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वक्फ सुधार की आग में गरजा जनसैलाब, नेताओं ने भरी हुंकार परिवर्तन की

राजनीतिक जोश, सामाजिक बदलाव और न्याय की नई लहर के साथ काशीपुर में गूंजा वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और सुधार का ओजपूर्ण उद्घोष।

काशीपुर। बुधवार का दिन राजनीतिक जागरूकता की चिंगारी से धधक उठा जब वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के तहत एक भव्य आयोजन का आयोजन शहर के रिसॉर्ट में किया गया। माहौल में राजनीतिक ऊर्जा की गर्माहट महसूस की जा सकती थी, जहां सभागार के कोने-कोने में पार्टी कार्यकर्ताओं और समाज के बुद्धिजीवियों की गूंजती आवाजें वक्फ बोर्ड से जुड़े सुधारों के महत्व की बात कर रही थीं। इस प्रभावशाली आयोजन की सबसे बड़ी बात यह रही कि मंच की शोभा बढ़ाने मुख्य वक्ता के रूप में पहुँचे देश के पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय भट्ट, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम में न केवल गरिमा जोड़ी, बल्कि उपस्थित जनसमूह में उत्साह की लहर भी दौड़ा दी। उनके साथ मंच पर मौजूद रही उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, जिनके ओजपूर्ण और भावनात्मक शब्दों ने अल्पसंख्यक समाज के हक और अधिकारों की बात को नई धार दी।

कार्यक्रम की शुरुआत एक ऐसे वातावरण में हुई जहाँ हर कोना राष्ट्र और समाज की बेहतरी की भावना से लबरेज था। अजय भट्ट ने अपने प्रभावशाली संबोधन में जोर देकर कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियाँ किसी की निजी संपत्ति नहीं, बल्कि पूरे अल्पसंख्यक समाज की साझा धरोहर हैं, जिनका सही, पारदर्शी और न्यायपूर्ण उपयोग समाज की भलाई के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बड़ी गंभीरता से बताया कि इन संपत्तियों पर वर्षों से जो अनियमितताएँ और मनमानी चलती रही हैं, उन्हें अब समाप्त करने का वक्त आ गया है और इसके लिए व्यापक जनजागरण और कठोर कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह केवल सुधार की नहीं, बल्कि नए युग की शुरुआत की दस्तक है जिसमें वक्फ की जमीनें कुछ खास लोगों की जागीर नहीं, बल्कि समाज के हक की पहचान बनेंगी। उन्होंने सबको आह्वान किया कि इन संपत्तियों का संरक्षण अब हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसे हर हाल में निभाना होगा।

भाजपा राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने कहा कि वक्फ सुधार कोई महज़ कागज़ी पहल नहीं, बल्कि यह उस लंबे अन्याय का अंत है जो वर्षों से अल्पसंख्यक समाज की संपत्तियों के साथ होता रहा है। उन्होंने दहाड़ते हुए कहा कि अब वो दौर चला गया जब बंद कमरों में बैठकर कुछ गिने-चुने लोग इन ज़मीनों पर हक जताते थे। आज का भारत न्याय, पारदर्शिता और विकास की बुनियाद पर खड़ा है, और वक्फ की संपत्तियाँ अब समाज की तरक्की के लिए इस्तेमाल होंगी, ना कि किसी की व्यक्तिगत तिजोरी भरने के लिए। उन्होंने दो टूक कहा कि अब निर्णय जनता के हक में होगा और भाजपा इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेगी, क्योंकि यह बदलाव की नहीं—क्रांति की लड़ाई है।

सभा के आयोजन को मजबूती दी इंतजार हुसैन ने, जो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होंने मंच से बोलते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि यह अभियान केवल एक मंचीय आयोजन नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियाँ वर्षों से बंद मुट्ठियों में कैद हैं, जिन्हें खोलने का वक्त अब आ गया है। उनका कहना था कि जो लोग इन संपत्तियों का दुरुपयोग करते आए हैं, अब उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और समाज को उसका न्याय मिलेगा। उनके शब्दों में संघर्ष की आग और संकल्प की चिंगारी झलक रही थी, जिसने भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के बीच एकजुटता की भावना को और भी मजबूत कर दिया।

कार्यक्रम में जोश भरने का कार्य किया काशीपुर भाजपा के जिला अध्यक्ष मनोज पाल ने, जिनकी उपस्थित‍ि ने समूचे आयोजन को स्थानीय नेतृत्व का सहारा प्रदान किया। मनोज पाल ने वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के दौरान अपने तीखे तेवरों और बुलंद आवाज़ में कहा कि अब समय आ गया है जब वक्फ संपत्तियों पर वर्षों से लटक रहे भ्रष्टाचार और स्वार्थ के जाले को साफ किया जाए। उन्होंने मंच से गरजते हुए कहा कि काशीपुर की जनता अब सब समझ चुकी है—वक्फ की ज़मीनें अल्पसंख्यकों की धरोहर हैं, जिन पर कुछ खास लोग अपनी जागीर समझकर कब्ज़ा जमाए बैठे थे। लेकिन अब भाजपा का ये जनजागरण अभियान हर गली, हर मोहल्ले में चेतना का मशाल जलाकर इन अन्यायों का हिसाब मांगेगा। मनोज पाल ने स्पष्ट किया कि जब तक हर एक इंच ज़मीन समाज के कल्याण में नहीं लगती, तब तक यह आंदोलन रुकेगा नहीं—बल्कि और तेज़ होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि बदलाव की यह जंग अब हर घर तक पहुँचे।

महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के दौरान अपने तीखे और दमदार शब्दों में कहा कि यह पहल केवल ज़मीनों की सफाई नहीं, बल्कि समाज की आत्मा को न्याय दिलाने की मुहिम है। उन्होंने कहा कि वर्षों से जिन महिलाओं और गरीबों का हक इन वक्फ संपत्तियों पर दबाया गया, अब वह आवाज़ें बुलंद होंगी और उन्हें उनका अधिकार मिलेगा। सायरा बानो ने यह भी कहा कि यह अभियान अल्पसंख्यक समाज की बहनों-बेटियों के लिए उम्मीद की नई रौशनी है, जो वर्षों से विकास और हकदारी से दूर रखी गई थीं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अब वक्फ की जमीनें कुछ लोगों की जागीर नहीं, बल्कि पूरे समाज की धरोहर हैं, और भाजपा इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ बनकर खड़ी है। यह आंदोलन अब हर महिला के स्वाभिमान की लड़ाई बन चुका है।

सभा में मौजूद सैकड़ों की भीड़ इस बात की गवाही दे रही थी कि अब वक्फ सुधार कोई छोटी बहस नहीं रही, बल्कि यह एक आंदोलन का रूप ले चुकी है। अजय भट्ट, कल्पना सैनी, इंतजार हुसैन और मनोज पाल जैसे नेताओं की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी इस मुद्दे को लेकर पूरी गंभीरता से आगे बढ़ रही है। पूरे आयोजन में राजनीति और सामाजिक चेतना का ऐसा संगम देखने को मिला जो लंबे समय तक लोगों की स्मृति में जीवंत रहेगा। यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं था, यह एक सामाजिक संकल्प था, जिसकी गूंज अब काशीपुर की गलियों से निकलकर प्रदेश की सीमाओं को पार करने के लिए तैयार है।

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