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वरिष्ठ अधिवक्ता के.एन. पंत के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि, सैकड़ों अधिवक्ताओं ने साझा की स्मृतियां

दिग्गज अधिवक्ता के.एन. पंत के निधन पर बार एसोसिएशन में गूंजा शोक, उनके आदर्शों को आत्मसात करने का लिया गया संकल्प।

काशीपुर। काशीपुर बार एसोसिएशन भवन में उस समय गहरी शोक लहर दौड़ गई जब वहां वरिष्ठ अधिवक्ता एवं परम सम्मानित सदस्य के.एन. पंत के आकस्मिक निधन की सूचना पर एक विशेष शोकसभा का आयोजन किया गया। यह सभा न केवल एक विधिक संगठन की औपचारिक प्रक्रिया थी, बल्कि अपने एक प्रिय मार्गदर्शक, स्नेही सहयोगी और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के धनी अधिवक्ता को अंतिम विदाई देने का एक गहन भावनात्मक क्षण भी था। अधिवक्ता पंत का जाना न केवल काशीपुर की न्यायिक बिरादरी के लिए, बल्कि संपूर्ण क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोकसभा के प्रारंभ में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की गई।

इस अवसर पर काशीपुर बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनूप कुमार शर्मा, सचिव नृपेंद्र कुमार चौधरी, कोषाध्यक्ष सौरभ शर्मा, ऑडिटर हिमांशु बिश्नोई, प्रवक्ता दुष्यंत चौहान सहित बार के कई वरिष्ठ एवं नवोदित अधिवक्ताओं ने स्वर्गीय के.एन. पंत के प्रति गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने भावों को व्यक्त किया। वक्ताओं ने कहा कि पंत जी का जीवन सादगी, ईमानदारी और निष्ठा का प्रतीक था। उनका अनुशासित आचरण, विधिक ज्ञान और सभी के साथ सहयोग की भावना ने उन्हें विशेष बना दिया था। वरिष्ठ अधिवक्ताओं मनोज जोशी, राजाराम, साधु सिंह और हरी सिंह नेगी ने कहा कि पंत जी की विचारशीलता और कर्मनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श है। उनके संघर्षमय जीवन और समाज के प्रति समर्पण को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि पंत जी का स्मरण मात्र ही अधिवक्ताओं में ऊर्जा और प्रेरणा भर देता है।

शोकसभा में उपस्थित पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र तुली, विपिन कुमार अग्रवाल, सुरेन्द्र सक्सेना, रामकुवर चौहान, के.डी. भट्ट समेत तमाम वकीलों ने भी अपने संस्मरण साझा किए और कहा कि पंत जी जैसे व्यक्तित्व विरले होते हैं, जिन्होंने कानून के पेशे में रहते हुए हमेशा मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखा। वक्ताओं ने यह संकल्प भी लिया कि वे स्वर्गीय पंत के सादगीपूर्ण, परंतु प्रभावशाली जीवनशैली को अपने आचरण में आत्मसात करने का प्रयास करेंगे, जिससे न केवल उनका स्मरण जीवित रहेगा, बल्कि न्यायपालिका में नैतिकता और गरिमा का स्तर भी ऊंचा बना रहेगा।

इस शोकसभा में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि पंत जी केवल एक अधिवक्ता नहीं, बल्कि सबके प्रिय मार्गदर्शक, सच्चे साथी और संवेदनशील नागरिक थे। कार्यक्रम में कामिनी श्रीवास्तव, अविनाश कुमार, अमित गुप्ता, अमृत पाल सिंह, नरदेव सैनी, विवेक मिश्रा, महावीर सिंह, रोहित नायक, शेर सिंह बाजवा, रणजीत सिंह, सुरेंद्र पाल सिंह, मुनिदेव विश्नोई, भास्कर त्यागी, रिषभ समर्थ, विक्रम, पंकुल गुप्ता, सुन्दर सिंह, कैलाश कुमार, प्रशांत रावत, विष्णु भटनागर, मनेश अग्रवाल, पंकज चौहान, रवि सैनी, दौलत सिंह प्रजापति, शिवम् जोशी, आर.सी. सैनी, राजकुमार, देशराज सिंह समेत तमाम अधिवक्तागण भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित रहे।

अंत में काशीपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार चौबे ने सभा को संबोधित करते हुए गहरे भावनात्मक स्वर में कहा कि स्वर्गीय के.एन. पंत का स्थान कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे न केवल एक वरिष्ठ अधिवक्ता थे, बल्कि एक मार्गदर्शक, विचारशील समाजसेवी और सभी के प्रिय व्यक्तित्व भी थे। उन्होंने कहा कि पंत जी ने जिस प्रकार विधि के क्षेत्र में सादगी, नैतिकता और कर्तव्यपरायणता का पालन किया, वह हम सभी के लिए अनुकरणीय है। उनके विचार, सिद्धांत और व्यवहार आज भी हम सभी के दिलों में जीवित हैं और सदैव प्रेरणा देते रहेंगे। चौबे ने बार एसोसिएशन की ओर से शोक संतप्त परिवार को हरसंभव सहयोग का आश्वासन देते हुए सभी अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में पंत जी के आदर्शों को अपनाएं, जिससे बार की गरिमा और एकता निरंतर बनी रहे।

उपसचिव सूरज कुमार ने शोकसभा के अंत में अपने भावुक संबोधन में कहा कि स्वर्गीय के.एन. पंत न केवल एक आदर्श अधिवक्ता थे, बल्कि वे हम सभी के लिए प्रेरणा के स्त्रोत भी थे। उन्होंने अपने लंबे विधिक जीवन में जिस ईमानदारी, धैर्य और संयम के साथ कार्य किया, वह आज के युवा अधिवक्ताओं के लिए एक जीवंत उदाहरण है। उनका सहज व्यवहार, वरिष्ठों के प्रति सम्मान और कनिष्ठों के लिए सहयोग की भावना उन्हें सबके बीच लोकप्रिय बनाती थी। सूरज कुमार ने कहा कि पंत जी जैसे महान व्यक्तित्व का जाना निश्चित ही एक अपूरणीय क्षति है, परंतु उनका आदर्श हम सभी के आचरण में जीवित रहेगा। उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे स्वर्गीय पंत के सिद्धांतों को अपनाकर बार की गरिमा और एकता को और अधिक सशक्त बनाएं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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