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वंदना कटारिया के नाम से छेड़छाड़ पर भड़का जनसैलाब महंत शुभम गिरि ने दी खुली चेतावनी

रोशनाबाद धरने में पहुँचे महंत शुभम गिरि बोले नाम बदलने की कोशिश वंदना कटारिया का अपमान, अखिलेश यादव और इंडियन लाइंस ने भी जताया विरोध

हरिद्वार। रोशनाबाद क्षेत्र में जारी अनिश्चितकालीन धरने के तीसरे दिन की स्थिति बेहद गर्म होती जा रही है, जहां प्रदेशभर से लोगों का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के पूर्व सचिव, वर्तमान प्रदेश सचिव और प्रख्यात धर्मगुरु महंत शुभम गिरि ने धरनास्थल पर पहुँचकर जनआक्रोश को अपना समर्थन देते हुए स्पष्ट किया कि वंदना कटारिया स्पोर्ट्स स्टेडियम के नाम में किसी प्रकार का बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया के संघर्ष, सफलता और समर्पण का प्रतीक है। महंत ने कहा कि वंदना कटारिया न केवल हरिद्वार बल्कि पूरे देश की शान हैं और उन्हें इस तरह सम्मानित कर एक स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा गया था। ऐसे में उस नाम को बदलना उनकी गरिमा के विरुद्ध सीधा प्रहार होगा।

महंत शुभम गिरि ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि सरकार को कहीं “योग स्थली” की स्थापना करनी है तो वे उसके लिए कोई अन्य स्थान चयनित करें, लेकिन वंदना कटारिया के नाम से स्थापित हॉकी स्टेडियम का नाम नहीं बदला जाना चाहिए। यह नाम बदलाव केवल एक इमारत के नाम का नहीं, बल्कि उन तमाम भावनाओं और गौरव से जुड़ा है जो लाखों युवाओं को प्रेरणा देता है। महंत शुभम गिरि ने भावनात्मक शब्दों में कहा कि इस स्टेडियम का नाम वंदना कटारिया ने स्वयं रखा था और यह नाम आज खेल प्रेमियों के हृदय में बस चुका है। इसलिए इसे बदलने का कोई औचित्य नहीं है। यदि फिर भी प्रशासन इस दिशा में कोई कदम उठाता है तो यह न केवल वंदना कटारिया बल्कि उत्तराखंड के आत्मसम्मान पर कुठाराघात माना जाएगा।

इस पूरे मामले पर महंत शुभम गिरि ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी सार्वजनिक रूप से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर स्टेडियम के नाम को यथावत रखें। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य से भी अनुरोध किया कि वे इस विषय पर गंभीरता से विचार करें और नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को खारिज कर दें। महंत ने कहा कि वे शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से मिलकर एक लिखित ज्ञापन सौंपेंगे और मांग करेंगे कि इस प्रकार की कोशिशों पर तुरंत रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता की भावनाओं को समझना चाहिए और यह निर्णय जनविरोधी साबित होगा यदि इसे जबरन लागू किया गया।

इस मसले पर आगे बढ़ते हुए महंत शुभम गिरि ने यह भी बताया कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी इस विषय पर बातचीत की है, जिसमें अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया है कि वह भी वंदना कटारिया स्पोर्ट्स स्टेडियम के नाम में किसी प्रकार के बदलाव के सख्त खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि यह नाम बदलाव का प्रयास सीधे तौर पर महिला खिलाड़ियों के सम्मान में कटौती जैसा है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का समर्थन इस संघर्ष को नई ताकत देगा और जल्द ही इस मुद्दे को राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर और व्यापक रूप से उठाया जाएगा।

इतना ही नहीं, इस पूरे आंदोलन में राष्ट्रीय सामाजिक संगठन इंडियन लाइंस ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी का ऐलान करते हुए कहा है कि यदि प्रशासन द्वारा वंदना कटारिया के नाम से जुड़े इस स्टेडियम का नाम बदला गया तो वे जोरदार विरोध प्रदर्शन करेंगे। संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह सिर्फ एक नाम का नहीं बल्कि महिला सम्मान, खेल भावना और उत्तराखंड की पहचान का मुद्दा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जनभावनाओं के विपरीत जाकर निर्णय लिया तो जनआक्रोश को रोका नहीं जा सकेगा। इस समर्थन से धरने को नई ऊर्जा मिली है और अब यह आंदोलन सिर्फ हरिद्वार का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की अस्मिता का प्रतीक बनता जा रहा है।

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