काशीपुर। देवभूमि की राजधानी देहरादून पहुंचे महापौर दीपक बाली ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके सरकारी आवास पर आत्मीय वातावरण में मुलाकात कर काशीपुर के सर्वांगीण विकास से जुड़ी तमाम योजनाओं पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया। इस मुलाकात में शहर की आधारभूत संरचना, प्रमुख सड़कों के विस्तार, जल निकासी, स्वच्छता और अन्य नागरिक सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर गंभीर संवाद हुआ। वहीं, इस वार्ता को विशेष बनाते हुए महापौर ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा, जिसमें उन्होंने काशीपुर नगर की सनातनी संस्कृति, ऐतिहासिक मूल्यों और सांस्कृतिक गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए नगर क्षेत्र के प्रमुख स्थलों और मोहल्लों के नामकरण महापुरुषों के नाम पर किए जाने की पहल की। यह प्रस्ताव न केवल क्षेत्रीय अस्मिता का प्रतीक है, बल्कि जनभावनाओं के सम्मान का भी प्रतीकात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान महापौर ने उन्हें एक आधिकारिक पत्र सौंपते हुए विनम्र आग्रह किया कि काशीपुर नगर निगम और तहसील क्षेत्र के कुछ प्रमुख मार्गों तथा मोहल्लों का नाम उन महान संतों, तपस्वियों और ऐतिहासिक विभूतियों के नाम पर रखा जाए जिन्होंने अपने जीवन और कृतित्व से समाज को दिशा दी है। उनका मानना है कि इस ऐतिहासिक कदम से जहां इन दिव्य विभूतियों को यथोचित सम्मान मिलेगा, वहीं नगर की सनातनी परंपरा को मजबूती भी प्राप्त होगी। साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस परिवर्तन से स्थानीय जनता की धार्मिक आस्था को संबल मिलेगा और काशीपुर की सांस्कृतिक पहचान को एक नया गौरवशाली अध्याय मिलेगा। इस पहल को युगों-युगों तक स्मरणीय बनाए रखने का उद्देश्य बताते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि वह जनभावनाओं को सम्मान दें और इस अनुरोध को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करें।
नगर क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना को सहेजने के उद्देश्य से महापौर दीपक बाली ने मुख्यमंत्री के समक्ष जिन स्थानों के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव रखा, वे स्थान जनमानस की गहराई से जुड़ी आस्थाओं और परंपराओं से मेल खाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया है कि मोहल्ला काजीबाग का नाम परिवर्तित कर ‘रामबाग’ रखा जाए, जो भगवान राम की मर्यादा और लोककल्याण के आदर्शों का प्रतीक होगा। इसके साथ ही थाना साबिक का नाम ‘वासुदेव नगर’ रखने की सिफारिश की गई है, जिससे भगवान श्रीकृष्ण के पिताश्री वासुदेव के नाम को सम्मान दिया जा सके। लक्ष्मीपुर पट्टी को ‘सूर्यसेन नगर’ का नाम देने का अनुरोध किया गया है, जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सूर्यसेन की वीरता का स्मरण कराएगा। वहीं सरवरखेड़ा को ‘लक्ष्मण नगर’ और बाबरखेड़ा को ‘हरी नगर’ नाम देने का सुझाव भी उन्होंने दिया, ताकि क्षेत्र की सनातनी भावना को सशक्त पहचान मिल सके।
इसी कड़ी में उन्होंने बाजपुर रोड स्थित चौती चौराहे का नाम मां बाल सुंदरी देवी चौक रखने का अनुरोध किया, जो इस क्षेत्र की मातृशक्ति और धार्मिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करता है। टांडा तिराहा को चौधरी चरण सिंह चौक, मंडी तिराहा को भगवान महावीर चौक, रामनगर बाजपुर रोड बाईपास को भगवान चित्रगुप्त मार्ग, चीमा चौराहे को महाराजा अग्रसेन चौक तथा जसपुर रोड पर स्थित चौती तिराहे को भगवान परशुराम चौक नाम देने की सिफारिश भी पत्र में की गई। यह सभी प्रस्ताव न केवल धार्मिक भावना से ओतप्रोत हैं, बल्कि भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं।
महापौर का यह कदम काशीपुर की सनातनी जनता के बीच उत्साह और आत्मगौरव का कारण बनता दिख रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि जनता की आस्था को मान देते हुए इन नामकरण प्रस्तावों पर सहमति दी जाए, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशीपुर की पहचान को और अधिक सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने इस संवाद के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया कि यह नाम परिवर्तन केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव, ऐतिहासिक मूल्यों और सांस्कृतिक पहचान की पुनर्स्थापना की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
महापौर दीपक बाली ने इस ऐतिहासिक क्षण को युगों-युगों तक अविस्मरणीय बनाए रखने की कामना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया कि वे इस सांस्कृतिक और जनभावनाओं से जुड़ी पहल को अपना आशीर्वाद प्रदान करें। उन्होंने कहा कि यह केवल नाम परिवर्तन की प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह नगरवासियों की आस्था, परंपरा और सम्मान की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। काशीपुर की धर्मप्रेमी और सनातन विचारधारा से ओतप्रोत जनता को पूर्ण विश्वास है कि इस विचार को स्वीकृति मिलने पर नगर की पहचान और अधिक पवित्र, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध होगी। यह प्रयास नगर के धार्मिक पथ को न केवल सशक्त करेगा, बल्कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा, जिससे काशीपुर की अस्मिता को नई ऊंचाई मिलेगी।