काशीपुर। बृहस्पतिवार की शाम को कुंडा थाना क्षेत्र स्थित जसपुर रोड रजा कॉलोनी में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब मोहल्ला आर्य नगर निवासी आसिफ रजा के शटरिंग गोदाम में अचानक भीषण आग भड़क उठी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम करीब सात बजे गोदाम के पिछले हिस्से से धुआं उठता देखा गया, जो देखते ही देखते भयंकर लपटों में तब्दील हो गया। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। जैसे ही आग की सूचना मिली, दमकल विभाग की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन आग की भयावहता को देखते हुए आसपास की फैक्ट्रियों से भी दमकल की गाड़ियां बुला ली गईं। आग इतनी विकराल थी कि पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे काबू में लाया जा सका। इस दौरान दमकल की कुल आठ गाड़ियां आग बुझाने में लगी रहीं और लगातार पानी का छिड़काव किया गया।
शटरिंग गोदाम के मालिक आसिफ रजा के अनुसार, यह गोदाम करीब 5500 वर्ग फीट क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जिसमें मकान निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाने वाला शटरिंग का सारा सामान जैसे एप्पलाई, बल्लियां, सटक व अन्य आवश्यक सामग्री रखी गई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें सबसे पहले गोदाम के पास रहने वाले एक स्थानीय निवासी ने आग लगने की सूचना दी थी। जब वे मौके पर पहुंचे, तब तक लपटें आसमान छूने लगी थीं और धुआं चारों ओर फैल चुका था। उन्होंने बताया कि लगभग सवा सात बजे ट्रांसफार्मर से शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे आग झाड़ियों में लगी और वहीं से फैलते हुए गोदाम तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि फायर ब्रिगेड को सूचना देने के बाद भी दमकल की पहली गाड़ी को घटनास्थल तक पहुंचने में 15 से 20 मिनट लग गए, क्योंकि रास्ते में रेलवे फाटक बंद था और ऊंचाई बाधा की वजह से वाहन फंस गया था।
एसडीएम को जब स्थिति की गंभीरता की सूचना दी गई, तो उन्होंने तुरंत आसपास की फैक्ट्रियों से दमकल की गाड़ियां मंगवाकर रवाना कीं। उन्होंने प्रशासन की तत्परता के लिए आभार भी जताया, लेकिन साथ ही आग की प्रारंभिक अवस्था में फायर ब्रिगेड की देरी को लेकर चिंता भी जाहिर की। उनका कहना था कि यदि फायर ब्रिगेड की गाड़ी समय से पहुंचती, तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। गोदाम में रखा लगभग सारा सामान आग की भेंट चढ़ गया है और अभी नुकसान का सही आंकलन नहीं हो पाया है, लेकिन अनुमान है कि लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। उनका यह भी कहना है कि उनका व्यवसाय सरकारी ठेकेदारी से जुड़ा हुआ है और वह सारा शटरिंग का बचा हुआ सामान इस गोदाम में संग्रहित करते थे, जो अब पूरी तरह जल चुका है।
प्रत्यक्षदर्शी डॉ. शिफा तनवीर ने बताया कि आग की लपटें इतनी भयावह थीं कि आसपास के लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। उन्होंने बताया कि जिस वक्त आग लगी, उस समय पूरा क्षेत्र दहशत में था और लोग दमकल की गाड़ियों का इंतजार कर रहे थे। वहीं प्रभारी अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि आग की सूचना मिलते ही टीम को रवाना कर दिया गया था, लेकिन रेलवे फाटक बंद होने के कारण दमकल की पहली गाड़ी थोड़ी देर से पहुंची। उसके बाद जसू, सिद्धार्थ पेपर मिल और टाटा से दमकल गाड़ियां मंगाई गईं, जिन्होंने काफी हद तक आग पर काबू पा लिया है। अधिकारी ने यह भी बताया कि झाड़ियों में किसी के द्वारा लगाई गई आग के चलते यह हादसा हुआ है, जिससे आग गोदाम तक फैल गई। उन्होंने आश्वासन दिया कि आग को अब टूट-फूट कर पूरी तरह बुझा दिया जाएगा।
फिलहाल दमकल विभाग के अनुसार, आठ दमकल गाड़ियां आग बुझाने में लग चुकी हैं और पूरी तरह से नियंत्रण पाने में अभी कुछ और समय लग सकता है। प्रशासन और फायर ब्रिगेड लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। गोदाम में रखा शटरिंग का पूरा सामान, जिसमें बल्लियां, एप्पलाई और अन्य निर्माण सामग्री शामिल थी, लगभग नष्ट हो चुका है। प्रशासन की ओर से नुकसान के आकलन के लिए टीम गठित की जा रही है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट सामने लाई जाएगी। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि औद्योगिक इलाकों में अग्निशमन व्यवस्था को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बड़े नुकसान से बचा जा सके।