हरिद्वार(सुरेन्द्र कुमार)। अवैध धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर की गूंज तेज हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश के तहत सरकारी जमीन से अवैध निर्माण हटाने का बड़ा अभियान पूरे प्रदेश में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में सुमन नगर क्षेत्र में स्थित सिंचाई विभाग की भूमि पर बनी अवैध मजार को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। जिला प्रशासन ने इस कार्रवाई से पहले नोटिस जारी किया था, जिसकी समय सीमा समाप्त होते ही भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ बुलडोजर चला दिया गया। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से बने किसी भी धार्मिक स्थल को बख्शा नहीं जाएगा। मौके पर एसडीएम अजय वीर समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे और पूरी कार्रवाई को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया।
प्रदेश में सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के इस अभियान के तहत अब तक हरिद्वार जिले में एक दर्जन से अधिक मजारों को तोड़ा जा चुका है। इसके अलावा, जिला प्रशासन ने हरिद्वार में अब तक 10 अवैध मदरसों को सील करने की कार्रवाई भी की है। राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को हटाने की नीति के तहत उठाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश के मूल स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी और धर्म की आड़ में अवैध गतिविधियां चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ भी व्यापक स्तर पर कार्रवाई चल रही है। हाल ही में 21 मार्च को उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों में 18 मदरसों को सील किया गया था, जिनमें से 16 उधमसिंह नगर में और 2 हरिद्वार जिले में थे। पूरे प्रदेश में अब तक 136 अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है। सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक, उत्तराखंड में करीब 500 अवैध मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है। सरकार को यह भी संदेह है कि कहीं ये मदरसे हवाला फंडिंग के जरिए तो नहीं चल रहे हैं। इसको लेकर भी जांच चल रही है, और यदि किसी भी मदरसे में अवैध गतिविधियों के प्रमाण मिलते हैं, तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हरिद्वार में प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोगों ने इसे सरकार की सही नीति करार दिया, तो कुछ ने इसे धार्मिक स्थलों के खिलाफ अभियान करार देकर विरोध जताया। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह कानून के दायरे में की जा रही है और इसमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। प्रदेशभर में चल रहे इस अभियान के तहत अगले चरण में अन्य अवैध निर्माणों को भी ध्वस्त किया जाएगा।
राज्य सरकार लगातार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि उत्तराखंड की भूमि को किसी भी प्रकार के अतिक्रमण से मुक्त रखा जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्पष्ट संदेश है कि प्रदेश में अवैध कब्जों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धार्मिक स्थलों के नाम पर किए गए अवैध निर्माणों को हटाने की इस मुहिम को और तेज किया जाएगा। सरकार के अनुसार, यह कार्रवाई केवल सरकारी भूमि की सुरक्षा के लिए है और इसका किसी समुदाय विशेष से कोई लेना-देना नहीं है।
हरिद्वार प्रशासन इस पूरी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए कमर कस चुका है और आने वाले समय में जिले के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखें और किसी भी तरह के भ्रामक प्रचार से बचें। इस अभियान के तहत अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई जारी रहेगी और जो भी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।