगामी और सकारात्मक होता है। राहुल पैगिया ने जोर देते हुए कहा कि स्वच्छता केवल शब्द नहीं, बल्कि एक संस्कार है जिसे प्रत्येक नागरिक को आत्मसात करना होगा। उन्होंने जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह नगर हमारा है और इसकी सफाई की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। उन्होंने सभी दुकानदारों और नागरिकों से अनुरोध किया कि वे नगर निगम की इस मुहिम में बढ़-चढ़कर भाग लें और इसे केवल सरकारी अभियान नहीं, बल्कि अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझकर आगे आएं। यही सच्ची भागीदारी की पहचान है।

कार्यक्रम का सबसे जीवंत और प्रेरक क्षण वह था जब महापौर दीपक बाली, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, नगर आयुक्त रविंद्र कुमार बिष्ट और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने एक साथ मंच से डस्टबिन से भरी गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह दृश्य न केवल आयोजन की भव्यता को दर्शा रहा था, बल्कि शहर में स्वच्छता के प्रति एकजुटता और प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बन गया। इन डस्टबिनों का वितरण शहर के प्रमुख बाजार क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी, जो इस पूरी मुहिम को महिला सशक्तिकरण से भी जोड़ती है। खास बात यह है कि प्रत्येक डस्टबिन को दो हिस्सों में बांटा गया है, जिससे गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखा जा सकेगा। यह व्यवस्था सिर्फ सफाई की नहीं, बल्कि संगठित कचरा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी पहल मानी जा रही है, जो आने वाले समय में नगर को नई पहचान देगी।

नगर निगम की इस मुहिम को समर्थन देने के लिए शहर की कई प्रतिष्ठित संस्थाएं भी आगे आईं। रोटरी क्लब, लायंस क्लब, केडीएफ, तराई इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन, व्यापार मंडल, अग्रवाल सभा जैसे सामाजिक संगठन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और मंच से स्पष्ट घोषणा की कि वे केवल समर्थन तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि स्वयं भी नगर निगम की इस पहल में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि अब काशीपुर को स्वच्छ, सुंदर और प्रेरणादायी नगर बनाना सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि हर नागरिक का साझा कर्तव्य बन चुका है।

यह पूरा आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि काशीपुर में स्वच्छता के नए युग की शुरुआत बनकर उभरा। इससे यह स्पष्ट संकेत मिल चुका है कि जब ईमानदार नेतृत्व, सक्रिय प्रशासन और जागरूक नागरिक एक साथ एक मंच पर आते हैं, तो बदलाव महज सपना नहीं रह जाता। काशीपुर ने इस दिशा में पहला सशक्त कदम बढ़ा लिया है, अब यह शहर केवल स्वच्छता की परिभाषा नहीं लिखेगा, बल्कि पूरे प्रदेश को दिशा भी देगा।

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