काशीपुर। नगर निगम काशीपुर की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट आ गई है, और इस बार केंद्र में हैं महापौर दीपक बाली, जो इन दिनों विकास की परिभाषा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में जुटे हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 28 लाख रुपए की लागत से बनने वाली कई सड़कों का उन्होंने आज एक बार फिर जोरदार शिलान्यास किया। दिलचस्प बात यह है कि वे क्षेत्रवाद और भेदभाव से ऊपर उठकर सभी वार्डों में सड़कों और नालियों के निर्माण को प्राथमिकता दे रहे हैं। हाल ही में अल्लीखां क्षेत्र में भी दो सड़कों का शिलान्यास कर चुके महापौर का यह संदेश साफ है-विकास के लिए कोई इलाका पराया नहीं। मुस्लिम इलाकों में भी उन्होंने कई प्रोजेक्ट पास किए हैं, जिससे क्षेत्र के मुस्लिम प्रतिनिधि भी संतुष्ट नजर आ रहे हैं और खुले दिल से कह रहे हैं कि श्री बाली बिना किसी पक्षपात के सबके लिए काम कर रहे हैं।
एक तरफ जहां चुनावी वादों में अक्सर विकास खो जाता है, वहीं दीपक बाली ने इसे अपनी जिम्मेदारी मानते हुए असल ज़मीनी काम को प्राथमिकता दी है। वार्ड नंबर 1 की गड्ढा कॉलोनी में उन्होंने विपिन के घर से सुरेंद्र के मकान तक सड़क और नाली निर्माण के कार्य का शिलान्यास करके यह साबित कर दिया कि वे सिर्फ बातें नहीं करते, बल्कि उन्हें हकीकत में बदलते हैं। यही नहीं, रम्पुरा इलाके में भी उन्होंने बूटा सिंह के घर से हरिप्रसाद के घर तक बनने वाली सड़क के निर्माण का उद्घाटन किया, जिससे स्थानीय जनता में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर जोशीला स्वागत हुआ, जिससे साफ था कि लोगों का भरोसा अब महज उम्मीद नहीं, बल्कि यकीन बन चुका है।

शहर की सुंदरता और स्वच्छता को लेकर महापौर का जो विज़न है, वह मंगलवार को मधुबन नगर की गलियों में भी झलकता नजर आया। वार्ड नंबर 12 में मेंन रोड से भोज सिंह के घर तक बनने वाली सड़क, और उसी इलाके में मंगत बाढला के मकान से समर भवन तक की नालीयुक्त सड़क का शिलान्यास कर उन्होंने यह जता दिया कि कोई भी मोहल्ला विकास की दौड़ में पीछे नहीं छूटेगा। गली-गली में काम शुरू हो चुका है और हर कोना अब शहर के स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर स्वरूप की ओर अग्रसर होता दिखाई दे रहा है। यही नहीं, यह सिर्फ पक्की सड़कों की बात नहीं है, यह सम्मान और समावेशिता की तस्वीर है, जहां हर समुदाय, हर वर्ग को बराबर की हिस्सेदारी मिल रही है।
मंगलवार की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि शिलान्यास स्थलों पर न केवल पार्षद बल्कि स्थानीय नेता, समाजसेवी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे, जो इस आयोजन को सामाजिक सहयोग और सहभागिता की एक मिसाल बना गया। बीना देवी, गुंजन प्रजापति, अब्दुल कादिर, राशिद फारुकी, प्रकाश नेगी, बृजेश सैनी, कल्पना राणा, प्रदीप सिंह, अजय कुमार, अशोक सैनी, जसवीर सिंह सैनी, चौधरी समरपाल सिंह, देव प्रजापति, राजीव चौहान, उषा रानी, मनोरथ लखचौरा, डॉक्टर विजय शर्मा, बूटा सिंह, अभिनव राजपूत, अमित गोस्वामी, महेश चौहान, अशोक चौहान, और अमित चौहान जैसे नामचीन चेहरे मंच की शोभा बढ़ाते नजर आए। हर किसी ने महापौर दीपक बाली का जोरदार स्वागत किया और अपने जोशीले भाषणों में यह जताया कि शहर की जनता को ऐसे ही जनप्रतिनिधियों की ज़रूरत है जो ना सिर्फ सपने दिखाएं, बल्कि उन्हें जमीनी हकीकत में बदलें।
जब महापौर कहते हैं कि नगर निगम का कोई कोना विकास से अछूता नहीं रहेगा, तो उनके शब्दों में सिर्फ आत्मविश्वास ही नहीं, बल्कि एक ठोस योजना की झलक भी नजर आती है। वे सिर्फ शिलान्यास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हर एक काम की निगरानी, गुणवत्ता की जांच और तय समयसीमा में पूरा करवाना उनका व्यक्तिगत संकल्प बन चुका है। शहर के कोने-कोने में जब विकास की आहट गूंजती है, तो यह सिर्फ सड़कों की बात नहीं होतीकृयह उस भरोसे की बात होती है जो जनता अपने निर्वाचित प्रतिनिधि में करती है। दीपक बाली ने यह भरोसा जीता है, और यही वजह है कि उनके हर कदम पर जनता कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ चल रही है।
अगर कोई आपसे यह सवाल करे कि इस वक्त विकास की असली तस्वीर क्या है, तो जवाब देने के लिए आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि इसका उत्तर खुद ज़मीनी हकीकत में बसा हैकृवह है दीपक बाली का नेतृत्व, जिसकी छांव तले काशीपुर की हर गली, हर वार्ड, हर मोहल्ला तेज़ी से तरक्की की राह पर है। उनके काम सिर्फ उद्घाटन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि निष्पक्ष दृष्टिकोण से, बिना किसी राजनीतिक या धार्मिक भेदभाव के, वे हर वर्ग, हर समुदाय और हर क्षेत्र को एक समान तरजीह दे रहे हैं। उनकी सोच साफ है-विकास सबका, भेदभाव किसी का नहीं। यही कारण है कि नगर निगम का कोई कोना अछूता नहीं रहा और जनता में यह विश्वास गहराता जा रहा है कि जब नेतृत्व में ईमानदारी और समर्पण हो, तो विकास सिर्फ वादा नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई बन जाता है। यदि कोई पूछे कि इस समय काशीपुर में विकास की असली परिभाषा क्या है, तो जवाब सीधा होगा- ‘‘दीपक बाली के नेतृत्व में उठते कदम, जो भेदभाव से परे, निष्पक्षता और समानता की ओर अग्रसर हैं।’’