रामनगर। गुरुवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा उस वक्त घटित हो गया जब ढिकुली स्थित राजकीय इंटर कॉलेज जा रहे स्कूली बच्चों से भरे टेंपो को एक तेज रफ्तार कार ने जबरदस्त टक्कर मार दी। सुंदरखाल गांव से रोज़ाना की तरह बच्चों को लेकर स्कूल की ओर बढ़ रहा टेंपो जब गर्जिया मंदिर के पास पहुंचा, तभी अचानक विपरीत दिशा से आई एक वैगन आर कार ने उसे सीधे रॉन्ग साइड से टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयानक थी कि टेंपो उछलकर सड़क किनारे कच्चे रास्ते में जा गिरा और उसमें सवार बच्चे बुरी तरह से इधर-उधर झटके खाकर गिर पड़े। चीख-पुकार मच गई और आसपास मौजूद स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़े। इस भीषण टक्कर के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और बच्चों को आनन-फानन में इलाज के लिए रामनगर के रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद दो बच्चों की हालत गंभीर बताई गई और उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
चश्मदीदों ने बताया कि जिस वैगन आर कार ने हादसा किया, वह काफी तेज गति में थी और गलत दिशा में दौड़ रही थी। जिस समय टेंपो गर्जिया मंदिर के पास पहुंचा, उस वक्त कार ने बिना किसी चेतावनी के सीधी टक्कर मार दी। जोरदार धक्के के चलते टेंपो का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क किनारे झाड़ियों में जा घुसा। इस टक्कर की चपेट में आकर टेंपो में बैठे आठ स्कूली छात्र, चालक और एक बुजुर्ग यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर पहुंचे स्थानीय नागरिकों ने मानवता का परिचय देते हुए घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने में सहायता की। इसी दौरान लोगों ने कार सवारों को पकड़ा भी, जिनकी गतिविधियों पर संदेह जताया जा रहा है। बताया गया कि टक्कर मारने वाले कार सवार नशे की हालत में थे और चुनाव के सिलसिले में दिल्ली से गांव की ओर जा रहे थे।
घटना के बाद घायल बच्चों ने भी अपनी पीड़ा साझा की। उनका कहना था कि रोज की तरह वे स्कूल जा रहे थे, सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन अचानक सामने से तेज रफ्तार में आती कार ने बिना चेतावनी के सामने से आकर टक्कर मार दी। बच्चों का कहना है कि कार इतनी तेज आ रही थी कि उन्हें कुछ समझ में आने से पहले ही जोरदार झटका लगा और वे चोटिल हो गए। बच्चों ने यह भी कहा कि कार गलत दिशा से आई और बेहद लापरवाही से चलाई जा रही थी। दर्द से कराहते हुए बच्चों की हालत देख स्थानीय लोग बेहद व्यथित हो उठे और इस लापरवाही पर गहरा आक्रोश भी प्रकट किया।
टेंपो के चालक नवीन सिंह अधिकारी ने घटना की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि वह रोज की तरह बच्चों को सुंदरखाल गांव से ढिकुली स्थित विद्यालय ले जा रहे थे। अचानक सामने से तेज रफ्तार में वैगन आर आई, जो पूरी तरह से रॉन्ग साइड से आ रही थी। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने कार को सामने देखा तो टेंपो को बचाने के लिए कच्चे रास्ते की ओर मोड़ने की कोशिश की, लेकिन कार चालक ने उसी दिशा में गाड़ी घुसा दी और टक्कर मार दी। नवीन सिंह अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि कार सवार नशे में थे और टक्कर के बाद बाहर निकलकर बहस और मारपीट पर उतारू हो गए। उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा कि यदि समय पर स्थानीय लोग न आते तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी।
रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दीपा ने बताया कि इस दुर्घटना में कुल 10 लोग घायल हुए हैं, जिनमें आठ स्कूली छात्र, एक चालक और एक बुजुर्ग यात्री शामिल हैं। सभी घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया है, लेकिन दो बच्चों की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है। डॉक्टर ने बताया कि समय पर इलाज मिलने से सभी की स्थिति अब स्थिर है, लेकिन बच्चों के मानसिक आघात की भी जांच की जा रही है क्योंकि इस प्रकार की घटनाएं उनमें दीर्घकालिक असर छोड़ सकती हैं। अस्पताल में परिजनों की भीड़ जुटी रही और हर कोई इस दुर्घटना को लेकर स्तब्ध नजर आया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और पूरे मामले की गंभीरता से जांच शुरू की गई। कार चालक को हिरासत में लेकर मेडिकल परीक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वह नशे की हालत में था या नहीं। इसके साथ ही पुलिस ने वाहन की रजिस्ट्रेशन डिटेल्स और चालक के पते की भी पुष्टि की है। बताया गया है कि कार सवार लोग दिल्ली से पहाड़ वोट डालने के लिए आ रहे थे, क्योंकि कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में उस दिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। इस हादसे ने न केवल बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि चुनाव के दिन शराब पीकर वाहन चलाने वालों की लापरवाही को भी उजागर किया है।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहनों के मार्गों पर निगरानी बढ़ाई जाए और नशे की हालत में ड्राइविंग करने वालों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं तब तक नहीं रुकेंगी जब तक प्रशासन सख्ती नहीं अपनाता। बच्चों की सुरक्षा को सर्वाेपरि मानते हुए उन्होंने यह भी अपील की है कि स्कूल रूट्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और पुलिस की नियमित गश्त सुनिश्चित की जाए। प्रशासन पर अब इस हादसे से सबक लेने की ज़िम्मेदारी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से मासूम जिंदगियों को बचाया जा सके।