हरिद्वार। हरिद्वार जिले में अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस की सक्रियता एक बार फिर चर्चा में है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल (आईपीएस) के मार्गदर्शन में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने एक सुनियोजित अभियान चलाकर रुड़की क्षेत्र में संचालित देह व्यापार के जाल को तोड़ने में सफलता हासिल की है। इस पूरे अभियान में सत्यम पैलेस नामक होटल को निशाना बनाया गया, जहां लंबे समय से देह व्यापार के संचालित होने की सूचनाएं मिल रही थीं। गुप्त सूचना मिलने पर पुलिस ने 23 जून 2025 को देर शाम यहां छापा मारा और मौके से तीन महिलाओं, दो पुरुषों तथा होटल मैनेजर समेत कुल छह व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया। यह पूरी कार्रवाई स्थानीय होटलों में चल रहे गिरोहों पर कड़ा प्रहार मानी जा रही है।
रुड़की शहर के बीचोंबीच स्थित यह होटल पिछले तीन वर्षों से अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बना हुआ था, जिसे सूरज नामक युवक द्वारा लीज पर लेकर चलाया जा रहा था। सूरज पुत्र सत्यप्रकाश गुप्ता ने अपने सहयोगी निशांत के साथ मिलकर इस पूरे रैकेट का संचालन किया। पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि उक्त दोनों व्यक्ति पिछले कई वर्षों से संगठित ढंग से इस धंधे में संलिप्त थे और इस होटल को मुख्य केंद्र के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे। दिलचस्प बात यह रही कि पुलिस की दबिश के दौरान सूरज व उसका साथी निशांत होटल से फरार हो गए, जिनकी तलाश में अब भी पुलिस की कई टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
इस रैकेट में शामिल अन्य मुख्य नामों में अफजाल पुत्र जाहिद और मोहसिन पुत्र इब्राहिम का नाम भी सामने आया है, जो लक्सर क्षेत्र के निवासी हैं। इसके अलावा होटल मैनेजर सचिन, जो मलकपुर चुंगी स्थित पठानपुरा का रहने वाला है, को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। तीन महिलाओं को भी मौके से पकड़ा गया, जिनके जरिए इस धंधे को आगे बढ़ाया जा रहा था। सूत्रों की मानें तो इनमें से कुछ महिलाएं पहले भी देह व्यापार से जुड़े मामलों में शामिल रही हैं। साथ ही पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि रुड़की क्षेत्र की एक महिला ब्रोकर व नीरज शर्मा इस गोरखधंधे में लंबे समय से सक्रीय हैं और ये दोनों पूर्व में भी जेल की हवा खा चुके हैं।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक वस्तुएं, मोबाइल फोन और अन्य अहम साक्ष्य जब्त किए हैं। इन साक्ष्यों की बारीकी से जांच की जा रही है, ताकि इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके। देह व्यापार के इस नेटवर्क का खुलासा सिर्फ सतही कार्रवाई नहीं है, बल्कि इसके जरिये पुलिस उन परतों को भी खंगाल रही है जो समाज में गुपचुप तरीके से इन गैरकानूनी गतिविधियों को संरक्षण देते हैं। अब यह उम्मीद की जा रही है कि जांच के अगले चरण में इस गिरोह से जुड़े और भी नाम सामने आएंगे, जिन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गिरफ्तार किए गए सभी अभियुक्तों को थाना गंगनहर ले जाकर पूछताछ की जा रही है और उनके विरुद्ध संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस पूरे ऑपरेशन में महिला उपनिरीक्षक राखी रावत की भूमिका अहम रही, जिनके नेतृत्व में पुलिस टीम ने न केवल त्वरित कार्रवाई की, बल्कि होटल के भीतर चल रहे इस घिनौने धंधे की सच्चाई को उजागर किया। उनके साथ एएसआई देवेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल राकेश कुमार, महिला हेड कांस्टेबल बीना गोदियाल, कांस्टेबल मुकेश कुमार, जयराज भंडारी और दीपक चंद्र भी शामिल थे। इन सभी ने मिलकर न केवल ऑपरेशन को सफल बनाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि हरिद्वार पुलिस अब इस प्रकार के अपराधों को बर्दाश्त नहीं करने वाली।
देह व्यापार जैसी घिनौनी प्रवृत्तियों पर सख्त नियंत्रण के लिए यह कार्रवाई एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसने न केवल अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों की पोल खोली, बल्कि यह भी दिखाया कि यदि प्रशासन दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाए तो ऐसे रैकेट कितनी तेजी से ध्वस्त किए जा सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि फरार सूरज और निशांत कब गिरफ्त में आते हैं और पुलिस की अगली जांच में और कौन-कौन से चेहरे बेनकाब होते हैं। फिलहाल, समाज के हर जिम्मेदार नागरिक को चाहिए कि वह ऐसे मामलों की सूचना देने में हिचके नहीं, क्योंकि यह केवल एक कानून व्यवस्था का मसला नहीं, बल्कि सामाजिक शुद्धि का भी प्रश्न है।