काशीपुर। नगर के सक्रिय पत्रकार संगठन “काशीपुर मीडिया सेन्टर” की मासिक बैठक इस बार भी चर्चाओं और प्रस्तावों की गूंज के साथ संपन्न हुई, जहां पत्रकारिता से जुड़े हितों के साथ-साथ आम जन के सरोकारों को भी प्रमुखता से रखा गया। बैठक का आरंभ कार्यकारी अध्यक्ष सोनू जैन द्वारा किया गया, जिन्होंने पूर्व बैठक की कार्यवाही को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए संगठन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। इस क्रम में उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन को और अधिक सक्रिय और प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से कुछ नए पत्रकारों को संगठन से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। इस विचार पर संगठन के अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह सेठी समेत उपस्थित पदाधिकारियों ने अपनी सशर्त सहमति जताई, जिससे साफ हो गया कि संगठन अपने दायरे को विस्तार देने की दिशा में गंभीरता से कदम बढ़ा रहा है।
बैठक में संगठन की प्रशासनिक मजबूती को लेकर भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए, जिसमें सदस्यता शुल्क को समय पर जमा करना एक मुख्य विषय रहा। यह तय किया गया कि सदस्यता के लिए एकमुश्त शुल्क और मासिक शुल्क समय से कोषाध्यक्ष नीरज गुप्ता के पास जमा कराया जाए, जिससे संगठन की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनी रहे। कई सदस्यों ने बैठक के दौरान ही शुल्क अदा कर अपनी जिम्मेदारी को निभाया, जिससे संगठन की अनुशासित कार्यशैली का प्रमाण मिला। इन प्रशासनिक बिंदुओं के बीच यह भी तय किया गया कि संगठन के सभी सक्रिय सदस्यों की सूची तैयार कर उसे स्थानीय प्रशासन को सौंपा जाएगा, जिससे उनकी पहचान स्पष्ट हो और प्रशासनिक स्तर पर किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।

इस बैठक में संगठन की पहचान और सक्रियता को और मजबूत करने हेतु एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। अब “काशीपुर मीडिया सेन्टर” से जुड़े पत्रकारों के वाहनों पर विशेष स्टीकर लगाए जाएंगे, जिससे उनकी प्रेस पहचान सुनिश्चित हो सके। इस निर्णय के पीछे मुख्य उद्देश्य यह था कि संगठन के पत्रकार जब रिपोर्टिंग या किसी भी कवरेज के लिए फील्ड में निकलें तो उन्हें ट्रैफिक अथवा सुरक्षा संबंधी किसी भी तरह की बाधा का सामना न करना पड़े। यह प्रयास पत्रकारों को कार्यक्षेत्र में निर्बाध रूप से सक्रिय रखने के साथ-साथ उनकी पहचान को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम साबित होगा।
बैठक का सबसे अहम बिंदु तब सामने आया जब क्षेत्र में आम नागरिकों को रोजाना हो रही एक गंभीर समस्या पर चर्चा की गई। काशीपुर में ई-रिक्शा चालकों द्वारा सवारियों से मनमाने किराये की वसूली पर संगठन के सभी सदस्यों ने एक सुर में नाराजगी जताई। इसके साथ ही इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाते हुए यह निर्णय लिया गया कि “काशीपुर मीडिया सेन्टर” की ओर से एक ज्ञापन स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और नगर निगम प्रशासन को सौंपा जाएगा। ज्ञापन में ई-रिक्शा चालकों के लिए तय स्टैंड, निश्चित रूट और किराया निर्धारण की मांग प्रमुख रूप से की जाएगी, ताकि क्षेत्र की जनता को इस अराजकता से राहत मिल सके। इस मुद्दे को जनहित में सबसे ऊपर रखते हुए सभी सदस्यों ने प्रस्ताव पर अपनी पूर्ण सहमति जताई, जो संगठन की सामाजिक जवाबदेही को दर्शाता है।
बैठक के समापन तक वातावरण पूरी तरह संकल्पमय बन गया, जहां पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना भी स्पष्ट रूप से झलकती रही। बैठक में अनेक प्रमुख पत्रकारों की उपस्थिति ने इसकी गरिमा को और बढ़ाया। उपस्थित वरिष्ठ सदस्यों में वरिष्ठ महामंत्री विपिन चौहान, महामंत्री गजेन्द्र यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रफी खान, सचिव करन सिंह, नवीन अरोरा, दीपक बुधानी, सुनील कोठारी, मिर्जा अजीम बेग, बकुल डोनाल्ड, मौ. नफीस, नाजिम मंसूरी, मौ. शमी, अभिषेक रावत, मौ. अकरम, अशोक सिंधवानी, अनिल सिंधवानी, कुंदन विष्ट, माणिक गुप्ता, मुकुल मानव, राजू सिंह, अतुल तिवारी और फरीद सिद्दीकी जैसे नाम शामिल रहे, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से संगठन की एकजुटता और प्रतिबद्धता को प्रमाणित किया।

काशीपुर मीडिया सेंटर की मासिक बैठक में कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह सेठी ने बताया कि सबसे पहले यह तय किया गया है कि संगठन से जुड़े सक्रिय पत्रकारों की अधिकृत सूची तैयार कर प्रशासन को सौंपी जाएगी। इस सूची के माध्यम से यह स्पष्ट होगा कि कौन-कौन पत्रकार “काशीपुर मीडिया सेंटर” से विधिवत रूप से जुड़े हुए हैं, जिससे प्रशासनिक स्तर पर संवाद में पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने बताया कि बैठक में शहर की एक बड़ी समस्या – ई-रिक्शा चालकों की मनमानी किराया वसूली – पर भी गंभीरता से चर्चा की गई। इस मुद्दे पर आम जनता से लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनज़र सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि एक मांग पत्र तैयार कर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, महापौर दीपक बाली, एसडीएम, एसपी, कोतवाल और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा जाएगा। इस ज्ञापन में दो मुख्य मांगें रखी जाएंगी – पहली, ई-रिक्शा के तय रूट निर्धारित किए जाएं और दूसरी, किराए की एक मानक दर लागू की जाए। दिलीप्रीत सिंह सेठी ने स्पष्ट किया कि यदि यह दोनों मांगें मानी जाती हैं, तो शहर में ई-रिक्शा से जुड़ी अव्यवस्था काफी हद तक नियंत्रित हो सकेगी और आम जनता को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान भी जारी रहेगा और संगठन जनहित के मुद्दों को लगातार प्राथमिकता देता रहेगा।
इस बैठक ने यह साबित कर दिया कि “काशीपुर मीडिया सेन्टर” केवल पत्रकारों के हक की बात नहीं करता, बल्कि जनता के हर उस मुद्दे को भी उठाने को तैयार है, जिससे समाज का आम व्यक्ति प्रभावित होता है। संगठन की यह सक्रियता न केवल उसकी प्रासंगिकता को और मजबूत करती है, बल्कि पत्रकारिता को जनसेवा के साथ जोड़ने का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।