रामनगर। करनपुर स्थित आदर्श विद्यालय राजकीय इंटर कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई पीएनजी पीजी स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर के विशेष सात दिवसीय शिविर के छठवें दिन जबरदस्त जोश और उमंग देखने को मिली। इस दिन का मुख्य आकर्षण एक प्रभावशाली भाषण प्रतियोगिता रही, जिसमें स्वयंसेवकों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ भाग लिया। इस प्रतियोगिता का विषय था ष्अनुशासन का छात्र जीवन में महत्वष्, जिस पर बोलते हुए प्रतिभागियों ने अनुशासन को सफलता की कुंजी बताते हुए अपने विचार साझा किए।
कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच निर्णायक मंडल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान से सम्मानित किया। इस प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का कार्य किया, जिससे न केवल उनके विचारों में परिपक्वता आई बल्कि उनके संवाद कौशल को भी निखारने में सहायता मिली। प्रतिभागियों ने अनुशासन के महत्व को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते हुए अपनी अभिव्यक्ति क्षमता को मजबूती दी। इस आयोजन ने छात्र-छात्राओं को आत्मविश्वास बढ़ाने और सार्वजनिक रूप से अपने विचार रखने की कला में दक्ष बनने का अवसर दिया। शिविर में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों ने इसे अपने व्यक्तित्व विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना और पूरे जोश एवं आत्मीयता के साथ इसमें भाग लिया। इस प्रतियोगिता ने उनमें नेतृत्व कौशल को विकसित करने और उनके आत्म-संयम को प्रोत्साहित करने का कार्य किया।
भाषण प्रतियोगिता के बाद शिविर में उपस्थित स्वयंसेवकों ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का परिचय देते हुए विद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया। झाड़ू उठाकर कूड़ा साफ करने से लेकर कचरे का सही निस्तारण करने तक, इन युवाओं ने स्वच्छता के प्रति अपनी गहरी निष्ठा प्रकट की। विद्यालय के गलियारों से लेकर आसपास के सार्वजनिक स्थलों तक, हर जगह इन स्वयंसेवकों की मेहनत साफ झलक रही थी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता को केवल एक आदत नहीं बल्कि जीवनशैली बनाने का संदेश देना था, जिसे शिविर के प्रतिभागियों ने बखूबी साकार किया। स्थानीय नागरिकों ने भी इस मुहिम की सराहना की और कुछ ने स्वयंसेवकों के साथ मिलकर सफाई कार्य में योगदान दिया।
शिविर के छठवें दिन को और यादगार बनाने के उद्देश्य से डॉव दीपक खाती और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री गोविंद सिंह जंगपांगी ने स्वयंसेवकों के उत्साहवर्धन हेतु विशेष योगदान दिया। उन्होंने शिविरार्थियों के लिए 10 लीटर दूध और 5 किलो पनीर उपलब्ध कराया, जिससे न केवल उनकी शारीरिक ऊर्जा को बढ़ावा मिला, बल्कि यह उनके समर्पण और परिश्रम की सराहना का प्रतीक भी बना। यह सहयोग स्वयंसेवकों के प्रति प्रोत्साहन और सम्मान का अद्भुत उदाहरण था, जिसने उनकी सेवा भावना को और अधिक प्रेरित किया। इस प्रयास से प्रतिभागियों को यह अहसास हुआ कि उनकी मेहनत और निष्ठा को महत्व दिया जा रहा है। इस सराहनीय पहल ने स्वयंसेवकों में समाजसेवा के प्रति और अधिक जोश और समर्पण का संचार किया, जिससे वे भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित हुए।
वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुरेश चन्द्रा ने शिविर के सफल आयोजन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का यह सात दिवसीय विशेष शिविर स्वयंसेवकों के सर्वांगीण विकास का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य केवल सेवा कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व कौशल और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करने का सशक्त माध्यम भी है। डॉ चन्द्रा ने स्वयंसेवकों के जोश और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि इन युवाओं की भागीदारी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है। उन्होंने सभी अतिथियों और आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए आशा जताई कि शिविर में सीखे गए मूल्य और अनुभव भविष्य में भी स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व और कार्यशैली में परिलक्षित होंगे।
वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुरेश चन्द्रा ने इस अवसर पर मुख्य अतिथियों का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया और उनके सहयोग को सराहा। उन्होंने कहा कि डॉ. दीपक खाती और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री गोविंद सिंह जंगपांगी द्वारा स्वयंसेवकों के लिए 10 लीटर दूध और 5 किलो पनीर उपलब्ध कराना न केवल एक प्रेरणादायक कदम है, बल्कि यह उनकी मेहनत और समर्पण को सम्मान देने का उत्कृष्ट उदाहरण भी है। उन्होंने स्वयंसेवकों की अनुशासनप्रियता और सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवाओं को समाज के प्रति जागरूक और उत्तरदायी बनाते हैं। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों को भविष्य में भी इसी जोश और निष्ठा के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया और शिविर की सफलता के लिए सभी को शुभकामनाएं दीं।